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प्रशासन शहरों के संग अभियान 6 महीने में रहा फेल, अब नई रूपरेखा के साथ फिर शुरू होंगे शिविर

प्रशासन शहरों के संग अभियान (Prashasan Shahron ke sang campaign) के जरिए राज्य सरकार वोट बैंक साधना चाहती है. यही वजह है कि जितनी छूट सरकार ने इस बार अभियान में दी है, आज तक कभी नहीं दी गई. इससे पहले भी 2012-13 में भी अशोक गहलोत सरकार ने ये अभियान चलाया था.

Non performance of Prashasan Shahron ke sang
प्रशासन शहरों के संग अभियान 6 महीने में रहा फेल
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Published : Mar 26, 2022, 8:08 AM IST

जयपुर. प्रशासन शहरों के संग अभियान (Prashasan Shahron ke sang campaign) के तहत इस बार 10 लाख पट्टे बांटने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. तय समय अवधि में ये पट्टे महज 25 फीसदी ही बंट सके हैं. ऐसे में अब अभियान को एक साल के लिए एक्सटेंड किया गया है. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए नई रूपरेखा के साथ अप्रैल के पहले सप्ताह में दोबारा शिविर (lease deed camp By Gehlot Government) भी शुरू किए जा रहे हैं.

राज्य सरकार ने बीते साल 2 अक्टूबर से प्रशासन शहरों के संग अभियान की शुरुआत की. अभियान के तहत नगरीय निकायों में अब तक 1 लाख 56 हज़ार 103 पट्टे बांटे गए हैं. जबकि विकास प्राधिकरण और विकास न्यास की अगर बात की जाए तो यहां फिलहाल 1 लाख 453 पट्टे ही बांटे गए हैं. यानी अभियान को लेकर जो लक्ष्य तय किया गया था, उसमें नगरीय विकास और स्वायत्त शासन विभाग 25% तक ही पहुंच पाया है. अभियान की इस धीमी गति का एक कारण कोरोना की वजह से शिविर स्थगित करना भी बताया जाता है.

प्रशासन शहरों के संग अभियान 6 महीने में रहा फेल

पढ़ें-Cold War : ग्रेटर नगर निगम में महापौर और उपमहापौर के बीच कोल्ड वॉर ! ऐसे कर रहे एक-दूसरे को इग्नोर...

अब कोरोना का असर कम हुआ है और राज्य सरकार ने अभियान को लेकर दोबारा शिविर शुरू करने की तैयारी भी की है. चूंकि अब तक अभियान में अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई है ऐसे में अभियान की रूपरेखा में कुछ बदलाव करते हुए अप्रैल के पहले सप्ताह में शिविर दोबारा शुरू किए जा रहे हैं. नगरीय निकायों में कच्ची बस्ती, स्टेट ग्रांट एक्ट और धारा 69ए के तहत बांटे जाने वाले पट्टों में आ रही बाधाओं को दूर करते हुए निर्देश दिए जा रहे हैं ताकि अभियान को गति दी जा सके. वहीं जेडीए ने गैर अनुमोदित योजनाओं की कैम्प से पहले सुओमोटो 90ए प्रकरणों की तैयारी के अन्तर्गत विज्ञप्ति जारी करने, सर्वे कार्य, नामांतरण कार्य, ले-आउट प्लान स्वीकृत कर 350 गैर अनुमोदित योजनाओं में पट्टे बांटे जाने का दावा किया है. इन शिविरों के दौरान राज्य सरकार की ओर से दी गई छूट भी लागू रहेगी.

नगरीय निकायों में पट्टों की वर्तमान स्थिति :

मदपट्टे जारीपेंडिंग
कृषि भूमि पर बसी आवासीय योजनाओं/ संस्थाओं की स्वयं की योजनाओं 66022 13349
69 ए 47840 23460
कच्ची बस्ती नियमन 2300 2129
स्टेट ग्रांट एक्ट302037830
ईडब्ल्यूएस/एलआईजी/60 वर्ग मीटर तक क्षेत्रफल के भूखंड/आवासों का आवंटन82035
पूर्व में जारी पट्टों के समर्पण के बाद दोबारा पट्टा जारी करने के प्रकरण 8918 848

ये भी पढे़ं-ग्रेटर नगर निगम के कमिश्नर को लगता है डर!, राज्य सरकार को लिखा खत

आपको बता दें कि सरकार ने जो छूट दी थी, वो अभियान की अवधि तक के लिए थी. लेकिन जनवरी से शिविर बंद होने की वजह से लोगों को पट्टे नहीं मिल पा रहे हैं. हालांकि अभियान 1 साल एक्सटेंड होने की वजह से ये लाभ मार्च 2023 तक मिलेगा.

