ETV Bharat / city

25 जनवरी को जारी हो सकती है प्रदेश में नई एम-सेंड नीति

author img

By

Published : Jan 24, 2021, 4:26 AM IST

प्रदेश में बजरी की किल्लत से निजात दिलाने के लिए प्रदेश की नई सेंड नीति नीति राज्य सरकार 25 जनवरी को जारी करने जा रही है. इसके तहत अब 2 करोड़ से अधिक निवेश वाले उद्योगों को नीति में बड़ी राहत देने के साथ ही सरकारी भवनों के निर्माण में 25 से 50 फीसदी तक एम सेंड अनिवार्य रूप से उपयोग में लाए जाने के लिए बाध्य किया जा सकता है.

new m send policy in rajasthan
25 जनवरी को जारी हो सकती है प्रदेश में नई एम-सेंड नीति

जयपुर. प्रदेश में बजरी की किल्लत से निजात दिलाने के लिए प्रदेश की नई सेंड नीति नीति राज्य सरकार 25 जनवरी को जारी करने जा रही है. इस नीति को कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है. इसके तहत अब 2 करोड़ से अधिक निवेश वाले उद्योगों को नीति में बड़ी राहत देने के साथ ही सरकारी भवनों के निर्माण में 25 से 50 फीसदी तक एम सेंड अनिवार्य रूप से उपयोग में लाए जाने के लिए बाध्य किया जा सकता है.

एम सेंड इकाइयों की स्थापना जल्द हो, इसके लिए 120 दिन में सभी स्वीकृति जारी करने का प्रावधान भी इस नीति में होगा. दरअसल बजरी पर लगी न्यायालय की रोक जल्द ही हट तो सकती है, लेकिन बीते 3 सालों से बजरी पर रोक जारी है. इसके चलते एम सेंड नीति लाई जा रही है.

यह भी पढ़ें- सबसे बड़ी IT रेड! आयकर विभाग को सुरंग में मिला खजाना, उजागर की 2000 करोड़ की अघोषित आय

इस एम सेंड नीति के जरिए नदियों की बजरी पर निर्भरता कम होगी और सस्ता विकल्प एम सेंड बनेगी. खानों से निकलने वाले मलबे का एम सेंड में उपयोग होगा, तो पर्यावरण को संरक्षण भी मिलेगा. कैबिनेट में दो कुछ दिनों पहले ही इस एम सेंड नीति को मंजूरी दी थी. अब कहा जा रहा है कि सोमवार को एम सेंड नीति मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जारी कर देंगे.

जयपुर. प्रदेश में बजरी की किल्लत से निजात दिलाने के लिए प्रदेश की नई सेंड नीति नीति राज्य सरकार 25 जनवरी को जारी करने जा रही है. इस नीति को कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है. इसके तहत अब 2 करोड़ से अधिक निवेश वाले उद्योगों को नीति में बड़ी राहत देने के साथ ही सरकारी भवनों के निर्माण में 25 से 50 फीसदी तक एम सेंड अनिवार्य रूप से उपयोग में लाए जाने के लिए बाध्य किया जा सकता है.

एम सेंड इकाइयों की स्थापना जल्द हो, इसके लिए 120 दिन में सभी स्वीकृति जारी करने का प्रावधान भी इस नीति में होगा. दरअसल बजरी पर लगी न्यायालय की रोक जल्द ही हट तो सकती है, लेकिन बीते 3 सालों से बजरी पर रोक जारी है. इसके चलते एम सेंड नीति लाई जा रही है.

यह भी पढ़ें- सबसे बड़ी IT रेड! आयकर विभाग को सुरंग में मिला खजाना, उजागर की 2000 करोड़ की अघोषित आय

इस एम सेंड नीति के जरिए नदियों की बजरी पर निर्भरता कम होगी और सस्ता विकल्प एम सेंड बनेगी. खानों से निकलने वाले मलबे का एम सेंड में उपयोग होगा, तो पर्यावरण को संरक्षण भी मिलेगा. कैबिनेट में दो कुछ दिनों पहले ही इस एम सेंड नीति को मंजूरी दी थी. अब कहा जा रहा है कि सोमवार को एम सेंड नीति मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जारी कर देंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.