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Weather Forecast : पश्चिमी राजस्थान में बारिश की संभावना कम, लेकिन इन जिलों को लेकर मौसम विभाग ने दी बड़ी जानकारी

राजधानी जयपुर सहित प्रदेश भर में बीते 10 दिनों से भीषण गर्मी (Scorching Heat) का दौर देखने को मिल रहा है. ज्यादातर शहरों में दिन का तापमान 40 डिग्री (Temperature in Rajasthan) या उसके आसपास ही दर्ज किया जा रहा है. मौसम विभाग की मानें तो प्रदेश के पूर्वी राजस्थान में एक बार फिर कल यानी 18 अगस्त से मानसून सक्रिय (Monsoon in Rajasthan) हो सकता है और कई इलाकों में बारिश दर्ज की जा सकती है.

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राजस्थान में फिर सक्रिय होगा मानसून
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Published : Aug 17, 2021, 9:17 PM IST

जयपुर. राजधानी जयपुर सहित प्रदेश भर में सूर्य देव के तीखे तेवर से आमजन के हाल बेहाल हैं. उमस और गर्मी के कारण भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ज्यादातर शहरों में दिन का तापमान 40 डिग्री या उसके आसपास ही दर्ज किया जा रहा है.

सर्वाधिक तापमान की बात की जाए तो राजस्थान के चूरू और गंगानगर में तापमान 40 डिग्री को पार कर 41 डिग्री तक दर्ज किया गया है. सर्वाधिक तापमान गंगानगर में 41.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया तो चूरू में 41.6 डिग्री. बीकानेर में 39 डिग्री, पाली में 38.1 डिग्री, जैसलमेर में 38 डिग्री, जयपुर 37.6 डिग्री और जोधपुर में 38 डिग्री तापमान दर्ज किया गया.

जानकारी के अनुसार बीते करीब 10 दिन से प्रदेश में मानसून शुष्क बना हुआ है. मानसून की गतिविधियां एक बार फिर आगामी 24 घंटे के दौरान जोर पकड़ सकती है. पूर्वी राजस्थान के कोटा और उदयपुर संभाग में आगामी 24 घंटे के दौरान हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना भी मौसम विभाग की ओर से जताई गई है. मौसम विभाग के अनुसार 20 अगस्त को भरतपुर और जयपुर संभाग में मौसम शुष्क बना रहेगा. बारिश की गतिविधियों में तेजी नहीं दर्ज की जाएगी.

पढ़ें : सवालों के घेरे में FCI: गरीबों की थाली तक अन्न पहुंचाने के लिए खर्च किए करोड़ों रुपए, खरीदा सड़ा और बदबूदार गेहूं

20 अगस्त के बाद से भरतपुर संभाग में बौछारें पड़ सकती हैं. जोधपुर सहित पश्चिमी राजस्थान में अभी भी पानी गिरने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है. ऐसे में पश्चिमी राजस्थान के कई इलाकों में सूखे जैसे हालात बने हुए हैं और पश्चिमी राजस्थान के लोगों को बारिश का अभी भी इंतजार है. मौसम विभाग के अनुसार मानसून के वापस एक्टिव होने के कारण बंगाल की खाड़ी और ओडिशा-आंध्र प्रदेश से लगे क्षेत्र के पास लो-प्रेशर एरिया बन रहा है.

इसके अलावा मानसून की लाइन चेंज हो रही है जो अब उत्तर-पूर्वी हिमालय क्षेत्र से धीरे-धीरे नीचे आ रही है. मानसून लाइन अपनी सामान्य अवस्था से उत्तर दिशा में शिफ्ट होने और पश्चिमी हवा का प्रभाव बढ़ने के कारण राजस्थान में मानसून कमजोर पड़ गया था. मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो मानसून के दूसरे सीजन का असर भी पूर्वी राजस्थान में ही ज्यादा रहेगा. पश्चिमी राजस्थान में अभी भी बारिश का दौर कम दर्ज किया जाएगा. मौसम विभाग के द्वारा जारी आंकड़ों को देखा जाए तो पूर्वी राजस्थान में औसत से अधिक बारिश दर्ज की गई है तो वहीं पश्चिमी राजस्थान में अभी भी औसत से कम बारिश दर्ज की गई है.

जयपुर. राजधानी जयपुर सहित प्रदेश भर में सूर्य देव के तीखे तेवर से आमजन के हाल बेहाल हैं. उमस और गर्मी के कारण भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ज्यादातर शहरों में दिन का तापमान 40 डिग्री या उसके आसपास ही दर्ज किया जा रहा है.

सर्वाधिक तापमान की बात की जाए तो राजस्थान के चूरू और गंगानगर में तापमान 40 डिग्री को पार कर 41 डिग्री तक दर्ज किया गया है. सर्वाधिक तापमान गंगानगर में 41.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया तो चूरू में 41.6 डिग्री. बीकानेर में 39 डिग्री, पाली में 38.1 डिग्री, जैसलमेर में 38 डिग्री, जयपुर 37.6 डिग्री और जोधपुर में 38 डिग्री तापमान दर्ज किया गया.

जानकारी के अनुसार बीते करीब 10 दिन से प्रदेश में मानसून शुष्क बना हुआ है. मानसून की गतिविधियां एक बार फिर आगामी 24 घंटे के दौरान जोर पकड़ सकती है. पूर्वी राजस्थान के कोटा और उदयपुर संभाग में आगामी 24 घंटे के दौरान हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना भी मौसम विभाग की ओर से जताई गई है. मौसम विभाग के अनुसार 20 अगस्त को भरतपुर और जयपुर संभाग में मौसम शुष्क बना रहेगा. बारिश की गतिविधियों में तेजी नहीं दर्ज की जाएगी.

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20 अगस्त के बाद से भरतपुर संभाग में बौछारें पड़ सकती हैं. जोधपुर सहित पश्चिमी राजस्थान में अभी भी पानी गिरने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है. ऐसे में पश्चिमी राजस्थान के कई इलाकों में सूखे जैसे हालात बने हुए हैं और पश्चिमी राजस्थान के लोगों को बारिश का अभी भी इंतजार है. मौसम विभाग के अनुसार मानसून के वापस एक्टिव होने के कारण बंगाल की खाड़ी और ओडिशा-आंध्र प्रदेश से लगे क्षेत्र के पास लो-प्रेशर एरिया बन रहा है.

इसके अलावा मानसून की लाइन चेंज हो रही है जो अब उत्तर-पूर्वी हिमालय क्षेत्र से धीरे-धीरे नीचे आ रही है. मानसून लाइन अपनी सामान्य अवस्था से उत्तर दिशा में शिफ्ट होने और पश्चिमी हवा का प्रभाव बढ़ने के कारण राजस्थान में मानसून कमजोर पड़ गया था. मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो मानसून के दूसरे सीजन का असर भी पूर्वी राजस्थान में ही ज्यादा रहेगा. पश्चिमी राजस्थान में अभी भी बारिश का दौर कम दर्ज किया जाएगा. मौसम विभाग के द्वारा जारी आंकड़ों को देखा जाए तो पूर्वी राजस्थान में औसत से अधिक बारिश दर्ज की गई है तो वहीं पश्चिमी राजस्थान में अभी भी औसत से कम बारिश दर्ज की गई है.

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