जयपुर. उपज के लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य की मांग को लेकर पूरे देश में भारतीय किसान संघ की ओर से हल्ला बोल कार्यक्रम किया गया है. कार्यक्रम के तहत पूरे देश में जिला मुख्यालयों पर भारतीय किसान संघ ने आक्रोश जताया और कलेक्टर के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लाभकारी मूल्य नीति की मांग की.
भारतीय किसान संघ ने चेतावनी दी कि उनकी उपज का लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य नहीं मिलने से किसानों में आक्रोश है और किसानों को लाभकारी मूल्य नहीं मिलता है तो सरकार के खिलाफ पूरे देश में गांव-गांव में आंदोलन किया जाएगा. भारतीय किसान संघ के बैनर तले किसानों ने भजन गाकर केंद्र सरकार से उपज का लाभकारी मूल्य मांगा.
जयपुर में हुए प्रदर्शन के दौरान किसानों ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से कई तरह की योजनाएं चल रही हैं, लेकिन किसानों में अशांति का माहौल बना हुआ है. न्यूनतम समर्थन मूल्य तय होने के बावजूद मंडियों में किसानों की उपज एमएसपी से कम मूल्य पर बिक रही है. कृषि आदान महंगे होते जा रहे हैं, जबकि न्यूनतम समर्थन मूल्य बहुत पीछे छूट गया है.
भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि उपज का लाभकारी मूल्य नहीं मिलने से किसान और गरीब होता जा रहा है. उपज के बाजार भाव और न्यूनतम समर्थन मूल्य में प्रति क्विंटल सैंकड़ों रुपये का अंतर है. न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ भी केवल कुछ राज्यों को मिल पाता है, शेष देश भर के किसान वंचित रह जाते हैं.
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भारतीय किसान संघ के प्रांत मंत्री सांवरमल सोलेट ने कहा कि किसान को उसकी उपज का लाभकारी मूल्य नहीं मिलने से किसान नाराज हैं. किसान को उसकी उपज का लाभकारी मूल्य मिले इसके लिए कानून बनाने की मांग को लेकर पूरे देश में भारतीय किसान संघ हल्ला बोल कार्यक्रम कर रहा हैं. सभी जिला मुख्यालय पर सांकेतिक रूप से केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया गया है.
जयपुर तहसील के भी भारतीय किसान संघ के सभी प्रतिनिधि इसी मांग को लेकर जयपुर कलेक्ट्रेट पहुंचे और किसानों ने कलेक्टर के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए गारंटी कानून बनाने की गुहार लगाई. सोलेट ने चेतावनी दी कि यदि किसानों को उसकी उपज का लाभकारी मूल्य नहीं मिलता है तो इस आंदोलन को पूरे देश के गांवों तक पहुंचाया जाएगा और किसान सड़कों पर उतरेगा.
भारतीय किसान संघ के भाजपा समर्थित होने के सवाल पर सोलेट ने कहा कि भारतीय किसान संघ किसी भी पार्टी से कोई संबंध नहीं रखता. यह सालों से किसानों की आवाज उठाता आ रहा है और इसका एक ही उद्देश्य है- किसानों का लाभ कैसे हो, किसानों को उनकी उपज के आधार पर लाभकारी मूल्य किस तरह से मिले. इसके लिए भारतीय किसान संघ लगातार काम कर रहा है.
भारतीय किसान संघ की महिला प्रमुख मंजू दीक्षित ने कहा कि उपज का लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य नहीं मिलने से किसान परेशान हैं. भारत का किसान लगातार घाटे में जा रहा है. अगर लागत के आधार पर किसान को लाभकारी मूल्य मिलता है तो किसान स्वयं ही संपन्न हो जाएगा.
जोधपुर में रैली निकालकर प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन
भारतीय किसान संघ की ओर से जोधपुर में प्रदर्शन किया गया और रैली निकालकर प्रधानमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा. संघ ने कृषि आदानों में समय-समय पर हुई बढ़ोतरी व महंगाई का समायोजन कर उस मूल्य का भुगतान होने की व्यवस्था लागू करने की मांग की. इससे पहले दिये गये ज्ञापन की मियाद 31 अगस्त को समाप्त हो गई थी. इसके बाद भारतीय किसान संघ यह आंदोलन कर रहा है.
संघ ने चेताया है कि केंद्र सरकार ने 10 दिन में किसानों की मांगों पर स्पष्ट मत जारी नहीं किया तो 10 दिन बाद आंदोलन को उग्र किया जाएगा. भारतीय किसान संघ के जोधपुर प्रांत के प्रचार प्रमुख तुलछाराम सिंवर ने कहा कि किसान अपनी फसल चाहे मंडी में बेचे, मंडी के बाहर बेचे या फसल की सरकारी खरीद हो, सभी जगह लाभकारी मूल्य मिलना सुनिश्चित करना आवश्यक है.
