जयपुर. राजस्थान की गहलोत सरकार प्रदेश में 17 दिसंबर को अपना 1 साल का कार्यकाल पूरा करने जा रही है. सत्ता में आने से पहले और सत्ता में आने के बाद बजट के दौरान अशोक गहलोत सरकार ने प्रदेश की जनता से कुछ वादे भी किए थे.
अगर बात करें चिकित्सा विभाग से सवालों की तो अधिकतर वादे गहलोत सरकार ने पूरे किए, हालांकि गहलोत सरकार ने सत्ता में आने से पहले मिलावट और राइट टू हेल्थ पर कानून बनाने की बात कही थी, लेकिन गहलोत सरकार अपने 1 साल के कार्यकाल में यह कानून नहीं ला पाई. वैसे इन्हें लेकर सरकार ने प्रयास तो किए, लेकिन आम जनता के बीच वह योजना और वादे अभी एक साल में पूरा नहीं हो पाया है. वहीं एक नजर चिकित्सा विभाग के एक साल में होने वाले कामों पर.
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प्रदेश में नए मेडिकल कॉलेज
चिकित्सा क्षेत्र में चिकित्सा विभाग की सबसे बड़ी कामयाबी रही राजस्थान के 33 जिलों में से 30 जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलना. चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि लंबे समय से राजस्थान जैसे बड़े क्षेत्र में चिकित्सकों की कमी चल रही थी, लेकिन हमारी सरकार प्रदेश में आई तो हमने चिकित्सकों की कमी दूर करने की बात कही थी. जिसके बाद राजस्थान पहला ऐसा राज्य बनने जा रहा है, जहां सबसे अधिक मेडिकल कॉलेज होंगे. हाल ही में केंद्र सरकार ने प्रदेश में नई मेडिकल खोल दे की अनुमति दे दी है. जिसके बाद प्रदेश के 30 जिलों के अंदर मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे. जिसे लेकर 60% राशि केंद्र सरकार वहन करेगी तो वहीं 40% राशि राज्य सरकार द्वारा मेडिकल कॉलेज खोलने मैं लगाई जाएगी.
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राजस्थान में स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करना
प्रदेशवासियों को निशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना को भी कांग्रेस सरकार ने लागू किया, लेकिन राजस्थान में इस योजना का नाम बदला गया. कांग्रेस सरकार ने 1 सितंबर को प्रदेशभर में आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू की. जिसके तहत 1 करोड़ 10 लाख से अधिक परिवार इस योजना के दायरे में आ गए हैं.
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प्रदेश में तंबाकू पर नियंत्रण
चिकित्सा विभाग में प्रदेश में संचालित हो रहे हुक्काबार पर पाबंदी लगाई. इसे लेकर कानून भी लागू किया. इसके अलावा ई-सिगरेट के बढ़ते प्रचलन को ध्यान में रखते हुए चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग में 30 मई 2019 से प्रदेश भर में ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगा दिया. इसके अलावा दो अक्टूबर को प्रदेशभर में बिकने वाले तंबाकू और पान मसाला जैसे उत्पादों पर गाइडलाइन भी लाई गई. जिसके तहत मैग्नीशियम कार्बोनेट, निकोटिन तंबाकू और मिनरल ऑयल युक्त पान मसाला, फ्लेवर्ड सुपारी के उत्पादन भंडारण वितरण और बिक्री पर रोक लगाई.
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निशुल्क दवा योजना रही देशभर में पहले स्थान
केंद्र सरकार ने निशुल्क दवा योजना के तहत 16 बड़े राज्यों की रैंकिंग जारी थी. जिसके तहत प्रदेश की मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना पहले स्थान पर रही. यही नहीं कांग्रेस सरकार बनने के बाद इसमें कैंसर, किडनी, हार्ट और लीवर जैसी गंभीर बीमारियों से जुड़ी दवाइयों को भी शामिल किया गया. गहलोत सरकार ने प्रदेश में संचालित हो रही 608 निशुल्क दवाइयों के अंदर 104 नई दवाइयों को और शामिल किया. जिसके बाद इन दवाओं की संख्या 712 हो गई, जो देश भर में एक मिसाल के तौर पर कायम हुई.
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निशुल्क जांच योजना का दायरा बढ़ाया
प्रदेश में निशुल्क दवा योजना की तर्ज पर निशुल्क जांच योजना का दायरा भी गहलोत सरकार ने बढ़ाया है. मौजूदा समय में गहलोत सरकार ने जांच योजना का दायरा 70 से बढ़ाकर 90 कर दिया है. वही पोषण 2.0 अभियान के तहत प्रदेशभर के 20 जिलों में 793 उप स्वास्थ्य केंद्रों के 3 लाख 75 हजार बच्चों की हेल्थ स्क्रीनिंग भी की गई.