जयपुर. हाल ही में केंद्र सरकार (central government) ने दालों की बढ़ती कीमतों (Rising prices of pulses) पर लगाम लगाने के लिए दालों पर स्टॉक लिमिट (stock limit) लगा दी. सरकार के इस फैसले के बाद प्रदेश भर के मंडी कारोबारी विरोध में उतर गए हैं. मंडी कारोबारियों ने 2 दिन की हड़ताल का एलान कर दिया है.
सरकार ने रिटेल कारोबारियों (retail traders) के लिए 5 टन स्टॉक और थोक कारोबारियों (wholesalers) के लिए 200 टन की लिमिट तय कर दी है.
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ (Rajasthan Foods Trade Association) के अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि सभी मंडी कारोबारी स्टॉक लिमिट का विरोध कर रहे हैं. रविवार को व्यापारियों ने एक वर्चुअल बैठक की. जिसमें व्यापारियों ने कहा कि स्टॉक लिमिट तय होने से व्यापार करना काफी मुश्किल हो जाएगा. बैठक में व्यापारियों ने राजस्थान की 247 मंडियों में 2 दिन की हड़ताल का एलान कर दिया.
बाबूलाल गुप्ता कहते हैं कि देशभर में लाखों टन दाल का उत्पादन होता है. दाल पर स्टॉक लिमिट लगने से व्यापारी व्यापार नहीं कर पाएंगे और किसान अपना माल नहीं बेच पाएंगे. गुप्ता ने कहा कि व्यापारी दाल मिलों को 6 महीने संचालित करते हैं, ऐसे में 6 महीने का स्टॉक होना जरूरी है. जिसके बाद ही दालों की आपूर्ति हो पाती है. राजस्थान करीब 3 लाख लोग खाद्य सामग्री और जिंसों से जुड़ा रोजगार करते हैं. दाल मिलें बंद होंगी तो लोग बेरोजगार हो जाएंगे.
6 और 7 जुलाई को 247 मंडियों में हड़ताल
बाबूलाल गुप्ता ने कहा कि 6-7 जुलाई को मंडी से जुड़ा कोई भी कारोबार नहीं होगा. हड़ताल के दौरान 2000 करोड़ का कारोबार प्रभावित होने की आशंका है. पहले यह हड़ताल 5 जुलाई को प्रस्तावित थी.
दालों का कारोबार
देश में 2 करोड़ 40 लाख टन दालों की खपत होती है. देश में लगभग 2 करोड़ 34 लाख टन दालों का उत्पादन होता है. राजस्थान में दालों का उत्पादन सर प्लस होता है. प्रदेश में चने की दाल का उत्पादन 25 लाख टन, मूंग की दाल का 15 लाख टन, मोठ दाल का 3 लाख 50 हजार टन, उड़द की दाल का 80 हजार टन और चोलाई की दाल का उत्पादन 50 हजार टन होता है.