जयपुर. राष्ट्रीय जल जीवन मिशन की टीम ने राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में ‘हर घर नल कनेक्शन‘ पहुंचाने के लिए गहलोत सरकार के कार्यों की मुक्तकंठ से तारीफ की है. केन्द्रीय टीम के सदस्यों ने जयपुर में जल भवन में जेजेएम के मिशन निदेशक डॉ. पृथ्वीराज एवं राज्य स्तरीय क्रियान्वयन टीम के साथ आयोजित डी-ब्रीफिंग सेशन में कहा कि राज्य सरकार 8 महीने में बेहतरीन कार्य किया है.
केंद्रीय अधिकारियों ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले 6 से 8 महीने में राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएलएसएससी) की बैठकों के माध्यम से वृहद स्तर पर स्वीकृतियां जारी करने, ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों के गठन में अव्वल प्रदर्शन तथा बड़ी संख्या में ‘विलेज एक्शन प्लान‘ तैयार करते हुए उनका अनुमोदन कराने जैसे सराहनीय कार्य किए हैं.
जल जीवन मिशन के कार्यों का फील्ड में जायजा लेने के लिए चार दिनों से अलग-अलग जिलों में गांवों का दौरा करने के बाद राष्ट्रीय जल जीवन मिशन की टीम ने राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ संवाद किया. केन्द्रीय टीम के अनुसार राज्य ने जेजेएम के तहत एसएलएसएससी की बैठकों में 75 लाख से अधिक ‘हर घर नल कनेक्शन‘ की स्वीकृतियां जारी करने और राज्य के 43 हजार 323 गांवों में से 43 हजार 229 में ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों का गठन करते हुए सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा देने की दिशा में तेजी से कार्य किया गया है.
टीम की ओर से जेजेएम के कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए ‘प्रोजेक्ट मैनेजमेंट प्रोग्रामिंग‘ के प्रभावी उपयोग, राज्य के बचे गांवों में ‘हर घर नल कनेक्शन‘ की बकाया स्वीकृतियां जल्दी से जारी करने, परियोजनाओं में ऑपरेशन एवं मेंटिनेंस की लागत कम करने के लिए सोलर बेस्ड स्कीम्स की दिशा में कार्य करने तथा डीपीआर के शेष कार्यों को शीघ्रता से पूरा करने जैसे कई महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए गए.
तारीफ के साथ नसीहत भी दी
राज्य के चार दिवसीय दौरा पर आई केन्द्रीय टीम ने गत सोमवार से प्रदेश के 5 जिलों दौसा, जयपुर, भीलवाड़ा, जोधपुर और बाड़मेर की फील्ड भ्रमण के बारे में अपने अनुभव एवं फीडबैक को साझा किया. टीम के सदस्यों ने बताया कि प्रदेश में आईएसए-इम्प्लीमेंटेशन सपोर्ट एजेंसीज के माध्यम से जेजेएम स्कीम्स के लिए सामुदायिक सहभागिता राशि के संग्रहण में तेजी लाने की जरूरत है. कई जगह विलेज एक्शन प्लान का अभी ग्राम सभाओं में अनुमोदन कराया जाना बाकी है. अलावा ग्राउंड वाटर सिक्योरिटी के लिए सोर्स सस्टेनेबिलिटी के कार्यों को भी समानांतर रूप से संचालित करने की आवश्यकता जताई गई.
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टारगेट को पूरा करे अधिकारी : पृथ्वीराज
डी-ब्रीफिंग सेशन में जेजेएम के मिशन निदेशक डॉ. पृथ्वीराज ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में जिन गांवों में ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों का गठन हो चुका है. उनमें से जिन समितियों के बैंक खाते खोलने का कार्य बकाया है, उसे अगले महीने में आवश्यक रूप से पूरा किया जाए. सदस्यों में ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं की ओनरशिप लेने एवं योजनाओं के क्रियान्वयन के हर स्तर पर सतत भागीदारी की भावना को मजबूत किया जाए. साथ ही अब तक राज्य में 31 जिलों में पेयजल जांच प्रयोगशालाओं को ‘एनएबीएल एक्रिडेशन‘ दिलाने के प्रयासों की सराहना करते हुए प्रदेशभर में पेयजल नमूनों के संग्रहण एवं उनकी जांच की संख्या बढ़ाने के भी निर्देश दिए.
नेशनल प्रोजेक्ट मैनेजमेंट टीम के टीम लीडर राना रमेश सिंह, प्रोग्राम मॉनिटरिंग एवं मैनेजमेंट विशेषज्ञ शिबब्रत चक्रवर्ती, पब्लिक यूटिलिटी एक्सपर्ट रूप मुखर्जी, सीनियर इंफ्रास्ट्रक्चर विशेषज्ञ जय प्रकाश यादव, आईईसी विशेषज्ञ लोपमुद्रा पंडा तथा बालाजी नगेंद्रन शामिल थे.