जयपुर. जिले में 74 नई ग्राम पंचायतें बनी हैं. पहले 532 ग्राम पंचायतें थी और अब बढ़कर 606 हो गई हैं. ऐसे में सभी कलेक्टरों से नई ग्राम पंचायतों में सरकारी जमीन आवंटन की रिपोर्ट ग्रामीण विकास पंचायती राज विभाग ने मांगी है.
ग्राम पंचायत कार्यालय एक ही परिसर में स्थापित करने के निर्देश विभाग की ओर से दिए गए हैं ताकि आमजन को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हो. ग्राम पंचायत में एक ही छत के नीचे पटवारी, ग्राम सेवक, सरपंच सहित अन्य दफ्तर संचालित किए जाएंगे.
नवगठित ग्राम पंचायत के लिए साढ़े सात बीघा यानी 3 एकड़ जमीन की आवश्यकता है. नई बनी ग्राम पंचायत के लिए एक एकड़, कार्यालय के 2 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी. इस तरह ग्राम पंचायत मुख्यालय के लिए 3 एकड़ जमीन की जरूरत होगी.
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यह जमीन मुख्य संपर्क सड़क के पास होनी चाहिए, ताकि जनता परेशान नहीं हो. ग्राम पंचायत निर्माण के लिए मानचित्र विभाग द्वारा तैयार किया जाएगा. भूमि आवंटन की मासिक प्रगति रिपोर्ट नियमित रूप से मुख्यालय को भेजे जाने के लिए निर्देश है.
सरकार ने कहा है कि यदि नवगठित ग्राम पंचायत में राजकीय भवन खाली है, तो वहां भी ग्राम पंचायतों का संचालन किया जा सकता है. जिला प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार कई ग्राम पंचायतों के पास जमीन नहीं है इसलिए विकल्प तलाशने होंगे.
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नई बनी पंचायतों के पास जमीन नही है. ऐसे में ग्राम पंचायत कार्यालय और अन्य दफ्तरों के लिए जमीन का इंतज़ाम करना मुश्किल बना हुआ है. ऐसे में भामाशाह और दानदाताओं के जरिए ही ग्राम पंचायतों को जमीन का जुगाड़ करना होगा.
2014 के परिसीमन में भी ऐसी ग्राम पंचायत है, जिनके लिए भूमि तो मिल गई लेकिन, निर्माण कार्य अब तक शुरू नहीं हो पाया है. जयपुर में 4 जगह ऐसी है जहां ग्राम पंचायत की जमीन के लिए जेडीए और सरकार के बीच विवाद चल रहा है.