जयपुर. विधानसभा में किसान कर्ज माफी पर बोलते हुए खुद सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने अप्रत्यक्ष रूप से मान लिया कि किसान कर्ज माफी का लाभ लेने वाले अधिकतर किसानों के बैंक अकाउंट में अब तक यह पैसा गया ही नहीं. जिसके चलते उन किसानों को फसल बीमा कराने का लाभ नहीं मिल पायेगा. अब तक प्रदेश के 33,894 किसानों के 92 करोड़ ही माफ किये गए हैं. इस मामले में सदन में बहस चली तो मंत्री के जवाब से नाराज भाजपा विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया.
50 भाजपा विधायकों ने लगाया था स्थगन प्रस्ताव...
लेखानुदान भांग पर बहस के दौरान स्पीकर सीपी जोशी की परमिशन पर किसान कर्ज माफी पर चर्चा हुई. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि जुलाई का माह खत्म होने वाला है और प्रदेश के किसानों ने अब तक फसल बीमा नहीं करवाया है. उसके पीछे बड़ा कारण सरकार द्वारा किए गए कर्ज माफी का लाभ नहीं मिल पाना है.
कटारिया ने आरोप लगाया कि सरकार ने 10 दिन में किसानों का कर्ज माफ करने की बात तो कह दी और सदन में किसानों तक इसका फायदा पहुंचाने की बात भी कहते हैं, लेकिन वास्तव में किसानों के बैंक खाते में अब तक ऋण माफी का पैसा नहीं गया. जिसके चलते उन्हें बैंक से नोटिस नहीं मिल पाया और वह अपना फसल बीमा भी नहीं करवा पा रहे. कटारिया ने बताया कि नियम है कि जिस किसान ने नया ऋण ले रखा है उसे ही फसल बीमा कराने पर उसका प्रीमियम का पैसा सीधे उसे ऋण की राशि से बैंक काट लेता है. लेकिन जिन किसानों ने अपने पिछले ऋण को सरकार से मिले ऋण माफी के वादे के कारण नहीं चुकाया, वह इस फसल बीमा के फायदे से महरूम रह जाएंगे.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के फायदे से महरूम रहे किसान...
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने आरोप लगाया कि सरकार की लचर कार्यशैली के चलते प्रदेश के किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का पैसा भी नहीं मिल पाया. यदि प्रदेश के सभी 76 लाख किसानों की जानकारी पोर्टल पर अपलोड कर दी जाती तो राजस्थान के किसानों को इस योजना के जरिए करीब साढ़े चार हजार करोड़ रुपए मिलते, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया.
जवाब में सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि 55 लाख से अधिक किसानों की जानकारी पोर्टल पर अपलोड कर दी गई है. जबकि 19 लाख किसानों की जानकारी भी जल्द अपलोड की जाएगी. वहीं, कटारिया ने आरोप लगाया कि पहली किस्त में अब तक 28 लाख किसानों को इसका लाभ मिला है, जबकि प्रदेश के 14 लाख किसानों को दूसरी किस्त का लाभ मिला है. लेकिन अभी लाखों किसान केंद्र की योजना का लाभ लेने से महरूम रह गए. कटारिया के अनुसार किसानों की लड़ाई सदन से लेकर सड़क तक जारी रहेगी.