जयपुर. राजस्थान में एकाएक मचे राजनीतिक तूफान की आंच अब सरकार से लेकर संगठन तक आ पहुंची है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Deputy Chief Minister Sachin Pilot) के बीच का टकराव लगातार बढ़ता जा रहा है. पहले बात विधायकों और मंत्रियों के इन दोनों के ग्रुप में शामिल होने को लेकर हो रही थी. अब इस जंग में कांग्रेस का युवा संगठन एनएसयूआई (NSUI) भी शामिल हो गया है.
दरअसल, गहलोत-पायलट टकराव के बीच सोमवार सुबह प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के बाहर से पीसीसी चीफ (PCC Chief) सचिन पायलट के बैनर-पोस्टर हटा दिए गए थे. इस मुद्दे को लेकर एनएसयूआई ने आक्रोश प्रकट करते हुए शाम होते-होते सचिन पायलट के पोस्टर्स एक बार फिर से कार्यलय के बाहर चस्पा कर दिए.
एनएसयूआई कार्यकर्ताओं का कहना है कि सोमवार सुबह कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सचिन पायलट के पोस्टरों को होर्डिंग सहित जड़ से उखाड़ दिया गया था, लेकिन पीसीसी चीफ की कुर्सी पर नाम अभी भी सचिन पायलट का लगा है. इस घटनाक्रम से नाराज कांग्रेस के अग्रिम संगठन एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश मुख्यालय के बाहर नारेबाजी की. जहां एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष अभिमन्यु पूनिया के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने सचिन पायलट जिंदाबाद के नारे भी लगाए.
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एनएसयूआई प्रदेशाध्यक्ष अभिमन्यु पूनिया का कहना है कि कांग्रेस मुख्यालय से पहले असामाजिक तत्वों ने किसी के इशारे पर पोस्टर हटा दिए थे. जिसको लेकर कांग्रेस के तमाम अग्रिम संगठनों के कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त है. सचिन पायलट अभी भी पीसीसी चीफ हैं, इसके बावजूद किसी बड़े नेता के इशारे पर ये खेल हो रहा है. ऐसे में एनएसयूआई ने मांग की है कि जिन लोगों ने ये हरकत की है अगर वो यदि 24 घंटे के भीतर पकड़े नहीं गए तो थाने में FIR दर्ज करवाई जाएगी.