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विधायकों की खरीद-फरोख्त मामलाः एफआर लगाने की तैयारी में जुटी SOG...

राजस्थान में कांग्रेस विधायकों की खरीद-फरोख्त प्रकरण में अब SOG एफआर लगाने की तैयारी में जुट गई है. SOG की ओर से इस पूरे प्रकरण में की गई जांच के दौरान विधायकों को रुपए का प्रलोभन देने का एक भी तथ्य सामने नहीं आया.

Matter of horse-trading,  Special Operation Group
स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप
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Published : Jul 7, 2020, 4:16 PM IST

जयपुर. राज्यसभा चुनाव से पहले राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त की चर्चा सामने आने के बाद जिस तरह से सरकार और कांग्रेस के बड़े मंत्रियों की ओर से SOG (Special Operation Group) में शिकायत दर्ज करवाई गई थी, इसे देखते हुए यह लग रहा था कि वाकई में विधायकों को करोड़ों रुपए का प्रलोभन दिया जा रहा है. लेकिन एसओजी की ओर से इस पूरे प्रकरण में की गई जांच के दौरान ऐसा एक भी तथ्य सामने नहीं आया, जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि विधायकों के सामने करोड़ों रुपए का प्रलोभन रखा गया हो.

विधायकों की खरीद-फरोख्त मामला

राज्यसभा चुनाव इस दौरान शांति पूर्वक तरीके से संपन्न हो गए और इस पूरे प्रकरण में एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) भी विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर दर्ज किए गए प्रकरण में एफआर लगाने की तैयारी कर रही है.

पढ़ें- विधायकों की खरीद-फरोख्त मामला: मुख्य सचेतक जोशी बोले- एजेंसी के जरिए हो दूध का दूध और पानी का पानी

राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस विधायक और मुख्य सचेतक महेश जोशी ने एसीबी डीजी आलोक त्रिपाठी और एसओजी एडीजी अनिल पालीवाल को एक पत्र लिखकर प्रदेश में कांग्रेस विधायक और साथ ही कांग्रेस को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायकों की खरीद-फरोख्त की शिकायत की थी. शिकायत में इस बात का जिक्र किया गया था कि कांग्रेस के विधायक और निर्दलीय विधायकों के पास बीजेपी से संबंधित कुछ लोग फोन कर खरीद-फरोख्त का प्रयास कर रहे हैं. यह पूरा प्रकरण राजस्थान की राजनीति में चर्चा का एक बड़ा विषय बना.

पढ़ें- राजस्थान सियासी ड्रामाः विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में SOG करेगी मुख्य सचेतक महेश जोशी का बयान दर्ज

एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की और महेश जोशी के बयान दर्ज करने चाहे, साथ ही उन फोन नंबर की जानकारी चाही जिनके जरिए विधायकों से खरीद-फरोख्त के आरोप लगाए जा रहे थे. यह जानकारी मांगे जाने के बावजूद भी ना तो कोई फोन नंबर एसओजी को दिए गए और ना ही इस पूरे प्रकरण में किसी के भी बयान दर्ज किए गए.

राज्यसभा चुनाव पूर्ण होने के बाद यह प्रकरण भी अन्य फाइलों की तरह महज कागज में दर्ज होकर रह गया. अब इस पूरे प्रकरण में एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) एफआर लगाने की तैयारी कर रही है. हालांकि एसओजी जैसे ही विधायकों की खरीद-फरोख्त प्रकरण में एफआर लगाएगी, वैसे ही विपक्षी दल को सरकार को घेरने का एक नया मुद्दा मिल जाएगा.

क्या है पूरा मामला...

राजस्थान में 19 जून को 3 राज्यसभा सीटों के लिए मतदान होने से पहले कांग्रेस विधायक एवं मुख्य सचेतक महेश जोशी की ओर से लिखा गया एक पत्र खासा चर्चा का विषय बना. महेश जोशी ने अपने पत्र में आरोप लगाया था कि उनकी पार्टी के विधायक और साथ ही वह निर्दलीय विधायक जो उनकी पार्टी को समर्थन कर रहे हैं, उनकी खरीद-फरोख्त का प्रयास किया जा रहा है.

