ETV Bharat / city

OMR शीट में गलती से 0 के स्थान पर 9 का गोला किया काला...HC ने कहा- परीक्षा के बाद नहीं हो सकता बदलाव

डाक विभाग की ओर से एएसजी बोहरा ने कहा कि यह गलती बहुत छोटी दिखती है, लेकिन प्रश्न पत्र एवं उत्तर पत्रक पर सभी निर्देश दिये गये थे, इसके बावजूद सावधानी नहीं रखी गई. ऐसे में यह तो आवेदक की जिम्मेदारी होती है कि उसे सही गोला ही काला करना चाहिए. इसके लिए विभाग जिम्मेदार नहीं हो सकता.

Rajasthan High Court OMR Sheet
राजस्थान हाईकोर्ट ओएमआर शीट
author img

By

Published : Aug 30, 2021, 10:02 PM IST

जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय (Rajasthan High Court) की खंडपीठ ने केन्द्रीय डाक विभाग (central postal department) की एक याचिका पर महत्वपूर्ण निर्णय सुनाते हुए कहा है कि परीक्षा के बाद ओएमआर शीट (OMR sheet) में रोल नम्बर बदले नहीं जा सकते, न ही गलत ओएमआर शीट की जांच की जायेगी.

यह आदेश उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढा व न्यायाधीश अरूण भंसाली की खंडपीठ ने पारित किया. मामला केन्द्रीय डाक विभाग बनाम परीक्षार्थी जगदीश चन्द्र जाट का है. डाक विभाग की ओर से एएसजी भानु प्रकाश बोहरा ने केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण जोधपुर (Central Administrative Tribunal Jodhpur) पीठ की ओर से पारित आदेश (दिनांक 24 सितम्बर 2020) को याचिका के जरिये चुनौती दी थी.

दरअसल जगदीश चन्द्र जाट ने डाक विभाग की ओर से आयोजित डाक निरीक्षक परीक्षा दी थी. परीक्षा के दौरान जगदीश चंद्र ने ओएमआर शीट में रोल नम्बर अंकित करने में गलती कर दी. जगदीश ने 0 के स्थान पर 9 का गोला काला कर दिया था. ऐसे में उसके उत्तर पत्रक की जांच नहीं की गई.

पढ़ें- कोविड का नया वैरिएंट C.1.2 अधिक संक्रामक, टीका सुरक्षा को भी दे सकता है चकमा : अध्ययन

उसने विभाग के सामने अभ्यावेदन दिया कि मेरी ओएमआर शीट में रोल नम्बर कॉलम में गलती से 0 की बजाय 9 का गोला काला हो गया ैह. उसे सुधार कर मेरे उत्तर पत्रक की जांच की जाये. यदि उत्तर पत्रक की जांच की जाये तो मेरा सलेक्शन होना तय है. ऐसे में विभाग की ओर से उसकी अभ्यावेदना को खारिज कर दिया गया.

इसके खिलाफ जगदीश ने केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण जोधपुर के समक्ष अपील पेश की. अधिकरण ने जगदीश चन्द्र जाट के पक्ष में निर्णय पारित करते हुए उत्तर पत्रक में रोल नम्बर का गोला सही करते हुए उसकी जांच करने के निर्देश दिये. अधिकरण के आदेश के खिलाफ याचिका पेश की गई.

डाक विभाग की ओर से एएसजी बोहरा ने कहा कि यह गलती बहुत छोटी दिखती है, लेकिन प्रश्न पत्र एवं उत्तर पत्रक पर सभी निर्देश दिये गये थे, इसके बावजूद सावधानी नहीं रखी गई. ऐसे में यह तो आवेदक की जिम्मेदारी होती है कि उसे सही गोला ही काला करना चाहिए. इसके लिए विभाग जिम्मेदार नहीं हो सकता.

यदि ओएमआर सीट में संशोधन किया गया तो पूरी परीक्षा की पारदर्शिता पर ही सवाल खड़ा हो जाता है. ऐसे में अधिकरण का निर्णय अवैधानिक है. खंडपीठ ने डाक विभाग की याचिका को स्वीकार करते हुए अधिकरण के आदेश को निरस्त कर दिया.

जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय (Rajasthan High Court) की खंडपीठ ने केन्द्रीय डाक विभाग (central postal department) की एक याचिका पर महत्वपूर्ण निर्णय सुनाते हुए कहा है कि परीक्षा के बाद ओएमआर शीट (OMR sheet) में रोल नम्बर बदले नहीं जा सकते, न ही गलत ओएमआर शीट की जांच की जायेगी.

यह आदेश उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढा व न्यायाधीश अरूण भंसाली की खंडपीठ ने पारित किया. मामला केन्द्रीय डाक विभाग बनाम परीक्षार्थी जगदीश चन्द्र जाट का है. डाक विभाग की ओर से एएसजी भानु प्रकाश बोहरा ने केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण जोधपुर (Central Administrative Tribunal Jodhpur) पीठ की ओर से पारित आदेश (दिनांक 24 सितम्बर 2020) को याचिका के जरिये चुनौती दी थी.

दरअसल जगदीश चन्द्र जाट ने डाक विभाग की ओर से आयोजित डाक निरीक्षक परीक्षा दी थी. परीक्षा के दौरान जगदीश चंद्र ने ओएमआर शीट में रोल नम्बर अंकित करने में गलती कर दी. जगदीश ने 0 के स्थान पर 9 का गोला काला कर दिया था. ऐसे में उसके उत्तर पत्रक की जांच नहीं की गई.

पढ़ें- कोविड का नया वैरिएंट C.1.2 अधिक संक्रामक, टीका सुरक्षा को भी दे सकता है चकमा : अध्ययन

उसने विभाग के सामने अभ्यावेदन दिया कि मेरी ओएमआर शीट में रोल नम्बर कॉलम में गलती से 0 की बजाय 9 का गोला काला हो गया ैह. उसे सुधार कर मेरे उत्तर पत्रक की जांच की जाये. यदि उत्तर पत्रक की जांच की जाये तो मेरा सलेक्शन होना तय है. ऐसे में विभाग की ओर से उसकी अभ्यावेदना को खारिज कर दिया गया.

इसके खिलाफ जगदीश ने केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण जोधपुर के समक्ष अपील पेश की. अधिकरण ने जगदीश चन्द्र जाट के पक्ष में निर्णय पारित करते हुए उत्तर पत्रक में रोल नम्बर का गोला सही करते हुए उसकी जांच करने के निर्देश दिये. अधिकरण के आदेश के खिलाफ याचिका पेश की गई.

डाक विभाग की ओर से एएसजी बोहरा ने कहा कि यह गलती बहुत छोटी दिखती है, लेकिन प्रश्न पत्र एवं उत्तर पत्रक पर सभी निर्देश दिये गये थे, इसके बावजूद सावधानी नहीं रखी गई. ऐसे में यह तो आवेदक की जिम्मेदारी होती है कि उसे सही गोला ही काला करना चाहिए. इसके लिए विभाग जिम्मेदार नहीं हो सकता.

यदि ओएमआर सीट में संशोधन किया गया तो पूरी परीक्षा की पारदर्शिता पर ही सवाल खड़ा हो जाता है. ऐसे में अधिकरण का निर्णय अवैधानिक है. खंडपीठ ने डाक विभाग की याचिका को स्वीकार करते हुए अधिकरण के आदेश को निरस्त कर दिया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.