जयपुर. सालों से चुनावी मुद्दा बनते आ रहे संविदा कर्मचारियों को पिछली सरकार की तरह इस सरकार से भी निराशा हाथ लग रही है. विभिन्न विभागों में कार्यरत एक लाख से अधिक संविदाकर्मियों को नियमित करने के वायदे के साथ सत्ता में आई प्रदेश की गहलोत सरकार ने संविदा कमर्चारियों की रिपोर्ट तैयार करने के लिए मंत्रिमंडल सब कमेटी का गठन किया था. लेकिन कमेटी की पांच बैठकों के बाद अब तक यह आंकड़े भी एकत्रित नहीं हो पाए हैं कि प्रदेश में कितने संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं. ऐसे में इन संविदाकर्मियों को नियमित करने की बात बेमानी सी लग रही है.
प्रदेश के प्रति संवेदनशील होने का दावा करने वाली गहलोत सरकार ने संविदा पर कार्यरत कर्मचारियाें के नियमितीकरण के लिए हामी भरी थी. ऐसे में पिछले एक सप्ताह से सामूहिक अवकाश पर चल रहे शहरी स्वास्थ्य मिशन के यह संविदा कर्मचारी सरकार को चुनाव से पहले किए गए वादों को याद दिला रहे हैं. प्रदेश की गहलोत सरकार को बने डेढ़ साल से अधिक हो गया है.
यह भी पढ़ें: पालीः कोरोना की मार, रेलवे स्टेशन पर काम करने वाले अस्थाई कर्मचारी हुए बेरोजगार
गहलोत सरकार ने सत्ता संभालने के साथ प्रदेश के एक लाख से अधिक संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिए मंत्री बीडी कल्ला की आध्यक्षता में तीन सदस्य मंत्री मंडल सब कमेटी बनाई थी. कमेटी ने अब तक पांच बार सभी विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की, लेकिन हालात नहीं बदले. कमेटी अभी तक यह भी आंकड़ा नहीं जुटा पाई है कि प्रदेश में कितने विभागों में कितने कमर्चारी संविदा पर लगे हुए हैं.
यह भी पढ़ें: जयपुरः 56वें दिन भी जारी रहा आयकर विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों का आंदोलन
हालांकि, कमेटी के अध्यक्ष मंत्री बीडी कल्ला अब यह दावा कर रहे हैं कि अगले 10 से 15 दिन बाद होने वाली बैठक में पूरी रिपोर्ट तैयार कर कैबिनेट के समक्ष पेश कर दी जाएगी. ऐसा नहीं है कि मंत्री बीडी कल्ला की ओर से पहली बार इस तरह से रिपोर्ट की तैयारी का दावा किया गया है. इससे पहले भी कई बार वह यह बातें कह चुके हैं. आज हम आप को बताते हैं कि सरकार के आंकड़ों के अनुसार कितने संविदा कमर्चारी किस-किस विभाग प्रमुख रूप से लगे हैं, जहां पर संख्या ज्यादा हैं.
जानिए कि कितने विभागों में कितने संविदाकर्मा हैं...
इसके अलावा कुछ विभागों में सिंगल डिजिट में संविदा पर कमर्चारी लगे हुए हैं. यानी सरकार के आंकड़ों के अनुसार विभिन विभागों में कुल 75 हजार के करीब संविदा कमर्चारी लगे हुए हैं. खास बात ये है कि इनमें से 15 हजार संविदा कमर्चारी तो 20 साल से अधिक की नौकरी भी कर चुके हैं. संविदा कर्मियों की मानें तो प्रदेश में एक लाख से अधिक संविदा कर्मचारी अलग-अलग विभागों में काम कर रहे हैं. सरकार ने घोषण पत्र में जो वादा किया था अब उसे पूरा करने में देरी कर रही हैं.
नियमितीकरण की आस में संविदा कर्मचारी...
संविदा कर्मियों को आस है कि सरकार ने कमेटी बनाई है तो उनकी नियमितीकरण का रास्ता भी निकालेगी, लेकिन बड़ा सवाल तो यह है कि प्रदेश की गहलोत सरकार हर वर्ष 75 हजार नौकरी देने के बजट की घोषणा को पूरा करने के लिए भर्तियां निकाल रही है. इसी तरह सभी रिक्त पद नई भर्तियों से भर दिए जाएंगे तो इन संविदा कर्मियों को कैसे और कहां एडजेट्स किया जाएगा. ऐसे में जरूरत है कि मंत्री मंडल सब कमेटी अपनी जिम्मेदारी को समझे और बैठकें करने की बजाए अधिकारियों पर सख्ती कर आंकड़ों का खेल खत्म कर इन संविदा कर्मचारियों को नियमित करे.