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CVV के जरिए ऑनलाइन ट्रांजेक्शन भी नहीं रहा सेफ, बिना ओटीपी के उड़ सकती है आपकी जमा पूंजी

साइबरी ठगी के मामले इन दिनों चर्चा में है. किसी वेबसाइट पर डेबिट या क्रेडिट कार्ड से सीवीवी के जरिए ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने पर डेटाबेस तैयार होता है. जिसकी मदद से साइबर ठग बैंक खातों से जमा पूंजी निकाल लेते हैं.

सीवीवी के जरिए ऑनलाइन ट्रांजेक्शन भी नहीं रहा सेफ
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Published : May 21, 2019, 10:34 PM IST

जयपुर. साइबर ठगी का मामले इन दिनों काफी चर्चा में है. राजधानी जयपुर में भी रोजाना इस तरह के 4 से 5 मामले सामने आ रहे हैं. अब तो बिना ओटीपी के भी बैंक खातों से रुपए निकालने के मामले सामने आने लगे हैं. ऐसे में आपको सावधान होने की जरूरत है. ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान किसी वेबसाइट पर डेबिट और क्रेडिट कार्ड के द्वारा ट्रांजेक्शन करने पर सीवीवी का प्रयोग होता है. जिन पर साइबर ठगों की नजर बनी रहती है.

सीवीवी के जरिए ऑनलाइन ट्रांजेक्शन भी नहीं रहा सेफ, बिना ओटीपी के उड़ सकती है आपकी जमा पूंजी

साइबर ठगों का यह नया तरीका साइबर क्राइम एक्सपर्ट्स के लिए भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ है. उनका कहना है कि जब भी आप किसी वेबसाइट पर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन डेबिट या क्रेडिट कार्ड से करते हैं. तो उसका एक डेटाबेस तैयार होता है. जिसे साइबर ठग बड़ी आसानी से कॉपी कर लेते हैं. और उसके बाद सीवीवी का प्रयोग कर बैंक खाते से रुपए उड़ा लेते हैं.

साइबर क्राइम एक्सपर्ट ने बताया कि साइबर ठगी से बचने के लिए डेबिट और क्रेडिट कार्ड के पीछे लिखा तीन अंकों का सीवीवी नंबर मिटा देना चाहिए. और किसी के साथ इसकी जानकारी भी साझा नहीं करनी चाहिए. वहीं किसी अंजान वेबसाइट पर कार्ड की डिटेल भी सेव नहीं करनी चाहिए. और मोबाइल बैंकिंग एप पर जाकर अपने कार्ड के एक्सेस को बंद कर देना चाहिए या फिर कार्ड की लिमिट कम कर देनी चाहिए.

जयपुर. साइबर ठगी का मामले इन दिनों काफी चर्चा में है. राजधानी जयपुर में भी रोजाना इस तरह के 4 से 5 मामले सामने आ रहे हैं. अब तो बिना ओटीपी के भी बैंक खातों से रुपए निकालने के मामले सामने आने लगे हैं. ऐसे में आपको सावधान होने की जरूरत है. ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान किसी वेबसाइट पर डेबिट और क्रेडिट कार्ड के द्वारा ट्रांजेक्शन करने पर सीवीवी का प्रयोग होता है. जिन पर साइबर ठगों की नजर बनी रहती है.

सीवीवी के जरिए ऑनलाइन ट्रांजेक्शन भी नहीं रहा सेफ, बिना ओटीपी के उड़ सकती है आपकी जमा पूंजी

साइबर ठगों का यह नया तरीका साइबर क्राइम एक्सपर्ट्स के लिए भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ है. उनका कहना है कि जब भी आप किसी वेबसाइट पर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन डेबिट या क्रेडिट कार्ड से करते हैं. तो उसका एक डेटाबेस तैयार होता है. जिसे साइबर ठग बड़ी आसानी से कॉपी कर लेते हैं. और उसके बाद सीवीवी का प्रयोग कर बैंक खाते से रुपए उड़ा लेते हैं.

साइबर क्राइम एक्सपर्ट ने बताया कि साइबर ठगी से बचने के लिए डेबिट और क्रेडिट कार्ड के पीछे लिखा तीन अंकों का सीवीवी नंबर मिटा देना चाहिए. और किसी के साथ इसकी जानकारी भी साझा नहीं करनी चाहिए. वहीं किसी अंजान वेबसाइट पर कार्ड की डिटेल भी सेव नहीं करनी चाहिए. और मोबाइल बैंकिंग एप पर जाकर अपने कार्ड के एक्सेस को बंद कर देना चाहिए या फिर कार्ड की लिमिट कम कर देनी चाहिए.

Intro:जयपुर
एंकर- यदि आप ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं और किसी भी वेबसाइट पर अपने डेबिट व क्रेडिट कार्ड के द्वारा ट्रांजैक्शन करते वक्त सीवीवी का प्रयोग करते हैं तो सावधान हो जाइए क्योंकि साइबर ठगों की नजर आपके उस ट्रांजैक्शन पर है। जब भी आप किसी वेबसाइट पर ऑनलाइन ट्रांजैक्शन अपने कार्ड के द्वारा करते हैं तो उसका एक डेटाबेस तैयार होता है जिसे साइबर ठग बड़ी आसानी से कॉपी कर लेते हैं। उसके बाद साइबर ठग सीवीवी का प्रयोग कर बैंक खाते से रुपए उड़ा लेते हैं। साइबर ठगी का मामला इन दिनों काफी चर्चा में है और राजधानी जयपुर में रोजाना 4 से 5 इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं।


Body:वीओ- साइबर ठगों का यह नया तरीका साइबर क्राइम एक्सपोर्ट्स के लिए भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। साइबर क्राइम एक्सपोर्ट्स का कहना है कि एटीएम कार्ड और क्रेडिट कार्ड के पीछे लिखा हुआ सीवीवी नंबर उपभोक्ता को हटा देना चाहिए। इसके साथ ही इस नंबर की जानकारी किसी के साथ भी साझा नहीं करनी चाहिए। वहीं किसी भी अननोन वेबसाइट पर अपने डेबिट व क्रेडिट कार्ड की डिटेल को सेव नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही मोबाइल बैंकिंग एप पर जाकर अपने कार्ड के एसएस को बंद कर देना चाहिए या फिर कार्ड की लिमिट को कम कर देना चाहिए।

बाइट- आयुष भारद्वाज, साइबर क्राइम एक्सपर्ट


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