जयपुर. राजधानी में खटारा लो फ्लोर बसों से जूझ रही जनता को जल्द राहत मिल सकती है. केंद्र सरकार की फेम टू योजना के तहत साल 2020 में ही इलेक्ट्रिक बस की सौगात मिल सकती है. हालांकि जेसीटीएसएल की ओर से राज्य सरकार को भेजे गए 300 इलेक्ट्रिक और 300 डीजल बसों को लेकर बजट 2020 से ही उम्मीद लगाई जा रही है.
राजधानी में जेसीटीएसएल की 293 बस मौजूद है. इनमें से 173 बस 2021 के अंत तक कंडम हो जाएंगी. पुरानी बसों का मेंटेनेंस बहुत ज्यादा आ रहा है, ऐसे में जेसीटीएसएल बोर्ड ने पिछले रेसुलेशन में 300 इलेक्ट्रिक और 300 डीजल बसों का प्रस्ताव राज्य सरकार के समक्ष रखा था. लेकिन राज्य सरकार से इस पर अब तक हरी झंडी नहीं मिली है.
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वहीं, भारत सरकार की फेम टू योजना के तहत जयपुर को 100 इलेक्ट्रिक बस मिलनी थी. इसकी अंतिम तारीख 15 दिसंबर 2019 थी. लेकिन इनका भी शहर वासियों को इंतजार ही करना होगा. इस संबंध में जेसीटीएसएल एमडी नरेंद्र गुप्ता ने बताया, कि एनआईटी के जरिए जेसीटीएसएल ने टाटा मोटर्स को वर्क आर्डर जारी कर दिया है.
एमडी नरेंद्र गुप्ता ने बताया, कि वर्क आर्डर के अनुसार 3 महीने के अंदर प्रोटोटाइप उपलब्ध कराना है, जिसे शहर में चलाया जाएगा. जो भी मॉडिफिकेशन होंगे उसे बता कर 6 महीने में 50 बस और इसके बाद अगले 6 महीने में 50 बस उपलब्ध कराई जाएगी. उन्होंने संभावना जताई कि 2020 में ही शहर को 100 नई इलेक्ट्रिक बस की सौगात मिल जाएगी.
ये पहला मौका होगा जब बसों का आउट राइट परचेज ना करते हुए, रनिंग कॉस्ट के हिसाब से भुगतान किया जाएगा. उसका कॉस्टिंग 10 साल के हिसाब से रहेगा. फेम टू में बस की कॉस्ट का 40 फीसदी और अधिकतम 45 लाख रुपए सब्सिडी भारत सरकार के द्वारा दी जाएगी. शेष राशि को ऑपरेटिंग कॉस्ट के ₹66.50 पैसे प्रति किलोमीटर के हिसाब से पेमेंट किया जाएगा.
जेसीटीएसएल एमडी ने राज्य सरकार से इलेक्ट्रिक बस को लेकर मिलने वाले फंड को लेकर बजट 2020 से उम्मीद जताई. आवश्यकताओं को देखते हुए शहर को 300 इलेक्ट्रिक और 300 डीजल बस की जरूरत है. ऐसे में राज्य सरकार के बजट या फिर केंद्र सरकार की फेम टू के बाद फेम 3 योजना का इंतजार रहेगा.
बता दें, कि राजधानी में हर दिन 3 लाख से ज्यादा लोग लो फ्लोर बसों में सफर करते हैं. लेकिन मेंटेनेंस के अभाव में खटारा हो चुकी जेसीटीएसएल की बसें कहीं भी दम तोड़ देती है. ऐसे में देखना होगा कि बजट 2020 में शहर की जनता को इस परेशानी से निजात दिलाने के लिए कोई घोषणा होती है या नहीं.