जयपुर. भारत में कोरोना संक्रमित का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है. ये संख्या अब 3500 के भी पार जा पहुंची है. वहीं, इस संक्रमण से मरने वालों की संख्या 89 हो गई है. लेकिन अभी भी राजधानी जयपुर में कुछ क्षेत्र ऐसे हैं, जहां लोग संजीदा नहीं हुए हैं. यही नहीं कोविड-19 को लेकर कराए जा रहे सर्वे के दौरान सर्वे टीम के साथ भी बदसलूकी करने से बाज नहीं आ रहे.
राजस्थान में कोरोना वायरस के संक्रमण के सबसे बड़े केंद्र बन चुके राजधानी जयपुर के रामगंज इलाके में भी कोविड-19 को लेकर स्क्रीनिंग और सर्वे किया जा रहा है. लेकिन इस बीच इस काम में जुटी सर्वे और हेल्थ टीम के साथ स्थानीय बाशिंदों की ओर से लगातार बदसलूकी की घटनाएं सामने आ रही हैं.
शहर के परकोटा क्षेत्र में सर्वे कर रही टीम से जब ईटीवी भारत ने बात की तो उन्होंने ये दर्द भी बयां किया. उन्होंने बताया कि रामगंज ही नहीं परकोटे में स्थित चीनी की बुर्ज और पठानों के चौक में भी लोग सर्वे के दौरान सही जानकारी उपलब्ध नहीं करा रहे.
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यही नहीं सर्वे के कागज फाड़ने, उनके साथ अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने, यहां तक कि हिंसा पर भी उतारु रहते हैं. सर्वे टीम ने बताया कि 6 मार्च से कोविड-19 को लेकर सर्वे का कार्य शुरू किया गया था. जिसमें घर के मुखिया का नाम, सदस्य संख्या, मोबाइल नंबर और घर में किसी को खांसी-जुकाम, बुखार जैसी बीमारी तो नहीं, इस संबंध में पूछा जा रहा है.
लेकिन शहर के अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में लोग ये जानकारी देने से भी कतरा रहे हैं और उनके साथ बदसलूकी करने को आमादा रहते हैं. सर्वे टीम ने मांग की कि उनके साथ कोई प्रशासनिक अधिकारी या पुलिसकर्मी को भेजा जाए, ताकि सर्वे का कार्य पूरा किया जा सके.
प्रशासन की ओर से सर्वे टीम को सुरक्षा उपकरण के तहत मास्क, दस्ताने, सैनिटाइजर उपलब्ध कराए गए हैं. लेकिन इस सर्वे के दौरान उन्हें इन क्षेत्रों में कोरोना के साथ-साथ हिंसा और बदसलूकी से बचाने की भी दरकार पड़ रही है.