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Minister Ramlal Jat Big Statement : रेवेन्यू बोर्ड में नहीं मिलेगी 'तारीख पर तारीख'...टाइम बाउंड होगा मुकदमों का निस्तारण - Etv Bharat Rajasthan News

'तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख'...दामिनी फिल्म में बोला गया फिल्म अभिनेता सन्नी देओल का यह डायलॉग हर उस व्यक्ति को याद आता है, जो न्याय में देरी से परेशान है. लेकिन ये परेशानी तब ज्यादा बढ़ जाती है (Work Process in Rajasthan Revenue Board) जब पीड़ित को न्याय पीढ़ी दर पीढ़ी इंतजार करना पड़ता है. लेकिन अब रेवेन्यू बोर्ड में 'तारीख पर तारीख' नहीं मिलेगी. टाइम बाउंड शिकायतों (Jat on time bound complaints redressal ) का निस्तारण होगा.

Ramlal Jat in Rajasthan Revenue Department
राजस्व मंत्री रामलाल जाट
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Published : Jan 7, 2022, 3:22 PM IST

Updated : Jan 7, 2022, 5:14 PM IST

जयपुर. रेवेन्यू बोर्ड में मुकदमों के निस्तारण में होने वाली देरी को लेकर राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने बड़ी बात (Minister Ramlal Jat Big Statement) कही है. शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कैबिनेट की मीटिंग में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से रेवेन्यू बोर्ड में लंबित मुकदमों पर चर्चा हुई कि जो केस लंबे चल रहे हैं, उनको कैसे जल्दी निस्तारित किया जाए.

उन्होंने कहा कि एक मुकदमा दर्ज होता है, जिसमें तीन-तीन पीढ़ियां उलझी रहती हैं. जाट ने कहा कि पिता मुकदमा दर्ज कराता है, बेटा तारीख पर जाता है, पोते-पोती उस मुकदमे का फैसला सुनते हैं और वह भी रिमाइंडर केस में चला जाता है. फिर हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट से ग्राम पंचायत तक वापस पहुंचते-पहुंचते मुकदमे के न्याय से लोग हताश हो जाते हैं. यह एक जटिल प्रक्रिया है, जिसे हम ठीक करने (Jat on time bound complaints redressal ) के लिए काम कर रहे हैं और इसमें सफल भी हो रहे हैं.

राजस्व मंत्री ने क्या कहा...

रामलला जाट ने कहा कि 1949 जब से रेवेन्यू बोर्ड बना है, तबसे इसमें सुधार के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. लेकिन उस तरीके से सुधार नहीं हुआ. इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कमेटी बनाई है और उस कमेटी की रिपोर्ट आ गई है. रिपोर्ट पर अच्छे तरीके से रेवेन्यू बोर्ड में काम किया जा सकता है. रामलला जाट ने कहा कि रेवेन्यू बोर्ड के चेयरमैन राजेश्वर सिंह लगातार इस पर प्रयास कर रहे हैं कि किस तरह से इस जटिल न्याय प्रक्रिया का सरलीकरण (simplification of judicial process Revenue Department) किया जाए.

पढ़ें : राजस्थान में कुसुम योजना को लगे पंख, अब बिना कोलेटरल सिक्योरिटी के बैंक देंगे ऋण

बोर्ड के चेयरमैन जल्द ही इस पर प्रोजेक्ट तैयार करें. किस तरह से टाइम बाउंड काम किया जा सकता है, उस पर हम फोकस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोई भी काम चाहे नकल लेने का हो न्यूट्रिशन लेने का हो या चाहे किसी भी तरह का कोई अन्य कार्य है. इन सबका एक समय बंद निस्तारण हो. इस पर हम कुछ करने जा रहे हैं.

पढ़ें : Cold Wave In Rajasthan : सर्द हवाओं ने कंपकंपाया, कोहरे की चादर में गुलाबी नगर..मौसम विभाग का अलर्ट

'धरा एप' ने किया काम आसान, लेकिन जागरूकता की कमी...

रामलाल जाट ने कहा कि किसानों की कई तरह की समस्या धरा एप (Ramlal jat on dhara app) के जरिए आसान हुई है. एप में किसानों को हर चीज ऑनलाइन उपलब्ध है, लेकिन अभी भी इसकी जागरूकता की कमी है. किसान जागरूक हो, किसानों को जानकारी होनी चाहिए. जाट ने कहा कि मुख्यमंत्री के डायरेक्शन मिल चुके हैं. मैं खुद से मॉनिटरिंग कर रहा हूं, ताकि टाइम माउंट काम हो सके. राजीव गांधी कहा करते थे कि हम किस तरीके से ग्राम पंचायत को मजबूत कर सकते हैं, वही हम कर रहे हैं. हाईकोर्ट ने जो सिस्टम बना रखा है, हम उस पद्धति को को लागू कर रहे हैं. हमारे चेयरमैन, रेवेन्यू बोर्ड उसको लागू कर रहे हैं. उससे आप देखेंगे कि हमारे मुकदमों में तेजी से गिरावट आई है और लगातार फैसले हो रहे हैं.

