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नाइट बाजार का डेमो : स्थानीय लोग और टूरिस्ट खुश, महापौर और पार्षद नाराज होकर लौटे - जयपुर में नाइट बाजार

जयपुर जिले में सोमवार रात को जल महल की पाल पर नाइट बाजार सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ शुरू (Night Bazaar Demo started on Monday) हुआ. स्थानीय लोगों के साथ विदेशी पर्यटकों भी इस नाइट बाजार कार्यक्रम में पहुंचे. वहीं महापौर कार्यक्रम का इनॉग्रेशन किए बिना नाराज होकर लौट गए.

Night Bazaar Demo started on Monday
नाइट बाजार का डेमो
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Published : Sep 27, 2022, 2:22 PM IST

जयपुर. राजधानी में सोमवार रात जल महल की पाल पर हंगामे के साथ नाइट बाजार का डेमो (Night Bazaar Demo started on Monday) हुआ. रंग-बिरंगी लाइटिंग और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ नाइट बाजार की शुरुआत हुई. जिसमें स्थानीय लोगों के साथ-साथ विदेशी पर्यटक भी पहुंचे. पर्यटकों ने यहां सजी 150 दुकानों से खरीदारी भी की. हालांकि नाइट बाजार में पार्षदों को प्रवेश के लिए एंट्री टिकट पूछे जाने पर जमकर बवाल मचा और महापौर यहां से इनॉग्रेशन किए बिना ही नाराज होकर लौट गई. इस दौरान उन्होंने नाइट बाजार से निगम को होने वाले लॉस का जिक्र करते हुए. यहां से निगम को रेवेन्यू दिए जाने की बात कही और रेवेन्यू नहीं दिए जाने पर कार्रवाई की चेतावनी दी.

नाइट बाजार के डेमो में त्योहारी सीजन को देखते हुए सजावटी सामान, हैंडीक्राफ्ट, ब्लू पॉटरी, सांगानेरी प्रिंट की दुकानें सजी. वहीं लोगों ने यहां लगी खाने पीने की दुकानों का भी लुत्फ उठाया. यहां युवाओं को आकर्षित करने के लिए जगह-जगह सेल्फी प्वाइंट और वीआईपी लॉज भी बनाए गए. इसके अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रमों में चरी, घूमर, कालबेलिया नृत्य की प्रस्तुतियां हुई.

पढ़ें- Special: कोरोना के 2 साल बाद फिर देखेगी गरबा की रौनक, बाजार में बढ़ी राजस्थानी साफे की मांग

महापौर के लिए खास नहीं रही नाइट बाजार: वहीं, जल महल की पाल पर नाइट बाजार की ये पहल महापौर को कुछ खास रास नहीं आई. यहां नाइट बाजार का इनॉग्रेशन करने पहुंची महापौर मुनेश गुर्जर ने कहा कि निगम से परमिशन लेना अलग बात है. निगम को रेवेन्यू देना एक अलग बात है. रेवेन्यू के जरिए ही निगम जयपुर को मेंटेन करता है. सफाई व्यवस्था और सौंदर्यीकरण के कार्य करता है. उन्होंने कहा कि नाइट बाजार के जरिए जयपुर की प्रसिद्धी में शुमार व्यापार का प्रचार प्रसार होना एक अच्छी पहल है. वो खुद भी इसके फेवर में हैं. लेकिन निगम का रेवेन्यू जरूर जनरेट होना चाहिए. जल महल की पाल एक प्राइम लोकेशन है. इसके हिसाब से रेवेन्यू का एसेसमेंट होकर निगम को मिलना चाहिए. क्योंकि यहां के सौन्दर्यीकरण और सफाई पर निगम ने काफी खर्च किया है. यह टूरिस्ट पॉइंट है. ये नाइट बाजार एक अच्छी पहल है, लेकिन निगम के रेवेन्यू को भी दरकिनार नहीं किया जा सकता.

वहीं महापौर ने यहां पार्षदों से एंट्री टिकट मांगे जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जन प्रतिनिधि को जनता चुनकर भेजती हैं. कोई प्राइवेट ठेकेदार उनका अपमान नहीं कर सकता. निगम पार्षद का अपमान सहन नहीं करेंगे, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और आगे निगम को रेवेन्यू नहीं दिया जाता, तो एक्शन लिया जाएगा.

