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अनुकंपा नियुक्ति के लिए देरी से आवेदन करने वाले आश्रितों को बड़ी राहत

जयपुर में मुख्यमंत्री सरकारी कार्मिक की मृत्यु के उपरांत आश्रित की ओर से अनुकंपा नियुक्ति के लिए देरी से आवेदन करने वाले आश्रितों को राहत दी है. साथ ही गहलोत के निर्देश पर 47 प्रकरणों में शिथिलता प्रदान की गई है.

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सीएम का संवेदनशील निर्णय, 47 प्रकरणों में देरी से आवेदन पर शिथिलता
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Published : Aug 4, 2020, 8:53 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकारी कार्मिक की मृत्यु के उपरांत आश्रित की ओर से अनुकंपा नियुक्ति के लिए देरी से आवेदन करने वाले आश्रितों को बड़ी राहत दी है. सीएम गहलोत के निर्देशों पर 47 प्रकरणों में शिथिलता प्रदान की गई है. कोविड-19 महामारी की इन चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में गहलोत के इस संवेदनशील निर्णय से इन परिवारों को संबल मिल सकेगा.

उल्लेखनीय है कि सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के बाद आश्रित को 90 दिवस के भीतर अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन करना होता है. साथ ही आश्रित के नाबालिग होने की स्थिति में बालिक होने के 3 वर्ष के भीतर आवेदन करने का प्रावधान है. गहलोत ने इन प्रकरणों में यह अवधि निकल जाने के बाद भी सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए आवेदकों को राहत प्रदान की है.

गौरतलब है कि लाॅकडाउन के समय में भी गहलोत ने संवेदनशीलता से निर्णय लेते हुए मृतक राज्य कर्मचारियों के 71 आश्रितों को नियुक्ति देने के लिए अनुकंपा नियुक्ति नियमों में शिथिलता प्रदान की थी. बीते करीब 20 माह में मुख्यमंत्री अनुकंपा नियुक्ति के 465 विभिन्न प्रकरणों में शिथिलता दे चुके हैं.

पढ़ें: 20 अगस्त से शुरू होगी इंदिरा रसोई, जरूरतमंदों को 8 रुपए में मिलेगा पौष्टिक भोजन

इससे इन मृतक राज्य कर्मचारियों के आश्रित परिवारों को बड़ा संबल मिला है, बता दें कि पिछले कुछ वक्त से अनुकम्पा पर नियुक्ति के मामलों में सरकारी कार्मिक की मृत्यु के उपरांत आश्रित की ओर से अनुकंपा नियुक्ति में कानूनी पेचिंदगियों के चलते परेशान होना पड़ रहा था. जिसको लेकर सीएम अशोक गहलोत के पास लगातार नियमों में शिथिलता के लिए आवेदन आ रहे थे. वहीं सरकारी कार्मिक की मृत्यु के उपरांत आश्रित को परेशानी का सामना नही करना पड़े. इसको लेकर सीएम गहलोत ने अनुकंपा नियुक्ति नियमों का सरलीकरण किया गया है.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकारी कार्मिक की मृत्यु के उपरांत आश्रित की ओर से अनुकंपा नियुक्ति के लिए देरी से आवेदन करने वाले आश्रितों को बड़ी राहत दी है. सीएम गहलोत के निर्देशों पर 47 प्रकरणों में शिथिलता प्रदान की गई है. कोविड-19 महामारी की इन चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में गहलोत के इस संवेदनशील निर्णय से इन परिवारों को संबल मिल सकेगा.

उल्लेखनीय है कि सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के बाद आश्रित को 90 दिवस के भीतर अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन करना होता है. साथ ही आश्रित के नाबालिग होने की स्थिति में बालिक होने के 3 वर्ष के भीतर आवेदन करने का प्रावधान है. गहलोत ने इन प्रकरणों में यह अवधि निकल जाने के बाद भी सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए आवेदकों को राहत प्रदान की है.

गौरतलब है कि लाॅकडाउन के समय में भी गहलोत ने संवेदनशीलता से निर्णय लेते हुए मृतक राज्य कर्मचारियों के 71 आश्रितों को नियुक्ति देने के लिए अनुकंपा नियुक्ति नियमों में शिथिलता प्रदान की थी. बीते करीब 20 माह में मुख्यमंत्री अनुकंपा नियुक्ति के 465 विभिन्न प्रकरणों में शिथिलता दे चुके हैं.

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इससे इन मृतक राज्य कर्मचारियों के आश्रित परिवारों को बड़ा संबल मिला है, बता दें कि पिछले कुछ वक्त से अनुकम्पा पर नियुक्ति के मामलों में सरकारी कार्मिक की मृत्यु के उपरांत आश्रित की ओर से अनुकंपा नियुक्ति में कानूनी पेचिंदगियों के चलते परेशान होना पड़ रहा था. जिसको लेकर सीएम अशोक गहलोत के पास लगातार नियमों में शिथिलता के लिए आवेदन आ रहे थे. वहीं सरकारी कार्मिक की मृत्यु के उपरांत आश्रित को परेशानी का सामना नही करना पड़े. इसको लेकर सीएम गहलोत ने अनुकंपा नियुक्ति नियमों का सरलीकरण किया गया है.

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