ETV Bharat / city

स्वीकृत पदों से अधिक तैनात कॉलेज व्याख्याताओं को रिक्त पदों पर भेजने के हाईकोर्ट ने दिए आदेश

राजस्थान के विभिन्न कॉलेजों में स्वीकृत पदों से अधिक तैनात व्याख्याताओं को हाईकोर्ट ने रिक्त पदों पर भेजने का आदेश सुनवाया है. यह आदेश कोर्ट ने दायर याचिकाओं की सुनवाई करते हुए दिए.

college lecturers posted in excess, राजस्थान हाईकोर्ट
author img

By

Published : Oct 18, 2019, 8:43 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने उच्च शिक्षा सचिव को कहा है कि स्वीकृत पदों से अधिक तैनात कॉलेज व्याख्याताओं को रिक्त पदों पर भेजा जाए. इसके साथ ही अदालत ने 15 नवंबर को आदेश की पालना रिपोर्ट पेश करने को कहा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश अशोक कुमार गुप्ता व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए.

पढ़ेंः जमीनी विवाद को सुलझाने गए युवकों पर चलाई गोली, निशाना चूका तो तलवार से किया हमला...एक युवक के हाथों की उंगलियां कटी

सुनवाई के दौरान उच्च शिक्षा सचिव अदालत में पेश हुए. वहीं एएजी की ओर से कहा गया कि कॉलेज निदेशालय में कार्य अधिक होने के चलते अधिक संख्या में कॉलेज व्याख्याताओं को लगाया गया है. इस संबंध में प्रस्ताव बनाकर विभाग में भेजा गया है. जिस पर मंत्री की अनुमति मिलना बाकी है. इस पर अदालत ने कहा कि जब तक स्वीकृत पदों की संख्या नहीं बढ़ती, तब तक तय संख्या से अधिक काम कर रहे व्याख्याताओं को रिक्त पदों पर भेजकर अदालत में रिपोर्ट पेश की जाए.

पढ़ेंः : करवा चौथ पर पानी पिलाने गए पति ने ससुराल में पत्नी पर किया जानलेवा हमला...हालत गंभीर

मामले के अनुसार याचिकाकर्ताओं का कोटा कॉलेज से पाली स्थित कॉलेज में तबादला कर दिया था. इसके खिलाफ याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. एकलपीठ ने याचिका खारिज करते हुए अधिक संख्या में लगे व्याख्याताओं को रिक्त पदों पर भेजने को कहा. इस आदेश के खिलाफ खंडपीठ में जाने पर अदालत ने सरकार की अपील को निस्तारित करते हुए शिक्षक-छात्र अनुपात का मुद्दा एकलपीठ में उठाने को कहा. एकलपीठ में मामला आने पर अदालत ने उच्च शिक्षा सचिव को पेश होने के आदेश दिए थे.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने उच्च शिक्षा सचिव को कहा है कि स्वीकृत पदों से अधिक तैनात कॉलेज व्याख्याताओं को रिक्त पदों पर भेजा जाए. इसके साथ ही अदालत ने 15 नवंबर को आदेश की पालना रिपोर्ट पेश करने को कहा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश अशोक कुमार गुप्ता व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए.

पढ़ेंः जमीनी विवाद को सुलझाने गए युवकों पर चलाई गोली, निशाना चूका तो तलवार से किया हमला...एक युवक के हाथों की उंगलियां कटी

सुनवाई के दौरान उच्च शिक्षा सचिव अदालत में पेश हुए. वहीं एएजी की ओर से कहा गया कि कॉलेज निदेशालय में कार्य अधिक होने के चलते अधिक संख्या में कॉलेज व्याख्याताओं को लगाया गया है. इस संबंध में प्रस्ताव बनाकर विभाग में भेजा गया है. जिस पर मंत्री की अनुमति मिलना बाकी है. इस पर अदालत ने कहा कि जब तक स्वीकृत पदों की संख्या नहीं बढ़ती, तब तक तय संख्या से अधिक काम कर रहे व्याख्याताओं को रिक्त पदों पर भेजकर अदालत में रिपोर्ट पेश की जाए.

पढ़ेंः : करवा चौथ पर पानी पिलाने गए पति ने ससुराल में पत्नी पर किया जानलेवा हमला...हालत गंभीर

मामले के अनुसार याचिकाकर्ताओं का कोटा कॉलेज से पाली स्थित कॉलेज में तबादला कर दिया था. इसके खिलाफ याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. एकलपीठ ने याचिका खारिज करते हुए अधिक संख्या में लगे व्याख्याताओं को रिक्त पदों पर भेजने को कहा. इस आदेश के खिलाफ खंडपीठ में जाने पर अदालत ने सरकार की अपील को निस्तारित करते हुए शिक्षक-छात्र अनुपात का मुद्दा एकलपीठ में उठाने को कहा. एकलपीठ में मामला आने पर अदालत ने उच्च शिक्षा सचिव को पेश होने के आदेश दिए थे.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने उच्च शिक्षा सचिव को कहा है कि स्वीकृत पदों से अधिक तैनात कॉलेज व्याख्याताओं को रिक्त पदों पर भेजा जाए। इसके साथ ही अदालत ने 15 नवंबर को आदेश की पालना रिपोर्ट पेश करने को कहा है। न्यायाधीश एसपी शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश अशोक कुमार गुप्ता व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए।Body:सुनवाई के दौरान उच्च शिक्षा सचिव अदालत में पेश हुए। वहीं एएजी की ओर से कहा गया कि कॉलेज निदेशालय में कार्य अधिक होने के चलते अधिक संख्या में कॉलेज व्याख्याताओं को लगाया गया है। इस संबंध में प्रस्ताव बनाकर विभाग में भेजा गया है। जिस पर मंत्री की अनुमति मिलना बाकी है। इस पर अदालत ने कहा कि जब तक स्वीकृत पदों की संख्या नहीं बढ़ती, तब तक तय संख्या से अधिक काम कर रहे व्याख्याताओं को रिक्त पदों पर भेजकर अदालत में रिपोर्ट पेश की जाए।
मामले के अनुसार याचिकाकर्ताओं का कोटा कॉलेज से पाली स्थित कॉलेज में तबादला कर दिया था। इसके खिलाफ याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। एकलपीठ ने याचिका खारिज करते हुए अधिक संख्या में लगे व्याख्याताओं को रिक्त पदों पर भेजने को कहा। इस आदेश के खिलाफ खंडपीठ में जाने पर अदालत ने सरकार की अपील को निस्तारित करते हुए शिक्षक-छात्र अनुपात का मुद्दा एकलपीठ में उठाने को कहा। एकलपीठ में मामला आने पर अदालत ने उच्च शिक्षा सचिव को पेश होने के आदेश दिए थे।Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.