साथ ही बताया कि सरकार को अस्थिर करने में लगी ताकतें विधायकों को फोन कर खरीदने का प्रयास कर रही हैं, जिसे लेकर महेश जोशी ने डीजी एसीबी से पूरे प्रकरण पर त्वरित कार्रवाई करते हुए ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने की मांग की थी, जो विधायकों की खरीद-फरोख्त में लगे हुए हैं.

जयपुर. राज्यसभा चुनाव से पहले राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त की चर्चा सामने आने के बाद जिस तरह से सरकार और कांग्रेस के बड़े मंत्रियों की ओर से SOG (Special Operation Group) में शिकायत दर्ज करवाई गई थी, इसे देखते हुए यह लग रहा था कि वाकई में विधायकों को करोड़ों रुपए का प्रलोभन दिया जा रहा है. लेकिन एसओजी की ओर से इस पूरे प्रकरण में की गई जांच के दौरान ऐसा एक भी तथ्य सामने नहीं आया, जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि विधायकों के सामने करोड़ों रुपए का प्रलोभन रखा गया हो.

विधायकों की खरीद-फरोख्त मामला

राज्यसभा चुनाव इस दौरान शांति पूर्वक तरीके से संपन्न हो गए और इस पूरे प्रकरण में एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) भी विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर दर्ज किए गए प्रकरण में एफआर लगाने की तैयारी कर रही है.

पढ़ें- विधायकों की खरीद-फरोख्त मामला: मुख्य सचेतक जोशी बोले- एजेंसी के जरिए हो दूध का दूध और पानी का पानी

राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस विधायक और मुख्य सचेतक महेश जोशी ने एसीबी डीजी आलोक त्रिपाठी और एसओजी एडीजी अनिल पालीवाल को एक पत्र लिखकर प्रदेश में कांग्रेस विधायक और साथ ही कांग्रेस को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायकों की खरीद-फरोख्त की शिकायत की थी. शिकायत में इस बात का जिक्र किया गया था कि कांग्रेस के विधायक और निर्दलीय विधायकों के पास बीजेपी से संबंधित कुछ लोग फोन कर खरीद-फरोख्त का प्रयास कर रहे हैं. यह पूरा प्रकरण राजस्थान की राजनीति में चर्चा का एक बड़ा विषय बना.

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एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की और महेश जोशी के बयान दर्ज करने चाहे, साथ ही उन फोन नंबर की जानकारी चाही जिनके जरिए विधायकों से खरीद-फरोख्त के आरोप लगाए जा रहे थे. यह जानकारी मांगे जाने के बावजूद भी ना तो कोई फोन नंबर एसओजी को दिए गए और ना ही इस पूरे प्रकरण में किसी के भी बयान दर्ज किए गए.

राज्यसभा चुनाव पूर्ण होने के बाद यह प्रकरण भी अन्य फाइलों की तरह महज कागज में दर्ज होकर रह गया. अब इस पूरे प्रकरण में एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) एफआर लगाने की तैयारी कर रही है. हालांकि एसओजी जैसे ही विधायकों की खरीद-फरोख्त प्रकरण में एफआर लगाएगी, वैसे ही विपक्षी दल को सरकार को घेरने का एक नया मुद्दा मिल जाएगा.

क्या है पूरा मामला...

राजस्थान में 19 जून को 3 राज्यसभा सीटों के लिए मतदान होने से पहले कांग्रेस विधायक एवं मुख्य सचेतक महेश जोशी की ओर से लिखा गया एक पत्र खासा चर्चा का विषय बना. महेश जोशी ने अपने पत्र में आरोप लगाया था कि उनकी पार्टी के विधायक और साथ ही वह निर्दलीय विधायक जो उनकी पार्टी को समर्थन कर रहे हैं, उनकी खरीद-फरोख्त का प्रयास किया जा रहा है.

साथ ही बताया कि सरकार को अस्थिर करने में लगी ताकतें विधायकों को फोन कर खरीदने का प्रयास कर रही हैं, जिसे लेकर महेश जोशी ने डीजी एसीबी से पूरे प्रकरण पर त्वरित कार्रवाई करते हुए ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने की मांग की थी, जो विधायकों की खरीद-फरोख्त में लगे हुए हैं.

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