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अंबेडकर पीठ बंद करने के सरकार के निर्णय का विरोध, जनजाति मोर्चा ने राज्यपाल को दिया ज्ञापन - राजस्थान की खबरें

राजस्थान सरकार ने राजधानी जयपुर में स्थित अंबेडकर पीठ को बंद करने का निर्णय लिया है. सरकार के इस निर्णय का विरोध किया जा रहा है. इस संबध में जनजाति मोर्चा ने राज्यपाल कलराज मिश्र को ज्ञापन सौंपा है.

people are apposing decision to close Ambedkar Peeth
अंबेडकर पीठ बंद करने के सरकार के निर्णय का विरोध
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Published : Oct 17, 2020, 8:09 AM IST

जयपुर: भारतीय जनता पार्टी जनजाति मोर्चा राजस्थान ने राज्यपाल कलराज मिश्र को ऑनलाइन ज्ञापन भेज कर मांग की है कि जयपुर के मुंडला में स्थित डॉ. बी आर अंबेडकर फाउंडेशन (अंबेडकर पीठ) को बंद नहीं किए जाए. उनका कहना है कि पहले की तरह की पीठ को स्वतंत्र स्वशासी संस्था ही रखा जाए.

मोर्चे के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. ओ. पी. महेन्द्रा और मोर्चे के वरिष्ठ प्रदेश पदाधिकारियों ने राजस्थान सरकार के अंबेडकर पीठ को बन्द करने के निर्णय की कड़े शब्दों में निन्दा करके इसे बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और अजा-अजजा के हितों पर कुठाराघात बताया है. अजा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. महेन्द्रा ने बताया कि राजस्थान के प्रत्येक जिला मुख्यालय पर अनुसूचित जाति मोर्चा जिला कलेक्टर के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजेंगे.

बाबा साहेब के विचार और अवधारणाओं के प्रचार-प्रसार के लिए साल 2007-08 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में अम्बेडकर पीठ का गठन किया था. यह पीठ 75 बीघा भूमि में बना, बहुत ही सुंदर प्रशासनिक भवन है. साल 2017-18 में 7.50 करोड़ की लागत से दो छात्रावास, मैस का निर्माण किया गया, जो एससी-एसटी के शैक्षणिक विकास और कौशल विकास के लिये बनाई गई थी. इस प्रकार अनुसूचित जाति फण्ड की लगभग सौ करोड़ की सम्पत्ति उच्च शिक्षा विभाग को हस्तांतरित कर दी गई है और पीठ को समाप्त कर दिया गया है.

पढ़ें: MBC आरक्षण की मांग पर शनिवार को गुर्जरों की महापंचायत, गुर्जर नेता हिम्मत सिंह भी होंगे शामिल

डॉ. अंबेडकर विधि विश्वविद्यालय के लिए भी अंबेडकर पीठ का स्थान और स्थिति उपयुक्त नहीं है. यह पूर्व वी.सी. सांखला द्वारा पत्र भेजकर राज्य सरकार को अवगत करा दिया था. अगर सरकार भविष्य में इस विश्वविद्यालय का विकास व उन्नति चाहती है और बाबा साहब के नाम का प्रचार-प्रसार चाहती है तो जयपुर के नजदीक ही किसी उपयुक्त स्थान पर जैसे प्रतापनगर में बनाना उचित होगा. डॉ. ओ.पी. महेन्द्रा ने कहा कि बाबा साहब के नाम की एक संस्था बंद हो जाएगी. इसके साथ ही बाबा साहेब के नाम का प्रचार प्रसार बंद हो जाएगा. एससी-एसटी के हितों और उनके सर्वागीण विकास के लिए गठित संस्था का अन्त हो जाएगा.

जयपुर: भारतीय जनता पार्टी जनजाति मोर्चा राजस्थान ने राज्यपाल कलराज मिश्र को ऑनलाइन ज्ञापन भेज कर मांग की है कि जयपुर के मुंडला में स्थित डॉ. बी आर अंबेडकर फाउंडेशन (अंबेडकर पीठ) को बंद नहीं किए जाए. उनका कहना है कि पहले की तरह की पीठ को स्वतंत्र स्वशासी संस्था ही रखा जाए.

मोर्चे के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. ओ. पी. महेन्द्रा और मोर्चे के वरिष्ठ प्रदेश पदाधिकारियों ने राजस्थान सरकार के अंबेडकर पीठ को बन्द करने के निर्णय की कड़े शब्दों में निन्दा करके इसे बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और अजा-अजजा के हितों पर कुठाराघात बताया है. अजा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. महेन्द्रा ने बताया कि राजस्थान के प्रत्येक जिला मुख्यालय पर अनुसूचित जाति मोर्चा जिला कलेक्टर के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजेंगे.

बाबा साहेब के विचार और अवधारणाओं के प्रचार-प्रसार के लिए साल 2007-08 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में अम्बेडकर पीठ का गठन किया था. यह पीठ 75 बीघा भूमि में बना, बहुत ही सुंदर प्रशासनिक भवन है. साल 2017-18 में 7.50 करोड़ की लागत से दो छात्रावास, मैस का निर्माण किया गया, जो एससी-एसटी के शैक्षणिक विकास और कौशल विकास के लिये बनाई गई थी. इस प्रकार अनुसूचित जाति फण्ड की लगभग सौ करोड़ की सम्पत्ति उच्च शिक्षा विभाग को हस्तांतरित कर दी गई है और पीठ को समाप्त कर दिया गया है.

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डॉ. अंबेडकर विधि विश्वविद्यालय के लिए भी अंबेडकर पीठ का स्थान और स्थिति उपयुक्त नहीं है. यह पूर्व वी.सी. सांखला द्वारा पत्र भेजकर राज्य सरकार को अवगत करा दिया था. अगर सरकार भविष्य में इस विश्वविद्यालय का विकास व उन्नति चाहती है और बाबा साहब के नाम का प्रचार-प्रसार चाहती है तो जयपुर के नजदीक ही किसी उपयुक्त स्थान पर जैसे प्रतापनगर में बनाना उचित होगा. डॉ. ओ.पी. महेन्द्रा ने कहा कि बाबा साहब के नाम की एक संस्था बंद हो जाएगी. इसके साथ ही बाबा साहेब के नाम का प्रचार प्रसार बंद हो जाएगा. एससी-एसटी के हितों और उनके सर्वागीण विकास के लिए गठित संस्था का अन्त हो जाएगा.

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