जयपुर. राजधानी के ज्यादातर विवाह स्थलों के पास अपनी पार्किंग नहीं है. ऐसे में शादियों के सीजन में इन विवाह स्थलों के बाहर पार्किंग की व्यवस्था रहती है, जिससे यातायात व्यवस्था चरमरा जाती है. पार्किंग की ये समस्या ना सिर्फ यातायात पुलिस, बल्कि नगर निगम के लिए भी चिंता का सबब बनी हुई है. इसे लेकर अब जेडीए की स्टेरिंग कमेटी ने हल निकालने की कोशिश की है.
जेडीसी टी. रविकांत ने विवाह स्थलों को भी पार्किंग लाइसेंस लेना जरूरी होने का सुझाव दिया है. आयुक्त ने कहा है कि विवाह स्थलों के बाहर जाम लगता है. जब वहां से कोई दमकल या एंबुलेंस गुजर रही होती हो तो स्थिति और विकट हो जाती है. ऐसे में पार्किंग लाइसेंस जारी होने से वाहन खड़े करने की व्यवस्था को पूर्व में ही सुनिश्चित किया जाएगा.
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स्टेरिंग कमेटी की मीटिंग में शहर की व्यवसायिक इमारतों का ब्यौरा रखा गया. जहां समर्पित भूमि पर कब्जा कर यातायात को बाधित किया जा रहा है. जिस पर जेडीसी ने अभियान चलाकर कब्जा मुक्त करने के निर्देश दिए. बैठक में शहर के मॉल्स की पार्किंग के मनमाने शुल्क पर लगाम लगाने की भी बात उठी.
गौरतलब है कि शहर में ऐसी 18 व्यवसायिक इमारतें सूचीबद्ध की गई है, जहां पार्किंग की जगह पर कब्जा कर व्यवसायिक गतिविधियां शुरू कर दी गई हैं. इनमें से कुछ इमारतों में पार्किंग क्षेत्र को कब्जे से मुक्त भी कराया गया है. जिन जगहों पर अभी भी व्यवसायिक गतिविधि जारी है, वहां अब जुर्माने की कार्रवाई की जा सकती है.