बस्सी (जयपुर). बस्सी उपखंड क्षेत्र की 3 ग्राम पंचायतों सांभरिया, पालावाला जाटान और खिजुरिया ब्राह्मणान में लगातार दूसरी बार ग्रामीणों ने पंच सरपंचों के चुनाव का पूर्ण बहिष्कार किया है. इन ग्राम पंचायतों के लिए एक भी नामांकन दाखिल नहीं किया गया.
पंचायत राज परिसीमन पुनर्गठन की नाराजगी के चलते करीब पौने 2 साल से इन पंचायतों के लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. हालांकि शासन के लोगों और प्रशासन के अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाया लेकिन बस्सी उपखंड क्षेत्र की तीनों ग्राम पंचायतों ने लगातार दूसरी बार पंच सरपंच के चुनाव का बहिष्कार कर दिया.
गौरतलब है कि हाल ही में जहां पंच-सरपंच के चुनाव नहीं हुए थे, वहां चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने अधिसूचना जारी कर 19 जुलाई तक नामांकन भरने की आखिरी तारीख तय की थी. लेकिन तीनों ग्राम पंतायतों के लोगों ने एक भी नामांकन नहीं होने दिया.
ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत राज परिसीमन पुनर्गठन से पहले तीनों गांव बस्सी पंचायत समिति में आते थे. लेकिन पुनर्गठन के बाद उन तीनों गांवों को नवगठित पंचायत समिति तूंगा में मिला दिया गया है. लोगों ने विरोध किया लेकिन विधायक और स्थानीय प्रशासन ने एक न सुनी. इसके चलते सितंबर 2020 में हुए पंच सरपंचों के चुनाव का इन ग्राम पंचायत के लोगों ने पूर्ण बहिष्कार कर दिया था.
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एक बार फिर इन ग्राम पंचायतों पर राज्य चुनाव आयोग की ओर से चुनाव करवाने की कोशिश की जा रही है. आयोग की तमाम कोशिशों के बावजूद लोगों ने फिर से पूर्ण बहिष्कार का रास्ता चुना और पंचायतों के लिए एक भी नामांकन दाखिल नहीं किया. साथ ही ग्रामीणों ने बाजार भी बंद रखा.
तीनों ग्राम पंचायतों के लोगों ने एक स्वर में कहा कि उनको पंचायत समिति तूंगा से हटाकर बस्सी में जोड़ा जाए. जिसके बाद ही सांभरिया, खिजुरिया ब्राह्मणान और पालावाला जाटान में पंच सरपंचों के चुनाव होंगे. साथ ही ग्रामीणों ने यह चेतावनी भी दी है कि अगर फिर भी तीनों ग्राम पंचायतों को तूंगा से बस्सी में नहीं जोड़ा जाता तो आगे आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव का भी वे पूर्ण बहिष्कार करेंगे.
दूसरी बार जब ग्रामीणों ने पंच सरपंच चुनाव का बहिष्कार किया तो विधायक को भी जनता के आगे झुकना पड़ा. बस्सी विधायक लक्ष्मण मीणा ने पंचायती राज विभाग को पत्र लिखकर तीनों ग्राम पंचायतों को नवगठित तूंगा पंचायत समिति से हटाकर वापस बस्सी पंचायत समिति में जोड़ने की मांग की है.
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बस्सी उपखंड अधिकारी रामकुमार वर्मा ने ग्रामीणों को बहुत समझाया. सांभरिया ग्राम पंचायत के लोग चुनाव में हिस्सा लेने के लिए सहमत भी हो गए थे. लेकिन खिजुरिया ब्राह्मणान और पालावाला जाटान के लोग चुनाव का बहिष्कार के फैसले पर अड़े रहे. लिहाजा सांभरिया ग्राम पंचायत ने भी अपना फैसला बदल दिया. ऐसे में बस्सी एसडीएम की समझाइश विफल रही.
राज्य चुनाव आयोग की ओर से जारी की गई अधिसूचना के अनुसार 25 जुलाई को बस्सी उपखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत सांभरिया, पालावाला जाटान एवं खिजुरिया ब्राह्मणान में पंच सरपंचों के चुनाव होने थे. लेकिन अब यहां चुनाव नहीं हो पाएंगे.