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Exclusive: NFSA या अन्य योजनाओं का लाभ नहीं लेने वाले प्रवासी श्रमिकों को 15 जून से मिलेगा राशन

खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने ईटीवी भारत से बातचीत में प्रवासी श्रमिकों के लिए खाद्य विभाग की योजनाओं के बारे में बताया. खाद्य विभाग की योजना के अनुसार ऐसे श्रमिक जो दूसरे राज्य के हैं और यहां फंस गए हैं, उन्हें 15 जून से राशन मिलेगा.

Food Minister Ramesh Meena, खाद्य मंत्री रमेश मीणा
प्रवासी श्रमिकों को 15 जून से मिलेगा राशन
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Published : May 30, 2020, 8:54 PM IST

जयपुर. प्रदेश में लॉकडाउन शुरू होने के साथ ही गरीब असहाय लोगों को सरकार ने कैश और राशन के रूप में सहायता दी है. प्रदेश में करीब 78 लाख लोग ऐसे हैं जिन्हें ढाई हजार रुपये कैश इस लॉकडाउन के मुश्किल समय में दिए गए हैं. लेकिन अब प्रदेश में उन प्रवासी श्रमिकों का आना शुरू हो चुका है जो लॉकडाउन में बाहर के राज्यों में फंस गए थे.

प्रवासी श्रमिकों को 15 जून से मिलेगा राशन

ऐसे में उनका नाम किसी स्कीम में भी नहीं है और कई जगह तो हालात यह है कि उनके राशन कार्ड में भी नाम नहीं है. ऐसे में अब प्रदेश के खाद्य विभाग ने निर्णय लिया है कि 31 मई तक ऐसे सभी लोगों का सर्वे पूरा कर लिया जाएगा जिनमें दूसरे राज्यों से अपने राज्य में लौटने वाले प्रवासी, 26 कैटेगरी में काम करने वाले वह मजदूर और श्रमिक जिनके काम बंद हो चुके हैं या फिर वह लोग जो दूसरे राज्यों से राजस्थान में काम करने आए थे और यही अटक गए हैं. ऐसे लोगों को अब सरकार 15 जून से राशन देगी.

पढ़ेंः बीडी कल्ला पहुंचे विष्णुदत्त विश्नोई के निवास स्थान, परिजनों ने की न्यायपूर्ण जांच की मांग

हालांकि इसमें एक शर्त रखी गई है कि इन लोगों ने अब तक एनएसएफए (NFSA) या राशन कार्ड या फिर सरकार से मिली हुई 2500 रुपए कैश की सहायता न ली हो. यह योजना केवल उन्हीं लोगों के लिए होगी जो गरीब है असहाय हैं और किसी भी योजना से लाभान्वित नहीं है. खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि अभी जो प्रवासी राजस्थान लौटे हैं उनके क्वॉरेंटाइन की व्यवस्था की गई है. जहां उन्हें पका हुआ खाना और मेडिकल के तमाम इंतजाम मिल रहे हैं. प्रदेश के सभी कलेक्टरों को यह निर्देश दिए गया हैं कि 31 मई तक उन व्यक्तियों को जो किसी भी स्कीम में नहीं आते हैं और जिनके न तो राशन कार्ड हैं ना ही वह एनएफएसए से जुड़े हुए हैं.

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ऐसे लोगों का चिन्हिकरण करवाया जाएगा. जो कलेक्टर के माध्यम से गांवों में पंचायत स्तर पर बनी कोर कमेटी और शहरी क्षेत्रों में नगर निकायों और बीएलओ के माध्यम से किया जाएगा. इस श्रेणी में वह लोग शामिल होंगे जो माइग्रेंट है या दूसरे राज्य से आए हुए है और राजस्थान में फंसे हुए हैं. या फिर उन 36 कैटेगरी में आते हैं जिनके काम धंधे बंद हैं.

