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पैराटीचर्स ने सरकारी बाल दिवस कार्यक्रमों का किया विरोध, जयपुर में नहीं दिखा सके काले झंडे

अपनी मांगों को लेकर 15 अक्टूबर से शहीद स्मारक पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे पैराटीचर्स ने प्रदेश के कई जिलों में बाल दिवस पर सरकारी कार्यक्रमों का विरोध किया. हालांकि जयपुर में पुलिस ने विरोध करने वाले पैराटीचर्स की घेराबंदी कर काले झंडे दिखाने से रोका.

para teachers protest
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Published : Nov 14, 2021, 2:27 PM IST

Updated : Nov 14, 2021, 7:08 PM IST

जयपुर. पैराटीचर्स को नियमित करने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. पैराटीचर्स ने सरकार को सीधी चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. रविवार को जयपुर को छोड़कर अन्य जिलों में बाल दिवस के अवसर पर होने वाले कार्यक्रमों का पैराटीचर्स ने विरोध जताया.

जयपुर में विरोध जताने से पहले ही पुलिस ने घेराबंदी कर उन्हें रोक दिया, जिससे वे विरोध नहीं कर पाए. दरअसल प्रदेश के हजारों मदरसा पैराटीचर्स, राजीव गांधी पैराटीचर्स और शिक्षाकर्मी लंबे समय से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं और 15 अक्टूबर से शहीद स्मारक पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं.

बाल दिवस कार्यक्रमों का किया विरोध

दो दिन पहले संघर्ष समिति ने निर्णय किया था कि बाल दिवस पर सभी जिलों और जयपुर में होने वाले सरकारी कार्यक्रमों का विरोध करेंगे. बाल दिवस पर सरकार ने महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन कर पैदल मार्च निकाला, जिसमें मुख्यमंत्री, पीसीसी अध्यक्ष गोविंद डोटासरा व अन्य मंत्री भी शामिल हुए.

पैराटीचर्स ने निर्णय किया कि जब पैदल मार्च शहीद स्मारक के पास से गुजरेगा तो कांग्रेस नेताओं को काले झंडे दिखाए जाएंगे लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने घेराबंदी कर उन्हें धरना स्थल पर ही रोक दिया. इस दौरान उनकी पुलिस से झड़प भी हुई.

पढ़ें: RPSC की विभिन्न परीक्षाओं का साक्षात्कार कार्यक्रम जारी..अभ्यर्थी को देनी होगी कोरोना जांच रिपोर्ट

पैदल मार्च में सीएम अशोक गहलोत भी शामिल होने वाले थे. इसलिए पुलिस ज्यादा सतर्क थी. गहलोत पैदल मार्च में शामिल नहीं हुए. जब तक पैदल मार्च शहीद स्मारक से नहीं गुजरा, तब तक पुलिस पैराटीचर्स की घेराबंदी कर बैठी रही. पुलिस ने पैराटीचर के काले झंडे भी जब्त कर लिए. पीसीसी में बाल दिवस का पूरा कार्यक्रम होने के बाद ही पुलिस ने जाप्ता हटाया.

पढ़ें: अजमेर: पूर्व मंत्री अनिता भदेल ने गहलोत सरकार पर साधा निशाना, कहा- गहलोत राज में किसान परेशान

मदरसा पैराटीचर्स, राजीव गांधी पैराटीचर्स और शिक्षक कर्मियों की संघर्ष समिति के संयोजक शमशेर भालू खान ने ऐलान किया था कि यदि सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो वह 14 नवंबर बाल दिवस पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति ले लेंगे. शमशेर खान ने कहा कि उन्होंने अपना अनिवार्य सेवानिवृत्ति का प्रार्थना पत्र लिख लिया है लेकिन आज रविवार होने के कारण कार्यालय बंद है और उनकी तबीयत भी नासाज है. सोमवार को सेवानिवृत्ति का प्रार्थना पत्र विभाग को भेज देंगे. शमशेर 21 अक्टूबर से नियमितीकरण को लेकर आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं.

पढ़ें: Jan Jagran Abhiyan: महंगाई के खिलाफ Congress का हल्ला बोल, मंत्री Dotasra ने किया पैदल मार्च...VAT कटौती के संकेत

शमशेर ने कहा कि आज पुलिस ने दमनात्मक नीति अपनाते हुए हमें हमारे अधिकार से वंचित कर दिया. विरोध करना हमारा अधिकार है. उन्होंने कहा कि बाल दिवस पर चूरू, झालावाड़, धौलपुर व अन्य जिलों में पैराटीचर्स ने बड़ी रैली निकाली और सरकार का विरोध जताया.

