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पुनर्गठन अधिनियम में राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का नियम नहीं : सीपी जोशी - jaipur

जयपुर में रविवार को भारतीय युवा संसद का आयोजन शुरू हुआ. इस दौरान समारोह में शामिल होने आए विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने अनुच्छेद 370 पर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पुनर्गठन अधिनियम में राज्य बनाने का प्रावधान तो बना हुआ है लेकिन राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का प्रावधान नहीं है.

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Published : Sep 15, 2019, 8:40 PM IST

जयपुर. शहर में रविवार को भारतीय युवा संसद का आयोजन शुरू हुआ. 'लोकतंत्र में तनाव: बदलते वैश्विक परिदृश्य में समाधान' विषय पर यह तीन दिवसीय युवा संसद बैठी. संसद में प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर के मसले को छेड़ते हुए केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि पुनर्गठन अधिनियम में राज्य बनाने का प्रावधान तो बना हुआ है लेकिन राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बना दें यह फैसला करने का नियम अभी कानून के अंतर्गत नहीं है. इसका फैसला न्याय तंत्र में होगा.

सीपी जोशी ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

उन्होंने कहा कि अभी लोकतंत्र के सामने यह प्रश्न खड़ा है कि यह फैसला अच्छा होगा या बुरा. सीपी जोशी ने आगे बोलते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 के कई प्रावधान बने हुए है लेकिन तीसरे प्रावधान का संविधान असेंबली में ही नहीं आया. उन्होंने कहा कि 370 जब लागू हुआ था तब वहां पर ना मुख्यमंत्री था और ना राज्यपाल, लेकिन 370 (1) में प्रावधान था वहां की चुनी हुई असेंबली जो जो नियम पास करेगी उनको भारत सरकार द्वारा लागू कराया जाएगा.

पढ़ें: अगर RSS नहीं होता तो यह देश ही नहीं होता : सतीश पूनिया

उन्होंने कहा कि संसदीय लोकतंत्र के अनुसार जनता का प्रतिनिधित्व निर्वाचित पार्टी करती है लेकिन कश्मीर में राज्यपाल जनता का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. लेकिन हम एक व्यक्ति को राज्य का प्रतिनिधित्व करने नहीं दे सकते. अगर ऐसा ही होता है तो फिर हर राज्य में सरकार को भंग कर देना चाहिए और राज्यपाल को नियुक्त कर फैसले ले लेने चाहिए. जोशी ने कहा कि हमने बिहार और मध्य प्रदेश के दो प्रदेश बनाए लेकिन उनका निर्णय वहां की विधानसभा ने किया ना कि राज्यपाल ने.

जोशी ने कहा कि अनुच्छेद 370 से आगे अनुच्छेद 371 है जिससे नॉर्थ ईस्ट की परंपरा बची है, यह हमारे नेताओं की देन है. हमारे यहां बोली की विविधता व धर्म की विविधता है. उन्होंने कहा कि राजनीति पार्टियों को घोषणा पत्र के आधार पर जनता से वोट मांगना चाहिए. भावनाओं के आधार पर वोट मांगना देश के लिए खतरा है. जोशी ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों को ब्लू प्रिंट देना होगा. युवाओं से उनके इस पर चर्चा करनी होगी. वहीं युवाओं को सरकार से ब्लूप्रिंट के बारे में जानकारी मांगनी चाहिए.

जयपुर. शहर में रविवार को भारतीय युवा संसद का आयोजन शुरू हुआ. 'लोकतंत्र में तनाव: बदलते वैश्विक परिदृश्य में समाधान' विषय पर यह तीन दिवसीय युवा संसद बैठी. संसद में प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर के मसले को छेड़ते हुए केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि पुनर्गठन अधिनियम में राज्य बनाने का प्रावधान तो बना हुआ है लेकिन राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बना दें यह फैसला करने का नियम अभी कानून के अंतर्गत नहीं है. इसका फैसला न्याय तंत्र में होगा.

सीपी जोशी ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

उन्होंने कहा कि अभी लोकतंत्र के सामने यह प्रश्न खड़ा है कि यह फैसला अच्छा होगा या बुरा. सीपी जोशी ने आगे बोलते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 के कई प्रावधान बने हुए है लेकिन तीसरे प्रावधान का संविधान असेंबली में ही नहीं आया. उन्होंने कहा कि 370 जब लागू हुआ था तब वहां पर ना मुख्यमंत्री था और ना राज्यपाल, लेकिन 370 (1) में प्रावधान था वहां की चुनी हुई असेंबली जो जो नियम पास करेगी उनको भारत सरकार द्वारा लागू कराया जाएगा.