इसके लिए प्रशासन की ओर से एक ऐप तैयार किया गया है. जिस पर ई-मित्र से फॉर्म अपलोड करने के बाद उसका नाम खुद ही जुड़ जाएगा. खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि प्रदेश में ऐसे करीब 65 लाख लोग होने की उम्मीद है. जिन्हें अब राज्य सरकार की ओर से राहत दी जाएगी और राशन दिया जाएगा. रमेश मीणा ने कहा कि यह काम पूरा होने के बाद 15 जून से सभी को राशन के तौर पर तय किया गया अनाज मिलने लगेगा.

जयपुर. प्रदेश में लॉकडाउन शुरू होने के साथ ही गरीब असहाय लोगों को सरकार ने कैश और राशन के रूप में सहायता दी है. प्रदेश में करीब 78 लाख लोग ऐसे हैं जिन्हें ढाई हजार रुपये कैश इस लॉकडाउन के मुश्किल समय में दिए गए हैं. लेकिन अब प्रदेश में उन प्रवासी श्रमिकों का आना शुरू हो चुका है जो लॉकडाउन में बाहर के राज्यों में फंस गए थे.

प्रवासी श्रमिकों को 15 जून से मिलेगा राशन

ऐसे में उनका नाम किसी स्कीम में भी नहीं है और कई जगह तो हालात यह है कि उनके राशन कार्ड में भी नाम नहीं है. ऐसे में अब प्रदेश के खाद्य विभाग ने निर्णय लिया है कि 31 मई तक ऐसे सभी लोगों का सर्वे पूरा कर लिया जाएगा जिनमें दूसरे राज्यों से अपने राज्य में लौटने वाले प्रवासी, 26 कैटेगरी में काम करने वाले वह मजदूर और श्रमिक जिनके काम बंद हो चुके हैं या फिर वह लोग जो दूसरे राज्यों से राजस्थान में काम करने आए थे और यही अटक गए हैं. ऐसे लोगों को अब सरकार 15 जून से राशन देगी.

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हालांकि इसमें एक शर्त रखी गई है कि इन लोगों ने अब तक एनएसएफए (NFSA) या राशन कार्ड या फिर सरकार से मिली हुई 2500 रुपए कैश की सहायता न ली हो. यह योजना केवल उन्हीं लोगों के लिए होगी जो गरीब है असहाय हैं और किसी भी योजना से लाभान्वित नहीं है. खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि अभी जो प्रवासी राजस्थान लौटे हैं उनके क्वॉरेंटाइन की व्यवस्था की गई है. जहां उन्हें पका हुआ खाना और मेडिकल के तमाम इंतजाम मिल रहे हैं. प्रदेश के सभी कलेक्टरों को यह निर्देश दिए गया हैं कि 31 मई तक उन व्यक्तियों को जो किसी भी स्कीम में नहीं आते हैं और जिनके न तो राशन कार्ड हैं ना ही वह एनएफएसए से जुड़े हुए हैं.

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ऐसे लोगों का चिन्हिकरण करवाया जाएगा. जो कलेक्टर के माध्यम से गांवों में पंचायत स्तर पर बनी कोर कमेटी और शहरी क्षेत्रों में नगर निकायों और बीएलओ के माध्यम से किया जाएगा. इस श्रेणी में वह लोग शामिल होंगे जो माइग्रेंट है या दूसरे राज्य से आए हुए है और राजस्थान में फंसे हुए हैं. या फिर उन 36 कैटेगरी में आते हैं जिनके काम धंधे बंद हैं.

इसके लिए प्रशासन की ओर से एक ऐप तैयार किया गया है. जिस पर ई-मित्र से फॉर्म अपलोड करने के बाद उसका नाम खुद ही जुड़ जाएगा. खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि प्रदेश में ऐसे करीब 65 लाख लोग होने की उम्मीद है. जिन्हें अब राज्य सरकार की ओर से राहत दी जाएगी और राशन दिया जाएगा. रमेश मीणा ने कहा कि यह काम पूरा होने के बाद 15 जून से सभी को राशन के तौर पर तय किया गया अनाज मिलने लगेगा.

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