जयपुर. आरएलपी संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने गुरुवार को (Hanuman Beniwal in Lok Sabha) लोकसभा में सीबीआई के लंबित मामलों को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित किया. बेनीवाल ने कहा कि 25 नवंबर 2021 तक सीबीआई के पास राजस्थान से जुड़े 25 और अन्य राज्यों से जुड़े 1256 मामले जांच के लिए लंबति हैं.
केंद्रीय सतर्कता आयोग विधेयक 2021 और दिल्ली विशेष पुलिस स्थापन विधेयक 2021 को लेकर हुई बहस में भाग लेते हुए सांसद बेनीवाल ने कहा कि जब सरकार इन अध्यादेशों को लेकर लाई तब सुप्रीम कोर्ट की जो भावना थी, वो इस सरकार के निर्णय के पूर्ण रूप से पक्ष में नहीं थी. बेनीवाल ने कहा कि सदन के साथियों ने इस बात को प्रमुखता से रखा की ईडी के निदेशक के सेवानिवृति से महज 3 दिन पहले सराकर यह अध्यादेश लेकर आई.
ऐसे में सरकार यह स्पष्ट करें कि इसमें लोकहित क्या था ? उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट जब कह रही है कि दुर्लभ मामलों में ही कार्यकाल को बढ़ाया जा सकता है, तो ऐसे में ऐसी क्या स्थिति बनी कि ईडी के निदेशक के कार्यकाल को बढ़ाया गया. उन्होंने कहा कि यूपीए की सरकार थी तब कोल फील्ड आवंटन मामलों की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्रीय जांच एजेंसी को 'पिंजरे में बंद तोता' बताया था. ऐसे में जिसको जहां मौका लगा, उसने वहां चौका मार दिया.
राजस्थान के इन मामलों का किया जिक्र...
सांसद बेनीवाल ने सीबीआई में चल रहे बाड़मेर जिले के कमलेश प्रजापत के फर्जी एनकाउंटर प्रकरण का जिक्र करते हुए कहा कि इस मामले में राजस्थान सरकार के एक पूर्व मंत्री और उनके परिजनों का नाम आया, जिसकी जांच सीबीआई कर रही है. बेनीवाल ने कहा कि उसी पूर्व मंत्री के इशारे पर पहले उनके और भारत सरकार के एक मंत्री पर जानलेवा हमला हुआ जिसका राजस्थान सरकार में अब तक मुकदमा दर्ज नहीं होने दिया गया.
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उन्होंने कहा कि कमलेश प्रजापत फर्जी एनकाउटर की जांच जल्द से जल्द हो, ताकि आरोपी सलाखों के पीछे जाएं. साथ ही उन्होंने राजस्थान के पाली जिले के फालना में छात्र मनोहर राजपुरोहित के अपहरण का जिक्र करते हुए कहा कि राजस्थान सरकार की एजेंसिया उस बालक को आज तक ढूंढने में नाकाम रही और उनके परिजनों की मांग पर जनता के दबाव में राजस्थान सरकार ने उस मामले की जांच सीबीआई से करवाने की अनुशंसा भेजी, लेकिन आज तक सीबीआई ने उस मामले की जांच शुरू नहीं की.
बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान उच्च न्यायालय ने इस मामले को लेकर सीबीआई से जवाब भी तलब किया. उन्होंने हनुमानगढ़ जिले में साल 2009 में हुए चक राजासर में लालचंद सुथार और उनकी पत्नी सहित दो बेटियों की हत्या मामले की जांच साल 2016 से सीबीआई के पास लंबित चल रही है. उन्होंने मामले में जल्द से जल्द जांच कर निष्कर्ष निकालने की मांग की है. वहीं, राजस्थान के जोधपुर में हुए लवली कंडारा के फर्जी एनकाउंटर प्रकरण में सीबीआई जांच की मांग उठाई.
बोफोर्स घोटाले का किया जिक्र...
सांसद ने बोफोर्स घोटाले का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय हाईकोर्ट ने सीबीआई को टेक्निकल ग्राउंड पर प्रकरण बंद करने के निर्देश दिए थे. सीबीआई सुप्रीम कोर्ट जाना चाहती थी, लेकिन तत्कालीन सरकार ने सीबीआई को सुप्रीम कोर्ट में जाने से रोक दिया. क्योंकि कुछ लोग फ्रीज किए हुए पैसे उठा सके और उस समय भी सीबीआई का दुरुपयोग हुआ.