जयपुर. वकीलों का कहना है कि प्राथमिकता सूची में सब्जी विक्रेता, आटा चक्की संचालक और स्ट्रीट वेंडर्स आदि को स्थान दिया गया है. लेकिन आपात स्थिति में काम कर रही न्यायपालिका को सूची से बाहर रखा गया है.
मामले में सांगानेर बार एसोसिएशन की ओर से राज्य सरकार को ज्ञापन सौंपकर अपना विरोध दर्ज कराया गया है. वहीं दूसरी ओर न्यायिक सेवा अधिकारी एसोसिएशन की ओर से हाईकोर्ट प्रशासन को इस संबंध में पत्र लिखा गया है.
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न्यायिक अधिकारी एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह चौधरी ने रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिखकर कहा है कि न्यायिक अधिकारी और कर्मचारी फ्रंट लाइन वर्कर के रूप में न्यायालय, घर और विधिक सेवा प्राधिकरण से निरंतर सेवाएं दे रहे हैं. इसके बावजूद राज्य सरकार ने उनके टीकाकरण को प्राथमिकता सूची में स्थान नहीं दिया है.
दूसरी ओर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष महावीर सुरेन्द्र जैन ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर न्यायिक अधिकारियों, कर्मचारियों और अधिवक्ताओं को प्राथमिकता सूची में शामिल नहीं करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है.