जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर से राजस्थान से घुंघट प्रथा को खत्म करने की आवाज उठाई है. काफी दिनों से सीएम गहलोत इस मुहिम को तेजी से चलाने का प्रयास कर रहे है. उनको इस प्रयास का असर अब दिखने भी लगा है.
महिला सशक्तिकरण सम्मेलन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तब खुश हुए जब कार्यक्रम में एक भी महिला बिना घुंघट के नजर आई. इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घूंघट प्रथा को खत्म करने की अपील भी की. उनका कहना था कि घूंघट प्रथा को पुरुष ही खत्म कर सकते है, क्योंकि महिलाएं खुद तो घूंघट में रहती है लेकिन अब घुंघट हटाने का काम तो पुरुष को ही करना होगा.
समाज से भी किया आह्वान
मुख्यमंत्री गहलोत का कहना था कि केवल सरकार ही इस प्रथा को खत्म नहीं कर सकती बल्कि समाज को भी आगे आना पड़ेगा. हालांकि इस प्रथा को खत्म करने के लिए अब लोगों में धीरे-धीरे जागरूकता पैदा हो रही है लेकिन समाज को इस प्रथा को जड़ से खत्म करना होगा.
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राजीव गांधी ने की थी शुरुआत
सीएम गहलोत का कहना था कि भारत पुरुष प्रधान देश हुआ करता था. यहां महिलाओं को सम्मान नहीं मिलता था लेकिन इसी बीच राजीव गांधी ने पंचायती राज अधिनियम लागू किया जिसमें पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं को भी चुनाव लड़ने का अधिकार मिलने लगा और उसके बाद महिलाएं भी सरपंच बनने लगी. लेकिन यह भी देखने को मिला कि उनके ऊपर सरपंच पतियों को दखल ज्यादा रहता था लेकिन अब धीरे-धीरे वक्त बदल रहा है और महिलाएं घुंघट से बाहर निकल रही है.
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आयरन लेडी से लेनी चाहिए प्रेरणा
सीएम गहलोत का कहना था कि देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से महिलाओं को प्रेरणा लेनी चाहिए. इंदिरा गांधी का नाम लेते ही संदेश याद आ जाता है कि किस तरह से पूरी दुनिया उनका सम्मान करती थी. इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान के दो टुकड़े किए. बांग्लादेश को आजाद करवाया था. महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने भी समारोह में मौजूद सभी महिलाओं से घूंघट प्रथा को बंद करने का आह्वान किया साथ ही कहा कि इस प्रथा के लिए विभाग अभियान चलाएगा.