जयपुर. प्रशासन शहरों के संग अभियान (Prashasan Shahron ke sang campaign) के तहत इस बार 10 लाख पट्टे बांटने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. तय समय अवधि में ये पट्टे महज 25 फीसदी ही बंट सके हैं. ऐसे में अब अभियान को एक साल के लिए एक्सटेंड किया गया है. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए नई रूपरेखा के साथ अप्रैल के पहले सप्ताह में दोबारा शिविर (lease deed camp By Gehlot Government) भी शुरू किए जा रहे हैं.

राज्य सरकार ने बीते साल 2 अक्टूबर से प्रशासन शहरों के संग अभियान की शुरुआत की. अभियान के तहत नगरीय निकायों में अब तक 1 लाख 56 हज़ार 103 पट्टे बांटे गए हैं. जबकि विकास प्राधिकरण और विकास न्यास की अगर बात की जाए तो यहां फिलहाल 1 लाख 453 पट्टे ही बांटे गए हैं. यानी अभियान को लेकर जो लक्ष्य तय किया गया था, उसमें नगरीय विकास और स्वायत्त शासन विभाग 25% तक ही पहुंच पाया है. अभियान की इस धीमी गति का एक कारण कोरोना की वजह से शिविर स्थगित करना भी बताया जाता है.

प्रशासन शहरों के संग अभियान 6 महीने में रहा फेल

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अब कोरोना का असर कम हुआ है और राज्य सरकार ने अभियान को लेकर दोबारा शिविर शुरू करने की तैयारी भी की है. चूंकि अब तक अभियान में अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई है ऐसे में अभियान की रूपरेखा में कुछ बदलाव करते हुए अप्रैल के पहले सप्ताह में शिविर दोबारा शुरू किए जा रहे हैं. नगरीय निकायों में कच्ची बस्ती, स्टेट ग्रांट एक्ट और धारा 69ए के तहत बांटे जाने वाले पट्टों में आ रही बाधाओं को दूर करते हुए निर्देश दिए जा रहे हैं ताकि अभियान को गति दी जा सके. वहीं जेडीए ने गैर अनुमोदित योजनाओं की कैम्प से पहले सुओमोटो 90ए प्रकरणों की तैयारी के अन्तर्गत विज्ञप्ति जारी करने, सर्वे कार्य, नामांतरण कार्य, ले-आउट प्लान स्वीकृत कर 350 गैर अनुमोदित योजनाओं में पट्टे बांटे जाने का दावा किया है. इन शिविरों के दौरान राज्य सरकार की ओर से दी गई छूट भी लागू रहेगी.

नगरीय निकायों में पट्टों की वर्तमान स्थिति :

मदपट्टे जारीपेंडिंग
कृषि भूमि पर बसी आवासीय योजनाओं/ संस्थाओं की स्वयं की योजनाओं 66022 13349
69 ए 47840 23460
कच्ची बस्ती नियमन 2300 2129
स्टेट ग्रांट एक्ट302037830
ईडब्ल्यूएस/एलआईजी/60 वर्ग मीटर तक क्षेत्रफल के भूखंड/आवासों का आवंटन82035
पूर्व में जारी पट्टों के समर्पण के बाद दोबारा पट्टा जारी करने के प्रकरण 8918 848

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आपको बता दें कि सरकार ने जो छूट दी थी, वो अभियान की अवधि तक के लिए थी. लेकिन जनवरी से शिविर बंद होने की वजह से लोगों को पट्टे नहीं मिल पा रहे हैं. हालांकि अभियान 1 साल एक्सटेंड होने की वजह से ये लाभ मार्च 2023 तक मिलेगा.

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