सालों साल चलते हैं मुकदमे...

राजस्थान रेवेन्यू बोर्ड में अरबों-खरबों की कीमत वाली जमीनों के मालिकाना हक, बंटवारा, हक-हिस्सा, सीमा ज्ञान सहित अन्य विवादों की सुनवाई की जाती है. राजस्थान रेवेन्यू बोर्ड और दूसरी राजस्व अदालतों में साढ़े चार लाख से मुकदमे हैं. अकेले रेवेन्यू बोर्ड की बात करें तो 64 हजार से ज्यादा मुकदमों की पेंडेंसी है. इसमें से 50 प्रतिशत से ज्यादा केस 5 साल से भी पुराने हैं.

जयपुर. रेवेन्यू बोर्ड में मुकदमों के निस्तारण में होने वाली देरी को लेकर राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने बड़ी बात (Minister Ramlal Jat Big Statement) कही है. शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कैबिनेट की मीटिंग में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से रेवेन्यू बोर्ड में लंबित मुकदमों पर चर्चा हुई कि जो केस लंबे चल रहे हैं, उनको कैसे जल्दी निस्तारित किया जाए.

उन्होंने कहा कि एक मुकदमा दर्ज होता है, जिसमें तीन-तीन पीढ़ियां उलझी रहती हैं. जाट ने कहा कि पिता मुकदमा दर्ज कराता है, बेटा तारीख पर जाता है, पोते-पोती उस मुकदमे का फैसला सुनते हैं और वह भी रिमाइंडर केस में चला जाता है. फिर हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट से ग्राम पंचायत तक वापस पहुंचते-पहुंचते मुकदमे के न्याय से लोग हताश हो जाते हैं. यह एक जटिल प्रक्रिया है, जिसे हम ठीक करने (Jat on time bound complaints redressal ) के लिए काम कर रहे हैं और इसमें सफल भी हो रहे हैं.

राजस्व मंत्री ने क्या कहा...

रामलला जाट ने कहा कि 1949 जब से रेवेन्यू बोर्ड बना है, तबसे इसमें सुधार के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. लेकिन उस तरीके से सुधार नहीं हुआ. इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कमेटी बनाई है और उस कमेटी की रिपोर्ट आ गई है. रिपोर्ट पर अच्छे तरीके से रेवेन्यू बोर्ड में काम किया जा सकता है. रामलला जाट ने कहा कि रेवेन्यू बोर्ड के चेयरमैन राजेश्वर सिंह लगातार इस पर प्रयास कर रहे हैं कि किस तरह से इस जटिल न्याय प्रक्रिया का सरलीकरण (simplification of judicial process Revenue Department) किया जाए.

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बोर्ड के चेयरमैन जल्द ही इस पर प्रोजेक्ट तैयार करें. किस तरह से टाइम बाउंड काम किया जा सकता है, उस पर हम फोकस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोई भी काम चाहे नकल लेने का हो न्यूट्रिशन लेने का हो या चाहे किसी भी तरह का कोई अन्य कार्य है. इन सबका एक समय बंद निस्तारण हो. इस पर हम कुछ करने जा रहे हैं.

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'धरा एप' ने किया काम आसान, लेकिन जागरूकता की कमी...

रामलाल जाट ने कहा कि किसानों की कई तरह की समस्या धरा एप (Ramlal jat on dhara app) के जरिए आसान हुई है. एप में किसानों को हर चीज ऑनलाइन उपलब्ध है, लेकिन अभी भी इसकी जागरूकता की कमी है. किसान जागरूक हो, किसानों को जानकारी होनी चाहिए. जाट ने कहा कि मुख्यमंत्री के डायरेक्शन मिल चुके हैं. मैं खुद से मॉनिटरिंग कर रहा हूं, ताकि टाइम माउंट काम हो सके. राजीव गांधी कहा करते थे कि हम किस तरीके से ग्राम पंचायत को मजबूत कर सकते हैं, वही हम कर रहे हैं. हाईकोर्ट ने जो सिस्टम बना रखा है, हम उस पद्धति को को लागू कर रहे हैं. हमारे चेयरमैन, रेवेन्यू बोर्ड उसको लागू कर रहे हैं. उससे आप देखेंगे कि हमारे मुकदमों में तेजी से गिरावट आई है और लगातार फैसले हो रहे हैं.

सालों साल चलते हैं मुकदमे...

राजस्थान रेवेन्यू बोर्ड में अरबों-खरबों की कीमत वाली जमीनों के मालिकाना हक, बंटवारा, हक-हिस्सा, सीमा ज्ञान सहित अन्य विवादों की सुनवाई की जाती है. राजस्थान रेवेन्यू बोर्ड और दूसरी राजस्व अदालतों में साढ़े चार लाख से मुकदमे हैं. अकेले रेवेन्यू बोर्ड की बात करें तो 64 हजार से ज्यादा मुकदमों की पेंडेंसी है. इसमें से 50 प्रतिशत से ज्यादा केस 5 साल से भी पुराने हैं.

Last Updated : Jan 7, 2022, 5:14 PM IST
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