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हर क्षेत्र में ऑटोमेशन व डिजिटाइजेशन होने से साइबर सिक्योरिटी महत्वपूर्ण हो गई: रिटा. लेफ्टिनेंट जनरल राजेश पंत - राजस्थान ताजा हिंदी खबरें

जयपुर में आत्मनिर्भर भारत और साइबर थ्रेट्स जैसे विषयों पर मिलिटेरिया 2021 कॉन्फ्रेंस आयोजित हुई. जिसके दूसरे सत्र में रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल राजेश पंत ने साइबर सिक्योरिटी पर अपनी बात रखी. जिसमें उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में ऑटोमेशन और डिजिटाइजेशन होने से साइबर सिक्योरिटी और अधिक महत्वपूर्ण हो गई हैं.

Militaria 2021 conference, Militaria conference in Jaipur
आत्मनिर्भर भारत और साइबर थ्रेट्स विषय पर मिलिटेरिया 2021 कॉन्फ्रेंस का आयोजन
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Published : Mar 14, 2021, 4:43 AM IST

जयपुर. राजधानी जयपुर में आत्मनिर्भर भारत और साइबर थ्रेट्स जैसे विषयों पर मिलिटेरिया 2021 कॉन्फ्रेंस आयोजित हुई. जिसके दूसरे सत्र में रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल राजेश पंत ने साइबर सिक्योरिटी पर अपनी बात रखी. जिसमें उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में ऑटोमेशन और डिजिटाइजेशन होने से साइबर सिक्योरिटी और अधिक महत्वपूर्ण हो गई हैं.

आत्मनिर्भर भारत और साइबर थ्रेट्स विषय पर मिलिटेरिया 2021 कॉन्फ्रेंस का आयोजन

रिटा. लेफ्टिनेंट जनरल राजेश पंत ने कहा कि साइबरस्पेस एक विशाल स्पेक्ट्रम है, जो मोबाइल फोन से लेकर डाटा सेंटर, संचार केंद्र के माध्यम से हम से जुड़ा हुआ है. साइबरस्पेस उन फैक्टर्स में से एक होगा जो देश की आर्थिक वृद्धि में विपरीत परिस्थितियां पैदा करेगा. यह महामारी हम सभी के लिए डिजिटल परिवर्तन लेकर आया है. इससे साइबर सिक्योरिटी के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है. साइबर सिक्योरिटी को जल्द इसके अनुकूल होना होगा. ऑटोमेशन और डिजिटाइजेशन के साथ सभी क्षेत्र महत्वपूर्ण बन गए हैं और इसने साइबर सिक्योरिटी को और अधिक प्रासंगिक बना दिया है.

पढ़ें- धर्म और उससे जुड़े मूल्य कभी भी अप्रासंगिक नहीं हो सकते हैं: राज्यपाल मिश्र

उन्होंने कहा कि अन्य देशों के लिए हमारे वृद्धि को धीमा करने के तरीकों में से एक हमारे साइबरस्पेस के साथ हस्तक्षेप करना होगा. 2020 में साइबर क्राइम के कारण वैश्विक नुकसान 6 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर था. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वेस्टर्न और उभरते चीन, मैक्सिको, क्यूबा और रूस की लॉबी के बीच स्पष्ट विभाजन के कारण इंटरनेट स्पिलन्टरनेट की ओर बढ़ रहा है जिससे इंटरनेट के विभाजन होने की संभावना है. इस साइबर क्राइम को पकड़ना और भी मुश्किल बना देगा. राष्ट्रीय स्तर पर रक्षा मंत्रालय में 3 सेवाओं के भीतर आज 9 एजेंसियों द्वारा साइबर ऑपरेशन किए जा रहे हैं.

वहीं नेशनल सिक्योरिटी को संभालने के लिए नेशनल मैप कैसे बनाया गया है, इस बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में नेशनल साइबर कोऑर्डिनेशन सेंटर के साथ-साथ राष्ट्रीय क्रिटिकल इंफॉर्मेशन इन्फ्राट्रक्चर प्रोडक्शन सेंटर को देखने के लिए एक संगठन बनाया गया है. खतरे की संभावना के मद्देनजर नेशनल साइबर कोऑर्डिनेशन सेंटर एक संगठन है. वहीं साइबर क्राइम के लिए इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर बनाया गया है, इसके अलावा स्टेट और सेक्टोरियल सिक्योरिटी ऑपरेशनल सेंटर्स भी शुरू किए गए हैं.

जयपुर. राजधानी जयपुर में आत्मनिर्भर भारत और साइबर थ्रेट्स जैसे विषयों पर मिलिटेरिया 2021 कॉन्फ्रेंस आयोजित हुई. जिसके दूसरे सत्र में रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल राजेश पंत ने साइबर सिक्योरिटी पर अपनी बात रखी. जिसमें उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में ऑटोमेशन और डिजिटाइजेशन होने से साइबर सिक्योरिटी और अधिक महत्वपूर्ण हो गई हैं.

आत्मनिर्भर भारत और साइबर थ्रेट्स विषय पर मिलिटेरिया 2021 कॉन्फ्रेंस का आयोजन

रिटा. लेफ्टिनेंट जनरल राजेश पंत ने कहा कि साइबरस्पेस एक विशाल स्पेक्ट्रम है, जो मोबाइल फोन से लेकर डाटा सेंटर, संचार केंद्र के माध्यम से हम से जुड़ा हुआ है. साइबरस्पेस उन फैक्टर्स में से एक होगा जो देश की आर्थिक वृद्धि में विपरीत परिस्थितियां पैदा करेगा. यह महामारी हम सभी के लिए डिजिटल परिवर्तन लेकर आया है. इससे साइबर सिक्योरिटी के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है. साइबर सिक्योरिटी को जल्द इसके अनुकूल होना होगा. ऑटोमेशन और डिजिटाइजेशन के साथ सभी क्षेत्र महत्वपूर्ण बन गए हैं और इसने साइबर सिक्योरिटी को और अधिक प्रासंगिक बना दिया है.

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उन्होंने कहा कि अन्य देशों के लिए हमारे वृद्धि को धीमा करने के तरीकों में से एक हमारे साइबरस्पेस के साथ हस्तक्षेप करना होगा. 2020 में साइबर क्राइम के कारण वैश्विक नुकसान 6 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर था. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वेस्टर्न और उभरते चीन, मैक्सिको, क्यूबा और रूस की लॉबी के बीच स्पष्ट विभाजन के कारण इंटरनेट स्पिलन्टरनेट की ओर बढ़ रहा है जिससे इंटरनेट के विभाजन होने की संभावना है. इस साइबर क्राइम को पकड़ना और भी मुश्किल बना देगा. राष्ट्रीय स्तर पर रक्षा मंत्रालय में 3 सेवाओं के भीतर आज 9 एजेंसियों द्वारा साइबर ऑपरेशन किए जा रहे हैं.

वहीं नेशनल सिक्योरिटी को संभालने के लिए नेशनल मैप कैसे बनाया गया है, इस बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में नेशनल साइबर कोऑर्डिनेशन सेंटर के साथ-साथ राष्ट्रीय क्रिटिकल इंफॉर्मेशन इन्फ्राट्रक्चर प्रोडक्शन सेंटर को देखने के लिए एक संगठन बनाया गया है. खतरे की संभावना के मद्देनजर नेशनल साइबर कोऑर्डिनेशन सेंटर एक संगठन है. वहीं साइबर क्राइम के लिए इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर बनाया गया है, इसके अलावा स्टेट और सेक्टोरियल सिक्योरिटी ऑपरेशनल सेंटर्स भी शुरू किए गए हैं.

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