पढ़ें: अगर RSS नहीं होता तो यह देश ही नहीं होता : सतीश पूनिया

उन्होंने कहा कि संसदीय लोकतंत्र के अनुसार जनता का प्रतिनिधित्व निर्वाचित पार्टी करती है लेकिन कश्मीर में राज्यपाल जनता का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. लेकिन हम एक व्यक्ति को राज्य का प्रतिनिधित्व करने नहीं दे सकते. अगर ऐसा ही होता है तो फिर हर राज्य में सरकार को भंग कर देना चाहिए और राज्यपाल को नियुक्त कर फैसले ले लेने चाहिए. जोशी ने कहा कि हमने बिहार और मध्य प्रदेश के दो प्रदेश बनाए लेकिन उनका निर्णय वहां की विधानसभा ने किया ना कि राज्यपाल ने.

जोशी ने कहा कि अनुच्छेद 370 से आगे अनुच्छेद 371 है जिससे नॉर्थ ईस्ट की परंपरा बची है, यह हमारे नेताओं की देन है. हमारे यहां बोली की विविधता व धर्म की विविधता है. उन्होंने कहा कि राजनीति पार्टियों को घोषणा पत्र के आधार पर जनता से वोट मांगना चाहिए. भावनाओं के आधार पर वोट मांगना देश के लिए खतरा है. जोशी ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों को ब्लू प्रिंट देना होगा. युवाओं से उनके इस पर चर्चा करनी होगी. वहीं युवाओं को सरकार से ब्लूप्रिंट के बारे में जानकारी मांगनी चाहिए.

Intro:नोट- इसमें सीपी जोशी की बाईट व्रैप से भेजी है।

जयपुर शहर में रविवार को भारतीय युवा संसद का आयोजन शुरू हुआ। 'लोकतंत्र में तनाव: बदलते वैश्विक परिदृश्य में समाधान' विषय पर यह तीन दिवसीय युवा संसद बैठी। संसद में प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने एक बार फिर जम्मू कश्मीर के मसले को छेड़ते हुए केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि पुनर्गठन अधिनियम में राज्य बनाने का प्रावधान तो बना हुआ है लेकिन राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बना दें यह फैसला करने का नियम अभी कानून के अंतर्गत नहीं है। इसका फैसला न्याय तंत्र में होगा। उन्होंने कहा कि अभी लोकतंत्र के सामने यह प्रश्न खड़ा है कि यह फैसला अच्छा होगा या बुरा। सीपी जोशी ने आगे बोलते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 के कई प्रावधान बने हुए है लेकिन तीसरे प्रावधान का संविधान असेंबली में ही नहीं आया। उन्होंने कहा कि 370 जब लागू हुआ था तब वहां पर ना मुख्यमंत्री था और ना राज्यपाल, लेकिन 370 (1) में प्रावधान था वहां की चुनी हुई असेंबली जो जो नियम पास करेगी उनको भारत सरकार द्वारा लागू कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमने करीब 44-46 भारत सरकार के नोटिफिकेशन को वहां पर 370 (1) में दिया था लेकिन अब 370 (1) में एक बदलाव कर दिया गया कि राज्यपाल वहां की चुनी हुई सरकार नहीं है बल्कि राज्यपाल की स्वीकृति को ही जनता की स्वीकृति मान लिया गया।



Body:उन्होंने कहा कि संसदीय लोकतंत्र के अनुसार जनता का प्रतिनिधित्व निर्वाचित पार्टी करती है लेकिन कश्मीर में राज्यपाल जनता का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं लेकिन हम एक व्यक्ति को राज्य का प्रतिनिधित्व करने नहीं दे सकते। अगर ऐसा ही होता है तो फिर हर राज्य में सरकार को भंग कर देना चाहिए और राज्यपाल को नियुक्त कर फैसले ले लेने चाहिए। जोशी ने कहा कि हमने बिहार और मध्य प्रदेश के दो प्रदेश बनाए लेकिन उनका निर्णय वहां की विधानसभा ने किया ना कि राज्यपाल ने।

जोशी ने कहा कि धारा 370 से आगे धारा 371 है जिससे नॉर्थ ईस्ट की परंपरा बची है, यह हमारे नेताओं की देन है। हमारे यहां बोली की विविधता व धर्म की विविधता है। उन्होंने कहा कि राजनीति पार्टियों को घोषणा पत्र के आधार पर जनता से वोट मांगना चाहिए। भावनाओं के आधार पर वोट मांगना देश के लिए खतरा है। जोशी ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों को ब्लू प्रिंट देना होगा। युवाओं से उनके इस उस पर चर्चा करनी होगी वहीं युवाओं को सरकार से ब्लूप्रिंट के बारे में जानकारी मांगने चाहिए।

बाईट- डॉ सीपी जोशी, प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष


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