जयपुर. राज्यपाल सलाहकार मण्डल की ऑनलाइन बैठक (Online meeting of Governor's Advisory Board) बुधवार को कलराज मिश्र राजभवन से संबोधित कर रहे थे (Kalraj Mishra addressed the Raj Bhavan). यहां उन्होंने प्रदेश में जनजातीय क्षेत्र के निवासियों के कल्याण के लिए केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने की बात कही. इसके साथ ही जनजातीय क्षेत्र के लोगों के सर्वांगीण विकास की योजनाओं को लागू करने और विकास को गति देने के लिए राजभवन स्तर पर 'जनजातीय परिवर्तन एकक' का गठन किया गया है.
मिश्र ने कहा कि राज्यपाल का पद राज्य के संवैधानिक प्रमुख का ही नहीं है बल्कि वह मार्गदर्शन और संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करने का कार्य भी विशेष रूप से करता है. उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए वहां के युवाओं के प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए. साथ ही वहां की परम्परा और संस्कृति के संरक्षण के लिए विशेष प्रयास किए जाने चाहिए.
जनजातीय परिवर्तन एकक का गठन: राज्यपाल मिश्र ने कहा कि राज्य के समग्र विकास में राजभवन प्रभावी भूमिका निभाए, इस उद्देश्य से सुझाव एवं परामर्श देने के लिए सलाहकार मण्डल का गठन किया गया है. सलाहकार मण्डल की अनुशंषाओं को आगे की कार्यवाही के लिए प्रमुख सचिव, राज्यपाल की अध्यक्षता में गठित “जनजातीय परिवर्तन एकक” और राज्य सरकार के सम्बंधित विभागों को भिजवाया जाएगा.
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बैठक के दौरान राज्यपाल सलाहकार मण्डल के सदस्यों ने राज्य को बाल-विवाह मुक्त बनाने, बालिका अनिवार्य शिक्षा, जनजातीय क्षेत्र में मातृ एवं शिशु मृत्यु-दर को राष्ट्रीय औसत के स्तर तक लाने, सीएसआर उत्तरदायित्व, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों का निर्माण, असंक्रामक रोगों की रोकथाम एवं रोजगार मेलों के आयोजन पर सुझाव दिए. सलाहकार मण्डल के सदस्य प्रो. एके गहलोत ने अनुसूचित जनजातीय क्षेत्र में पशुपालन आधारित स्वरोजगारोन्मुखी कार्यक्रम की संभावनाएं तलाशे जाने का सुझाव दिया.
लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में नए रोजगार होंगे निर्मित: विश्वपति त्रिवेदी ने जनजातीय क्षेत्र के आईटीआई विद्यार्थियों को लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में रोजगार के लिए प्रशिक्षित किए जाने पर बल दिया. उन्होंने इस क्षेत्र में प्रति वर्ष डेढ़ लाख नए रोजगार सृजित होने का अनुमान व्यक्त किया. आर.एन. माथुर ने कहा कि अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के कल्याण के लिए केन्द्र सरकार की वनधन योजना, एकलव्य योजना, वनबन्धु कल्याण योजना सहित जो योजनाएं राज्य में संचालित नहीं की जा रही हैं, उन्हें लागू किया जाए. इन योजनाओं को लागू करने से राज्य को केन्द्र के समेकित कोष में से जनजातीय क्षेत्र के विकास के लिए धनराशि प्राप्त हो सकेगी.
स्वास्थ्य से जुड़े विशेष प्रशिक्षण प्रदान किए जाएं: डॉ. राकेश कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में नीतियों और कार्यक्रमों के निर्माण के साथ-साथ उनका प्रभावी क्रियान्वयन भी बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्र के युवक-युवतियों को स्वास्थ्य कल्याण से जुड़े विशेष प्रशिक्षण प्रदान किए जाएं. इसके अलावा विवेक सिंह ने जनजातीय क्षेत्र में वंचित वर्ग के युवाओं के कौशल प्रशिक्षण के लिए सीएसआर सहयोग से मोबाइल वैन संचालित किए जाने का सुझाव दिया.
डॉ. मनोरंजन शर्मा ने भी अपने प्रस्तुति में प्रदेश के सर्वांगीण विकास में प्रौद्योगिकी के समुचित उपयोग पर बल दिया. टी मुरलीधरन ने प्रदेश के युवा को रोजगार योग्य बनाने के लिए सभी विश्वविद्यालयों में डिजिटल नियोजकता केन्द्र बनाए जाने का सुझाव दिया. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने पर्यटन स्थलों तक परिवहन सम्पर्क सुधारने और ग्रामीण क्षेत्रों में छुपी पर्यटन की संभावनाओं को विकसित करने पर बल दिया.