शमशेर ने कहा कि पंजाब में एक बिल पेश कर 64 हजार कर्मचारियों को स्थाई कर दिया है. इसके अलावा झारखंड, उड़ीसा और उत्तराखंड में भी संविदाकर्मियों को स्थाई किया है. इसलिए हमारी गहलोत सरकार से भी मांग है कि हमारी जायज मांग को पूरा कर पैराटीचर्स को नियमित किया जाए.

जयपुर. पैराटीचर्स को नियमित करने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. पैराटीचर्स ने सरकार को सीधी चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. रविवार को जयपुर को छोड़कर अन्य जिलों में बाल दिवस के अवसर पर होने वाले कार्यक्रमों का पैराटीचर्स ने विरोध जताया.

जयपुर में विरोध जताने से पहले ही पुलिस ने घेराबंदी कर उन्हें रोक दिया, जिससे वे विरोध नहीं कर पाए. दरअसल प्रदेश के हजारों मदरसा पैराटीचर्स, राजीव गांधी पैराटीचर्स और शिक्षाकर्मी लंबे समय से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं और 15 अक्टूबर से शहीद स्मारक पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं.

बाल दिवस कार्यक्रमों का किया विरोध

दो दिन पहले संघर्ष समिति ने निर्णय किया था कि बाल दिवस पर सभी जिलों और जयपुर में होने वाले सरकारी कार्यक्रमों का विरोध करेंगे. बाल दिवस पर सरकार ने महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन कर पैदल मार्च निकाला, जिसमें मुख्यमंत्री, पीसीसी अध्यक्ष गोविंद डोटासरा व अन्य मंत्री भी शामिल हुए.

पैराटीचर्स ने निर्णय किया कि जब पैदल मार्च शहीद स्मारक के पास से गुजरेगा तो कांग्रेस नेताओं को काले झंडे दिखाए जाएंगे लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने घेराबंदी कर उन्हें धरना स्थल पर ही रोक दिया. इस दौरान उनकी पुलिस से झड़प भी हुई.

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पैदल मार्च में सीएम अशोक गहलोत भी शामिल होने वाले थे. इसलिए पुलिस ज्यादा सतर्क थी. गहलोत पैदल मार्च में शामिल नहीं हुए. जब तक पैदल मार्च शहीद स्मारक से नहीं गुजरा, तब तक पुलिस पैराटीचर्स की घेराबंदी कर बैठी रही. पुलिस ने पैराटीचर के काले झंडे भी जब्त कर लिए. पीसीसी में बाल दिवस का पूरा कार्यक्रम होने के बाद ही पुलिस ने जाप्ता हटाया.

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मदरसा पैराटीचर्स, राजीव गांधी पैराटीचर्स और शिक्षक कर्मियों की संघर्ष समिति के संयोजक शमशेर भालू खान ने ऐलान किया था कि यदि सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो वह 14 नवंबर बाल दिवस पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति ले लेंगे. शमशेर खान ने कहा कि उन्होंने अपना अनिवार्य सेवानिवृत्ति का प्रार्थना पत्र लिख लिया है लेकिन आज रविवार होने के कारण कार्यालय बंद है और उनकी तबीयत भी नासाज है. सोमवार को सेवानिवृत्ति का प्रार्थना पत्र विभाग को भेज देंगे. शमशेर 21 अक्टूबर से नियमितीकरण को लेकर आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं.

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शमशेर ने कहा कि आज पुलिस ने दमनात्मक नीति अपनाते हुए हमें हमारे अधिकार से वंचित कर दिया. विरोध करना हमारा अधिकार है. उन्होंने कहा कि बाल दिवस पर चूरू, झालावाड़, धौलपुर व अन्य जिलों में पैराटीचर्स ने बड़ी रैली निकाली और सरकार का विरोध जताया.

शमशेर ने कहा कि पंजाब में एक बिल पेश कर 64 हजार कर्मचारियों को स्थाई कर दिया है. इसके अलावा झारखंड, उड़ीसा और उत्तराखंड में भी संविदाकर्मियों को स्थाई किया है. इसलिए हमारी गहलोत सरकार से भी मांग है कि हमारी जायज मांग को पूरा कर पैराटीचर्स को नियमित किया जाए.

Last Updated : Nov 14, 2021, 7:08 PM IST
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