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अब शहर के विवाह स्थलों को भी लेना होगा Parking license, व्यवसायिक इमारतों की समर्पित भूमि पर से भी हटाया जाएगा कब्जा

यातायात नियंत्रण मंडल की स्टेयरिंग कमेटी की बैठक में विवाह स्थलों की पार्किंग का मुद्दा उठा. जिस पर जेडीसी टी रविकांत ने विवाह स्थल संचालकों को पार्किंग लाइसेंस लेने की बात सुझाई है. साथ ही जेडीसी ने शहर में व्यवसायिक इमारतों के कब्जे वाली समर्पित भूमि को अभियान चलाकर कब्जा मुक्त करने के भी निर्देश दिए.

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Published : Jan 7, 2020, 10:18 AM IST

parking license for marriage hall in jaipur, विवाह स्थल पर पार्किग लाइसेंस
विवाह स्थलों को पार्किंग लाइसेंस लेना होगा...

जयपुर. राजधानी के ज्यादातर विवाह स्थलों के पास अपनी पार्किंग नहीं है. ऐसे में शादियों के सीजन में इन विवाह स्थलों के बाहर पार्किंग की व्यवस्था रहती है, जिससे यातायात व्यवस्था चरमरा जाती है. पार्किंग की ये समस्या ना सिर्फ यातायात पुलिस, बल्कि नगर निगम के लिए भी चिंता का सबब बनी हुई है. इसे लेकर अब जेडीए की स्टेरिंग कमेटी ने हल निकालने की कोशिश की है.

विवाह स्थलों को पार्किंग लाइसेंस लेना होगा...

जेडीसी टी. रविकांत ने विवाह स्थलों को भी पार्किंग लाइसेंस लेना जरूरी होने का सुझाव दिया है. आयुक्त ने कहा है कि विवाह स्थलों के बाहर जाम लगता है. जब वहां से कोई दमकल या एंबुलेंस गुजर रही होती हो तो स्थिति और विकट हो जाती है. ऐसे में पार्किंग लाइसेंस जारी होने से वाहन खड़े करने की व्यवस्था को पूर्व में ही सुनिश्चित किया जाएगा.

ये पढ़ेंः देश-दुनिया में क्या हो रहा है उससे हमें कोई सरोकार नहीं, राजस्थान की हालत सुधारो : पूनिया

स्टेरिंग कमेटी की मीटिंग में शहर की व्यवसायिक इमारतों का ब्यौरा रखा गया. जहां समर्पित भूमि पर कब्जा कर यातायात को बाधित किया जा रहा है. जिस पर जेडीसी ने अभियान चलाकर कब्जा मुक्त करने के निर्देश दिए. बैठक में शहर के मॉल्स की पार्किंग के मनमाने शुल्क पर लगाम लगाने की भी बात उठी.

गौरतलब है कि शहर में ऐसी 18 व्यवसायिक इमारतें सूचीबद्ध की गई है, जहां पार्किंग की जगह पर कब्जा कर व्यवसायिक गतिविधियां शुरू कर दी गई हैं. इनमें से कुछ इमारतों में पार्किंग क्षेत्र को कब्जे से मुक्त भी कराया गया है. जिन जगहों पर अभी भी व्यवसायिक गतिविधि जारी है, वहां अब जुर्माने की कार्रवाई की जा सकती है.

जयपुर. राजधानी के ज्यादातर विवाह स्थलों के पास अपनी पार्किंग नहीं है. ऐसे में शादियों के सीजन में इन विवाह स्थलों के बाहर पार्किंग की व्यवस्था रहती है, जिससे यातायात व्यवस्था चरमरा जाती है. पार्किंग की ये समस्या ना सिर्फ यातायात पुलिस, बल्कि नगर निगम के लिए भी चिंता का सबब बनी हुई है. इसे लेकर अब जेडीए की स्टेरिंग कमेटी ने हल निकालने की कोशिश की है.

विवाह स्थलों को पार्किंग लाइसेंस लेना होगा...