कई सालों से नाइट बाजार विकसित करने की तैयारी: बता दें कि शहर में नाइट बाजार को विकसित करने की कवायद पिछले पांच वर्ष से चल रही है. पहले परकोटे के प्रमुख बाजारों में लाइटों को लगाया गया. फिर चौड़ा रास्ता में नाइट बाजार विकसित करने का प्लान बनाया था. लेकिन स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया. ऐसे में स्मार्ट सिटी लिमिटेड और निगम बैकफुट पर आ गया. अब जलमहल की पाल पर इसे डेमो के तौर पर लगाया जा रहा है. ये बाजार शाम 7:00 बजे से रात 1:00 बजे तक सजेगा.

जयपुर. राजधानी में सोमवार रात जल महल की पाल पर हंगामे के साथ नाइट बाजार का डेमो (Night Bazaar Demo started on Monday) हुआ. रंग-बिरंगी लाइटिंग और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ नाइट बाजार की शुरुआत हुई. जिसमें स्थानीय लोगों के साथ-साथ विदेशी पर्यटक भी पहुंचे. पर्यटकों ने यहां सजी 150 दुकानों से खरीदारी भी की. हालांकि नाइट बाजार में पार्षदों को प्रवेश के लिए एंट्री टिकट पूछे जाने पर जमकर बवाल मचा और महापौर यहां से इनॉग्रेशन किए बिना ही नाराज होकर लौट गई. इस दौरान उन्होंने नाइट बाजार से निगम को होने वाले लॉस का जिक्र करते हुए. यहां से निगम को रेवेन्यू दिए जाने की बात कही और रेवेन्यू नहीं दिए जाने पर कार्रवाई की चेतावनी दी.

नाइट बाजार के डेमो में त्योहारी सीजन को देखते हुए सजावटी सामान, हैंडीक्राफ्ट, ब्लू पॉटरी, सांगानेरी प्रिंट की दुकानें सजी. वहीं लोगों ने यहां लगी खाने पीने की दुकानों का भी लुत्फ उठाया. यहां युवाओं को आकर्षित करने के लिए जगह-जगह सेल्फी प्वाइंट और वीआईपी लॉज भी बनाए गए. इसके अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रमों में चरी, घूमर, कालबेलिया नृत्य की प्रस्तुतियां हुई.

पढ़ें- Special: कोरोना के 2 साल बाद फिर देखेगी गरबा की रौनक, बाजार में बढ़ी राजस्थानी साफे की मांग

महापौर के लिए खास नहीं रही नाइट बाजार: वहीं, जल महल की पाल पर नाइट बाजार की ये पहल महापौर को कुछ खास रास नहीं आई. यहां नाइट बाजार का इनॉग्रेशन करने पहुंची महापौर मुनेश गुर्जर ने कहा कि निगम से परमिशन लेना अलग बात है. निगम को रेवेन्यू देना एक अलग बात है. रेवेन्यू के जरिए ही निगम जयपुर को मेंटेन करता है. सफाई व्यवस्था और सौंदर्यीकरण के कार्य करता है. उन्होंने कहा कि नाइट बाजार के जरिए जयपुर की प्रसिद्धी में शुमार व्यापार का प्रचार प्रसार होना एक अच्छी पहल है. वो खुद भी इसके फेवर में हैं. लेकिन निगम का रेवेन्यू जरूर जनरेट होना चाहिए. जल महल की पाल एक प्राइम लोकेशन है. इसके हिसाब से रेवेन्यू का एसेसमेंट होकर निगम को मिलना चाहिए. क्योंकि यहां के सौन्दर्यीकरण और सफाई पर निगम ने काफी खर्च किया है. यह टूरिस्ट पॉइंट है. ये नाइट बाजार एक अच्छी पहल है, लेकिन निगम के रेवेन्यू को भी दरकिनार नहीं किया जा सकता.

वहीं महापौर ने यहां पार्षदों से एंट्री टिकट मांगे जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जन प्रतिनिधि को जनता चुनकर भेजती हैं. कोई प्राइवेट ठेकेदार उनका अपमान नहीं कर सकता. निगम पार्षद का अपमान सहन नहीं करेंगे, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और आगे निगम को रेवेन्यू नहीं दिया जाता, तो एक्शन लिया जाएगा.

कई सालों से नाइट बाजार विकसित करने की तैयारी: बता दें कि शहर में नाइट बाजार को विकसित करने की कवायद पिछले पांच वर्ष से चल रही है. पहले परकोटे के प्रमुख बाजारों में लाइटों को लगाया गया. फिर चौड़ा रास्ता में नाइट बाजार विकसित करने का प्लान बनाया था. लेकिन स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया. ऐसे में स्मार्ट सिटी लिमिटेड और निगम बैकफुट पर आ गया. अब जलमहल की पाल पर इसे डेमो के तौर पर लगाया जा रहा है. ये बाजार शाम 7:00 बजे से रात 1:00 बजे तक सजेगा.

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