अजमेर में किसानों का धरना प्रदर्शन
अजमेर में भारतीय किसान संघ के बैनर तले किसानों ने धरना प्रदर्शन किया. भारतीय किसान संघ चित्तौड़ प्रांत के बैनर तले किसानों ने तीनों कृषि कानून का समर्थन किया. साथ ही एमएसपी की जगह किसानों की फसल की उपज लाभकारी मूल्य में खरीदने की मांग उठाई.
भारतीय किसान संघ चित्तौड़ प्रांत के महामंत्री अंबालाल शर्मा ने कहा कि भारतीय किसान संघ हिंसा में विश्वास नहीं करता, अहिंसात्मक तरीके से अपना आंदोलन करता है. भारतीय किसान संघ गैर राजनीतिक और राष्ट्रवादी संगठन है. किसान का अपनी फसल उगाने से लेकर घर तक लाने में उसका काफी खर्चा होता है. प्रधानमंत्री से मांग की जा रही है कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की जगह लाभकारी मूल्य दिया जाए.
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भीलवाड़ा में संघ जिलाध्यक्ष का टिकैत पर हमला, कहा वे देशद्रोही लोग
भीलवाड़ा में भारतीय किसान संघ के बैनर तले जिला कलेक्टर को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया. किसान संघ के जिला अध्यक्ष बद्रीलाल तेली ने इस दौरान राकेश टिकैत पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि टिकैत से हमारा कोई लेना-देना नहीं. वे राजनीतिक उद्देश्य पूरा करने के लिए धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. टिकैत के साथ सीए व खालिस्तानी लोग आंदोलन में शामिल हैं. वह देशद्रोही लोग हैं. जबकि हम राष्ट्रवादी व राष्ट्र के लिए समर्पित किसान हैं.
जिला कलेक्टर शिवप्रसाद एम नकाते को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया. ज्ञापन सौंपने आए किसानों ने पूरी कोरोना गाईडलाइन की पालना किया. भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष बद्रीलाल तेली ने कहा की कृषि कानून में सुधार को लेकर केंद्रीय किसान संगठन ने कुछ दिनों पहले भारत सरकार से बातचीत की थी.
धौलपुर में डेढ़ गुना समर्थन मूल्य निर्धारित करने की मांग
धौलपुर जिले के भारतीय संघ के किसान पदाधिकारियों ने फसल की लागत का आकलन कर उसके खर्चे का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य निर्धारित करने की मांग रखी है. भारतीय किसान संघ के किसान नेताओं ने बताया देशभर का किसान वर्तमान परिस्थिति में दयनीय हालातों से जूझ रहा है. विगत कई वर्षों से खेती किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार किसान की आय को दोगुना करने का दावा कर रही है. लेकिन जिस प्रकार से महंगाई बढ़ती जा रही है, उसके मुताबिक किसान लगातार गर्त में जा रहा है.
किसानों ने मंडियों की कालाबाजारी पर रोक लगाने, मंडियों में समर्थन मूल्य से कम लागत पर व्यापारियों द्वारा माल खरीदने पर अंकुश लगाने, खरीफ और रबी की हर फसल के उत्पादन का आकलन कर समर्थन मूल्य निर्धारित करने की मांग की है.
कोटा में हजारों की तादाद में सर्किट हाउस पहुंचे किसान
कोटा में भारतीय किसान संघ ने कलेक्ट्रेट पर जमकर प्रदर्शन किया. हजारों की संख्या में किसान सर्किट हाउस पर एकत्रित हुए. जहां से रैली के रूप में कलेक्ट्रेट पर पहुंचे. साथ ही उन्होंने वहां पर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया और इसी दौरान बारिश भी तेज हो गई. किसान बारिश में भी डंटे रहे और हाथों में तख्तियां और बैनर लेकर जमकर नारेबाजी करते रहे.
बाद में किसान कलेक्ट्रेट पर ही धरने पर बैठ गए. रैली में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थी जो भी गीत गाकर सरकार से अपनी मांगों को मनवाने की बात कह रही थी. किसानों ने उनकी लागत में 50 फ़ीसदी मुनाफा जोड़कर देने, तीनों कृषि कानूनों में संशोधन करने, कोटा संभाग में फसल खराबे का उचित मुआवजा देने की मांग की. किसानों का कहना है कि एमएसपी तय होने के बाद भी मंडी में उससे कम दाम पर उपज बिकती है. इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य बहुत पीछे छूट गया है. दूसरी ओर किसानों को आदान की आपूर्ति करने वाले, उनकी उपज का व्यापार करने वाले तथा उद्योग चलाने वाले, सभी फल फूल रहे हैं. जबकि किसान कर्जदार हो रहा है. इस प्रदर्शन में जगदीश कलमंडा, आशीष मेहता, भारती नागर, रजनी नागर, रमा शर्मा, प्रभु दयाल नागर, जिला अध्यक्ष गिरिराज चौधरी व मंत्री देवीशंकर गुर्जर शामिल रहे.