जेडीसी टी. रविकांत ने विवाह स्थलों को भी पार्किंग लाइसेंस लेना जरूरी होने का सुझाव दिया है. आयुक्त ने कहा है कि विवाह स्थलों के बाहर जाम लगता है. जब वहां से कोई दमकल या एंबुलेंस गुजर रही होती हो तो स्थिति और विकट हो जाती है. ऐसे में पार्किंग लाइसेंस जारी होने से वाहन खड़े करने की व्यवस्था को पूर्व में ही सुनिश्चित किया जाएगा.

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स्टेरिंग कमेटी की मीटिंग में शहर की व्यवसायिक इमारतों का ब्यौरा रखा गया. जहां समर्पित भूमि पर कब्जा कर यातायात को बाधित किया जा रहा है. जिस पर जेडीसी ने अभियान चलाकर कब्जा मुक्त करने के निर्देश दिए. बैठक में शहर के मॉल्स की पार्किंग के मनमाने शुल्क पर लगाम लगाने की भी बात उठी.

गौरतलब है कि शहर में ऐसी 18 व्यवसायिक इमारतें सूचीबद्ध की गई है, जहां पार्किंग की जगह पर कब्जा कर व्यवसायिक गतिविधियां शुरू कर दी गई हैं. इनमें से कुछ इमारतों में पार्किंग क्षेत्र को कब्जे से मुक्त भी कराया गया है. जिन जगहों पर अभी भी व्यवसायिक गतिविधि जारी है, वहां अब जुर्माने की कार्रवाई की जा सकती है.

Intro:जयपुर - यातायात नियंत्रण मंडल की स्टेयरिंग कमेटी की बैठक में विवाह स्थलों की पार्किंग का मुद्दा उठा। जिस पर जेडीसी टी रविकांत ने विवाह स्थल संचालकों को पार्किंग लाइसेंस लेने की बात सुझाई है। साथ ही जेडीसी ने शहर में व्यवसायिक इमारतों के कब्जे वाली समर्पित भूमि को अभियान चलाकर कब्जा मुक्त करने के भी निर्देश दिए।


Body:राजधानी के ज्यादातर विवाह स्थलों के पास अपनी पार्किंग नहीं है। ऐसे में शादियों के सीजन में इन विवाह स्थलों के बाहर पार्किंग की व्यवस्था रहती है। जिससे यातायात व्यवस्था चरमरा जाती है। पार्किंग की ये समस्या ना सिर्फ यातायात पुलिस, बल्कि नगर निगम के लिए भी चिंता का सबब बनी हुई है। जिसे लेकर अब जेडीए की स्टेरिंग कमेटी ने हल निकालने की कोशिश की है। जेडीसी टी रविकांत ने विवाह स्थलों को भी पार्किंग लाइसेंस लेना जरूरी होने का सुझाव दिया है। आयुक्त ने कहा है कि विवाह स्थलों के बाहर जाम लगता है। जब वहां से कोई दमकल या एंबुलेंस गुजर रही होती हो तो स्थिति और विकट हो जाती है। ऐसे में पार्किंग लाइसेंस जारी होने से वाहन खड़े करने की व्यवस्था को पूर्व में ही सुनिश्चित किया जाएगा।

स्टेरिंग कमेटी की मीटिंग में शहर की व्यवसायिक इमारतों का ब्यौरा रखा गया। जहां समर्पित भूमि पर कब्जा कर यातायात को बाधित किया जा रहा है। जिस पर जेडीसी ने अभियान चलाकर कब्जा मुक्त करने के निर्देश दिए। बैठक में शहर के मॉल्स की पार्किंग के मनमाने शुल्क पर लगाम लगाने की भी बात उठी।


Conclusion:गौरतलब है कि शहर में ऐसी 18 व्यवसायिक इमारतें सूचीबद्ध की गई है, जहां पार्किंग की जगह पर कब्जा कर व्यवसाई गतिविधियां शुरू कर दी गई हैं। इनमें से कुछ इमारतों में पार्किंग क्षेत्र को कब्जे से मुक्त भी कराया गया है। जिन जगहों पर अभी भी व्यवसायिक गतिविधि जारी है, वहां अब जुर्माने की कार्रवाई की जा सकती है।
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