ETV Bharat / city

बिना पाठ्यक्रम को पढ़ाए कोई भी पूरे साल की फीस नहीं ले सकता : डोटासरा

author img

By

Published : Nov 5, 2020, 8:26 PM IST

राजस्थान में फीस कटौती पर उपजा विवाद तूल पकड़ता जा रहा है. प्राइवेट स्कूलों ने ऑनलाइन कक्षाएं बंद कर दी हैं. ऐसे में सरकार का कहना है कि जब स्कूल ही बंद हैं तो किस बात की 12 महीने की फीस लेंगे. ऐसे में अब अगर ऑनलाइन कक्षाएं नहीं होंगी तो उसका भी पैसा नहीं ले सकेंगे.

फीस कटौती पर विवाद, ऑनलाइन कक्षाएं बंद,  मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा,  फीस कटौती पर हाईकोर्ट का फैसला,  jaipur news,  jaipur latest news, rajasthan today news,  High court decision on fee deduction,  Online classes closed
फीस कटौती मामले को लेकर डोटासरा का बयान...

जयपुर. प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों और उनके अभिभावकों के सामने नई मुश्किलें खड़ी हो गई हैं. फीस वसूली और स्कूलों को खोलने में कोरोना महामारी के चलते हो रही देरी के कारण, जहां निजी स्कूलों ने अब ऑनलाइन क्लॉसेज बंद कर दिया है. वहीं अभिभावक इसे अदालत की अवमानना का मामला बताते हुए कानूनी दांव पेच में मामले को आगे बढ़ाने की बात कह रहे हैं.

फीस कटौती मामले को लेकर डोटासरा का बयान...

ऐसे में प्रदेश के शिक्षा मंत्री और राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी साफ कर दिया है कि जब स्कूल के बाद अब ऑनलाइन क्लॉसेज ही नहीं चलेगी तो सरकार भी निजी स्कूलों को अभिभावकों से फीस लेने की बिल्कुल इजाजत नहीं देगी. डोटासरा ने इस मामले में सख्ती दिखाते हुए कहा कि बिना पढ़ाए निजी स्कूलों को फीस वसूलने का अधिकार नहीं दिया जाएगा.

यह भी पढ़ें: जयपुर : फीस को लेकर निजी स्कूल संचालकों का आंदोलन शुरू, अनिश्चितकाल के लिए बंद की Online क्लासेज

उन्होंने कहा कि आखिरकार वे अपने धंधे को बंद करके क्या संकेत देना चाहते हैं. क्यों अभिभावकों को परेशान करना चाहते हैं. जब स्कूल बंद है तो फिर निजी स्कूलों को 12 महीने की फीस वसूल करने की हम इजाजत कैसे दे सकते हैंं. सरकार ने स्कूलों को बंद रहने के चलते इस साल 40 फीसदी पाठ्यक्रम को कम करने का फैसला किया है. ऐसे में ट्यूशन फीस का भी 40 फीसदी हिस्सा कम लेना होगा.

कुछ यूं समझिए?

दरअसल, बवाल उस वक्त शुरू हुआ. जब राजस्थान हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने ट्यूशन फीस का 70 फीसदी हिस्सा वसूलने की निजी स्कूलों को इजाजत दे दी. लेकिन प्राइवेट स्कूल वाले पूरी फीस का 70 फीसदी लेने लगे और इस फैसले को डबल बेंच में चुनौती दी गई, तब डबल बेंच ने सरकार से फीस तय करने को कहा. सरकार ने कोरोना काल में लंबे समय से बंद पड़े स्कूलों के 40 फीसदी पाठ्यक्रम को कम करते हुए 60 फीसदी पाठ्यक्रम पढ़ाने के लिए 60 फीसदी ट्यूशन फीस लेने का नियम बना दिया. क्योंकि ट्यूशन फीस कम होती है और निजी स्कूल वाले दूसरे खर्चों के नाम पर अभिभावकों से मनमानी फीस लेते आए हैं. ऐसे में इस पर भी निजी स्कूलों को ऐतराज है. बस इसी का विरोध करते हुए निजी स्कूल संचालकों ने अब चल रही ऑनलाइन क्लासेस को बंद कर दिया है और सरकार के निर्णय के विरोध में सड़कों पर उतर रहे हैं.

जयपुर. प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों और उनके अभिभावकों के सामने नई मुश्किलें खड़ी हो गई हैं. फीस वसूली और स्कूलों को खोलने में कोरोना महामारी के चलते हो रही देरी के कारण, जहां निजी स्कूलों ने अब ऑनलाइन क्लॉसेज बंद कर दिया है. वहीं अभिभावक इसे अदालत की अवमानना का मामला बताते हुए कानूनी दांव पेच में मामले को आगे बढ़ाने की बात कह रहे हैं.

फीस कटौती मामले को लेकर डोटासरा का बयान...

ऐसे में प्रदेश के शिक्षा मंत्री और राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी साफ कर दिया है कि जब स्कूल के बाद अब ऑनलाइन क्लॉसेज ही नहीं चलेगी तो सरकार भी निजी स्कूलों को अभिभावकों से फीस लेने की बिल्कुल इजाजत नहीं देगी. डोटासरा ने इस मामले में सख्ती दिखाते हुए कहा कि बिना पढ़ाए निजी स्कूलों को फीस वसूलने का अधिकार नहीं दिया जाएगा.

यह भी पढ़ें: जयपुर : फीस को लेकर निजी स्कूल संचालकों का आंदोलन शुरू, अनिश्चितकाल के लिए बंद की Online क्लासेज

उन्होंने कहा कि आखिरकार वे अपने धंधे को बंद करके क्या संकेत देना चाहते हैं. क्यों अभिभावकों को परेशान करना चाहते हैं. जब स्कूल बंद है तो फिर निजी स्कूलों को 12 महीने की फीस वसूल करने की हम इजाजत कैसे दे सकते हैंं. सरकार ने स्कूलों को बंद रहने के चलते इस साल 40 फीसदी पाठ्यक्रम को कम करने का फैसला किया है. ऐसे में ट्यूशन फीस का भी 40 फीसदी हिस्सा कम लेना होगा.

कुछ यूं समझिए?

दरअसल, बवाल उस वक्त शुरू हुआ. जब राजस्थान हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने ट्यूशन फीस का 70 फीसदी हिस्सा वसूलने की निजी स्कूलों को इजाजत दे दी. लेकिन प्राइवेट स्कूल वाले पूरी फीस का 70 फीसदी लेने लगे और इस फैसले को डबल बेंच में चुनौती दी गई, तब डबल बेंच ने सरकार से फीस तय करने को कहा. सरकार ने कोरोना काल में लंबे समय से बंद पड़े स्कूलों के 40 फीसदी पाठ्यक्रम को कम करते हुए 60 फीसदी पाठ्यक्रम पढ़ाने के लिए 60 फीसदी ट्यूशन फीस लेने का नियम बना दिया. क्योंकि ट्यूशन फीस कम होती है और निजी स्कूल वाले दूसरे खर्चों के नाम पर अभिभावकों से मनमानी फीस लेते आए हैं. ऐसे में इस पर भी निजी स्कूलों को ऐतराज है. बस इसी का विरोध करते हुए निजी स्कूल संचालकों ने अब चल रही ऑनलाइन क्लासेस को बंद कर दिया है और सरकार के निर्णय के विरोध में सड़कों पर उतर रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.