जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों में स्टेट कोटे की पीजी सीटों पर एडमिशन के लिए की गई पहले राउंड की काउंसलिंग एवं सीटों के आवंटन को रद्द कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए बढ़ाई 89 सीटों को भी शामिल करते हुए नए सिरे से काउंसलिंग करें. यह आदेश न्यायाधीश एसपी शर्मा ने कमेंद्र सिंह और अन्य की याचिका को मंजूर करते हुए दिए.
अदालत ने राज्य सरकार को कहा है कि वह रोस्टर के अनुसार एमसीआई की ओर से बढ़ाई सीटों पर ईडब्ल्यूएस को 10 फीसदी आरक्षण का लाभ दे सकती है. अदालत ने कहा कि दूसरी काउंसलिंग में यदि स्टूडेंट्स को सामान मेडिकल कॉलेज आवंटित होता है तो उसका एडमिशन वहीं बरकरार रखा जाए और यदि वह प्रवेश से बाहर होता है तो उसकी फीस लौटाई जाए. साथ ही अदालत का कहना है कि प्रवेश में पारदर्शिता रखी जाए और रोस्टर के संबंध में स्टूडेंट्स को भी सूचना मुहैया कराई जाए.
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याचिका में कहा गया कि 27 फरवरी को एमसीआई ने सभी मेडिकल कॉलेजों को लेटर जारी कर पीजी कोर्स में अतिरिक्त 89 सीटों को ईडब्ल्यूएस वर्ग में शामिल करने को कहा था. इसके बावजूद कॉलेजों ने इन सीटों को शामिल किए बिना ही पहले राउंड की काउंसलिंग कर परिणाम जारी कर दिया.
इसके साथ ही ईडब्ल्यूएस वर्ग को भी 10 फीसदी आरक्षण दे दिया, जिसके चलते सामान्य वर्ग की सीटें कम हो गई. जबकि एमसीआई ने सामान्य वर्ग की सीटों पर असर नहीं पड़ने देने के कारण ही ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए अतिरिक्त सीटें दी थी. वहीं, राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि संबंधित कॉलेजों के सीट मैट्रिक्स नहीं भेजने के कारण काउंसलिंग में ईडब्ल्यूएस वर्ग की सीटों को शामिल नहीं किया जा सका.