जयपुर. प्रदेश के सरकारी चिकित्सालयों में कार्यरत सभी लैब टेक्नीशियंस ने मांगें पूरी नहीं होने पर आक्रोशित हैं. लैब टेक्नीशियन्स नाराजगी के चलते लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. अपनी मांगों को लेकर लैब टेक्नीशियंस ने गुरुवार को मुख्यमंत्री और चिकित्सा मंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा.
सरकार की ओर से उनकी मांगें ग्रेड-पे 4200, भत्ते, पदनाम परिवर्तन, समयबद्ध पदोन्नति, नई भर्ती आदि को निरंतर अनदेखा करने से क्षुब्ध होकर काली पट्टी बांधकर कार्य कर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं. लैब टेक्नीशियंस संघ प्रदेशाध्यक्ष जितेन्द्र सिंह ने बताया कि लैब टेक्नीशियन चिकित्सा विभाग की रीढ़ की हड्डी है. मरीजों की बीमारी का पता लगाने में उनकी अहम भूमिका रहती है. उसी के आधार पर मरीज के इलाज को सही दिशा मिलती है.
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प्रदेश में सरकार की ओर से मुख्यमंत्री नि:शुल्क जांच योजना शुरू की गई, जिसके अन्तर्गत मरीजों की जांच के लिए अत्याधुनिक मशीनों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई, लेकिन इस योजना के अहम किरदार लैब टेक्नीशियन की ओर ध्यान ही नहीं दिया गया. मीडिया प्रभारी संतोष शर्मा ने बताया कि लैब टेक्नीशियन ने सदैव अपनी जिम्मेदारी समझते हुये सकारात्मक तरीके से अपनी मांगों को सरकार के समक्ष रखा है. उसी कड़ी में फिर एक बार गुरुवार को प्रदेश के सभी लैब टेक्नीशियंस काली पट्टी बांधकर सरकार के समक्ष अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं.
जिलाध्यक्ष सज्जन सोनी ने कहा कि सरकार के रवैये से लैब टेक्नीशियन त्रस्त है, इसलिये उनकी ओर से विरोध की शुरुआत हो चुकी है. अब लड़ाई आर-पार की ही होकर रहेगी. लैब टेक्नीशियंस को उनका हक और सम्मान दिलाकर ही दम लेंगे.