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Non Safety Posts in Railway : रेलवे बोर्ड के नॉन सेफ्टी के 50 प्रतिशत पदों को खत्म करने के फैसले से रेल कर्मियों में आक्रोश...

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Published : May 27, 2022, 6:25 PM IST

रेलवे कर्मचारी रेलवे बोर्ड के नॉन सेफ्टी के 50 प्रतिशत पदों को खत्म करने के फैसले पर आक्रोशित (Outrage among railway workers due to decision of Railway Board) हैं. बोर्ड के इस फैसले के बाद उत्तर-पश्चिम रेलवे में 1600 पदों समाप्त हो जाएंगे. जिसकों लेकर देशभर के रेलवे कर्मचारी विरोध जता रहे हैं.

Outrage among railway workers due to decision of Railway Board
प्रदर्शन करते रेलवे कर्मी

जयपुर: रेलवे बोर्ड के नॉन सेफ्टी के 50 प्रतिशत पदों को खत्म करने के फैसले को लेकर रेलवे कर्मचारियों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा (Outrage among railway workers due to decision of Railway Board) है. 50 प्रतिशत पदों को खत्म करने से उत्तर-पश्चिम रेलवे में करीब 1600 पद समाप्त हो जाएंगे. रेलवे प्रशासन के इस फैसले को लेकर देशभर में रेल कर्मियों ने विरोध जताया है. राजधानी जयपुर में उत्तर पश्चिम रेलवे मुख्यालय, रेलवे स्टेशन, मंडल कार्यालय और अन्य स्थानों पर नॉर्थ-वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन ने विरोध-प्रदर्शन किया.

नॉर्थ-वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन से जुड़े रेल कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए केंद्र सरकार और रेल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा और नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के महामंत्री मुकेश माथुर के मुताबिक देशभर में विरोध प्रदर्शन किया गया है. रेलवे बोर्ड ने सभी जोनल रेलवे को पत्र लिखकर गैर संरक्षा कोटि के 50 प्रतिशत रिक्त पदों को तुरंत समाप्त करने के लिए कहा है. जिसकी वजह से उत्तर पश्चिम रेलवे के लगभग 1600 पद समाप्त हो जाएंगे. इसमें लेखा, कार्मिक, वाणिज्य, सामान्य प्रशासन, चिकित्सा, सुरक्षा विभाग सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे. इससे कर्मचारियों के पदोन्नति अवसर प्रभावित होंगे, उन पर काम का बोझ बढ़ेगा और आने वाले समय में होने वाली संवर्ग पुनसंरचना प्रभावित होंगी. साथ ही आरआरबी की गैर संरक्षा पदों की भर्ती प्रक्रिया और भावी जीडीसीई चयन भी इससे प्रभावित होगी. इसी को लेकर जयपुर में उत्तर पश्चिम रेलवे के प्रधान कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया गया.

विनीत मान, जोनल कार्यकारी अध्यक्ष, नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन

पढ़े:रेल कर्मचारियों ने मांगों को लेकर किया विरोध प्रदर्शन, आंदोलन की दी चेतावनी

नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के जोनल कार्यकारी अध्यक्ष विनीत मान ने बताया कि रेलवे बोर्ड ने 2020 जुलाई में एक आदेश निकाला था, जिसमें 50 प्रतिशत खाली पदों को सरेंडर करने का आदेश दिया गया था. उसके अनुसार रेलवे बोर्ड को यह पद 31 अक्टूबर 2021 तक सभी पर सरेंडर किए जाने थे. रेलवे यूनियन के विरोध के चलते उस समय पदों का सरेंडर नहीं हो पाया था. पिछले वर्ष तयशुदा 2 प्रतिशत पदों के सरेंडर करने का कोटा सरेंडर नहीं होने दिया. अब पिछली 20 तारीख को रेलवे बोर्ड की ओर से आदेश निकाला गया है कि 31 मई तक पूरे हिंदुस्तान में रेलवे में जो नॉन सेफ्टी के पद खाली पड़े हैं, उनमें से 50 प्रतिशत पदों को सरेंडर किया जाए. इन पदों को सरेंडर होने के बाद नए कर्मचारियों की जो भर्ती होने वाली है, वह भी नहीं हो पाएगी.

