जयपुर. प्रदेश में महिलाओं पर बढ़ते अपराध के मामले में चल रही सियासत के बीच जयपुर आई राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने इस बात को लेकर व्यथित हैं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दो बार पत्र लिखने के बाद भी कोई जवाब नहीं मिला और ना ही उनसे मुलाकात का अब तक समय मिल पाया है. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान रेखा शर्मा ने यह भी सवाल उठाया कि प्रदेश में आखिर महिलाओं से जुड़े मामले ही सबसे पीछे क्यों रखे जाते हैं.
जयपुर दौरे पर आई महिला आयोग अध्यक्ष रेखा शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए तो वहीं मौजूदा सरकार के कार्यकाल में अब तक राज्य महिला आयोग के गठन नहीं होने पर नाराजगी भी जताई. रेखा शर्मा ने कहा कि प्रदेश में अपराध तो बढ़ रहे हैं, क्योंकि मंगलवार को राजस्थान पुलिस ने मुझको जो प्रेजेंटेशन दिखाया उसमें भी इस साल पहले से ज्यादा केस आए हैं और उसमें भी कई केस सीरियस हैं.
यह भी पढ़ेंः EWS वर्ग के आरक्षण के लिए केंद्र सरकार भी लागू करे राजस्थान मॉडल, लाखों युवाओं को मिलेगा लाभः प्रताप सिंह खाचरियावस
रेखा शर्मा के अनुसार इसे रोकने का काम तो प्रदेश सरकार को ही करना पड़ेगा. पीड़ित को जल्द से जल्द न्याय मिले, लेकिन निचले स्तर पर पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों की कार्यशैली भी लचर है, जिसमें सुधार की बेहद आवश्यकता है. शर्मा ने कहा कि पुलिस कहती है कि हम FIR ज्यादा दर्ज कर रहे हैं इसलिए केस बढ़े हैं, लेकिन FIR दर्ज करने के बाद जरूरी है उस पर काम भी हो, खासतौर पर चार्जशीट समय पर दाखिल हो और पीड़ित को न्याय मिले.
'मुख्यमंत्री से समय मांगा है, ताकि हालातों से अवगत करवा सकें'
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा इस बात से भी खफा नजर आईं की मुख्यमंत्री को पत्र लिखने के बावजूद उनका जवाब नहीं मिला. हालत यह हैं कि जयपुर आए उन्हें 2 दिन हो गए, लेकिन मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा गया जो अब तक नहीं मिला. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान रेखा शर्मा कहती हैं कि मुख्यमंत्री से मिलने का मकसद यही है कि वह राजस्थान में महिला अपराधों को लेकर उन्हें अवगत कराएं और उसमें सुधार के लिए उठाए जाने वाले कदमों को लेकर सुझाव भी दें खासतौर पर राजस्थान में बाल संरक्षण आयोग का गठन तो कर दिया गया, लेकिन महिला आयोग का गठन अब तक नहीं किया गया.
यह भी पढ़ेंः SPECIAL : विश्व धरोहर जयपुर की विरासत पर अतिक्रमण का ग्रहण....अब दिए जा रहे नोटिस
रेखा शर्मा ने यह भी कहा कि आखिर क्यों महिलाओं से जुड़े मुद्दों को सबसे अंत में रखा जाता है. इसमें आप महिला सशक्तिकरण की बात तो करते हैं, लेकिन वह मौजूदा परिस्थितियों में दोहरी ही लगती है. शर्मा के अनुसार गुरुवार शाम तक वह जयपुर में हैं और इस बीच मुख्यमंत्री से समय मिलता है या नहीं यही देख रहे हैं.
'इंडिपेंडेंट गृहमंत्री की मांग राजनीतिक है, हमारा दृष्टिकोण महिला अपराध रोकना है'
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा से जब प्रदेश में इंडिपेंडेंट पूर्णकालिक गृहमंत्री नहीं होने और राज्य महिला आयोग का गठन नहीं होने के कारण अपराध बढ़ रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक मामला है उन्हें इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं करना, क्योंकि यह तो मुख्यमंत्री को देखना है कि चाहे गृह विभाग वह देखें या इंडिपेंडेंट किसी को दें हमारा दृष्टिकोण तो केवल प्रदेश में महिला अपराध रुके यही है और इसके लिए काम भी सरकार को ही करना होगा. आयुक्त यही चाहता है कि प्रदेश में महिलाओं पर अपराध ना हो महिला सुरक्षित और सिक्योर हों, इस पर सरकार कितना काम करती है यह उन्हें देखना है.
'ऊपरी स्तर पर पुलिस अधिकारी सही, लेकिन जांच अधिकारी नहीं करते काम'
ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने यह भी कहा कि प्रदेश में ऊपरी स्तर पर पुलिस अधिकारी बढ़िया हैं और अपने दायित्व को समझते भी हैं, लेकिन नीचे पुलिस अधीक्षक और जांच अधिकारियों की कार्यशैली कई मामलों में सही नहीं है, क्योंकि जांच अधिकारी के पास ही पूरे केस की कमान होती है, उसमें जल्द अनुसंधान कर पीड़िता को न्याय दिला सकते हैं, लेकिन कई मामलों में ऐसा नहीं होता और पीड़ित महिलाएं आयोग में भी गुहार लगाती हैं.
यह भी पढ़ेंः गहलोत कैबिनेट का अहम निर्णय, EWS वर्ग को अधिकतम आयु सीमा में छूट का प्रस्ताव मंजूर
रेखा शर्मा ने कहा कि मैंने डीजीपी को कहा है कि वह निचले स्तर के जांच अधिकारियों को और अधिक संवेदनशील बनाए, ताकि पीड़ित महिलाओं को राहत मिल सके. वहीं, आयोग अध्यक्ष का यह भी कहना है कि केवल सरकार या पुलिस महकमे के पास कोई जादू की छड़ी नहीं कि घुमाया और सब कुछ सुधार हो जाए, इसके लिए समाज को भी जागरूक होना पड़ेगा, क्योंकि अधिकतर महिलाओं से जुड़े मामले घरेलू ही हैं. ऐसे में प्रदेश सरकार जागरूकता को लेकर कैंपेन चलाए, कानून बनाए जिससे इस प्रकार के अपराधों में कमी आए.