जोनल कार्यकारी अध्यक्ष विनीत मान के मुताबिक नए कर्मचारियों की भर्ती के साथ ही पुराने कर्मचारियों की पदोन्नति भी प्रभावित होगी. ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन आह्वान पर पूरे देश में रेल कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं. रेलवे कर्मचारियों की ओर से जगह-जगह प्रदर्शन किया गया है. रेलवे बोर्ड कर्मचारियों की मांग को नहीं मानता है, तो आंदोलन को तेज किया जाएगा.

जयपुर: रेलवे बोर्ड के नॉन सेफ्टी के 50 प्रतिशत पदों को खत्म करने के फैसले को लेकर रेलवे कर्मचारियों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा (Outrage among railway workers due to decision of Railway Board) है. 50 प्रतिशत पदों को खत्म करने से उत्तर-पश्चिम रेलवे में करीब 1600 पद समाप्त हो जाएंगे. रेलवे प्रशासन के इस फैसले को लेकर देशभर में रेल कर्मियों ने विरोध जताया है. राजधानी जयपुर में उत्तर पश्चिम रेलवे मुख्यालय, रेलवे स्टेशन, मंडल कार्यालय और अन्य स्थानों पर नॉर्थ-वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन ने विरोध-प्रदर्शन किया.

नॉर्थ-वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन से जुड़े रेल कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए केंद्र सरकार और रेल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा और नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के महामंत्री मुकेश माथुर के मुताबिक देशभर में विरोध प्रदर्शन किया गया है. रेलवे बोर्ड ने सभी जोनल रेलवे को पत्र लिखकर गैर संरक्षा कोटि के 50 प्रतिशत रिक्त पदों को तुरंत समाप्त करने के लिए कहा है. जिसकी वजह से उत्तर पश्चिम रेलवे के लगभग 1600 पद समाप्त हो जाएंगे. इसमें लेखा, कार्मिक, वाणिज्य, सामान्य प्रशासन, चिकित्सा, सुरक्षा विभाग सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे. इससे कर्मचारियों के पदोन्नति अवसर प्रभावित होंगे, उन पर काम का बोझ बढ़ेगा और आने वाले समय में होने वाली संवर्ग पुनसंरचना प्रभावित होंगी. साथ ही आरआरबी की गैर संरक्षा पदों की भर्ती प्रक्रिया और भावी जीडीसीई चयन भी इससे प्रभावित होगी. इसी को लेकर जयपुर में उत्तर पश्चिम रेलवे के प्रधान कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया गया.

विनीत मान, जोनल कार्यकारी अध्यक्ष, नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन

पढ़े:रेल कर्मचारियों ने मांगों को लेकर किया विरोध प्रदर्शन, आंदोलन की दी चेतावनी

नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के जोनल कार्यकारी अध्यक्ष विनीत मान ने बताया कि रेलवे बोर्ड ने 2020 जुलाई में एक आदेश निकाला था, जिसमें 50 प्रतिशत खाली पदों को सरेंडर करने का आदेश दिया गया था. उसके अनुसार रेलवे बोर्ड को यह पद 31 अक्टूबर 2021 तक सभी पर सरेंडर किए जाने थे. रेलवे यूनियन के विरोध के चलते उस समय पदों का सरेंडर नहीं हो पाया था. पिछले वर्ष तयशुदा 2 प्रतिशत पदों के सरेंडर करने का कोटा सरेंडर नहीं होने दिया. अब पिछली 20 तारीख को रेलवे बोर्ड की ओर से आदेश निकाला गया है कि 31 मई तक पूरे हिंदुस्तान में रेलवे में जो नॉन सेफ्टी के पद खाली पड़े हैं, उनमें से 50 प्रतिशत पदों को सरेंडर किया जाए. इन पदों को सरेंडर होने के बाद नए कर्मचारियों की जो भर्ती होने वाली है, वह भी नहीं हो पाएगी.

जोनल कार्यकारी अध्यक्ष विनीत मान के मुताबिक नए कर्मचारियों की भर्ती के साथ ही पुराने कर्मचारियों की पदोन्नति भी प्रभावित होगी. ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन आह्वान पर पूरे देश में रेल कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं. रेलवे कर्मचारियों की ओर से जगह-जगह प्रदर्शन किया गया है. रेलवे बोर्ड कर्मचारियों की मांग को नहीं मानता है, तो आंदोलन को तेज किया जाएगा.

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