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जयपुरः घाटे से बाहर नहीं निकल रहा राजस्थान पर्यटन विकास निगम

राजस्थान पर्यटन विकास निगम कभी घाटे का यूनिट नहीं रहा है. लेकिन सही मायने में आरटीडीसी को घाटे में लाया गया है. आरटीडीसी को घाटे से उबारने के लिए 500 कर्मचारियों को रेवो डेपुटेशन पर भेजने का काम किया गया है. बता दें कि वर्ष 2015-16 में आरटीडीसी 15 से 16 करोड़ घाटे में आ गया था.

Rajasthan Tourism Development Corporation is not running out of losses, jaipur news, जयपुर न्यूज
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Published : Oct 10, 2019, 4:35 AM IST

जयपुर. आरटीडीसी की प्रदेश भर में दो ही यूनिट है. जो कि अच्छा रेवेन्यू विभाग को दे रही है. एक नाहरगढ़ किले पर स्थित पड़ाव यूनिट दूसरी जोधपुर की घूमर यूनिट जो कि सबसे ज्यादा रेवेन्यू आरटीडीसी को हर साल दे रही है.

घाटे से बाहर नहीं निकल रहा राजस्थान पर्यटन विकास निगम

जिसमें जयपुर की नाहरगढ़ किले में स्थित पड़ाव यूनिट के प्रभारी भगत सिंह गुर्जर को 15 अगस्त पर राज्य स्तरीय पुरस्कार से मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित भी किया गया था. बता दें कि आरटीडीसी की अजमेर यूनिट जोकि लगाता वर्षों से लाभ में चल रही थी. जिसको पिछले 3 सालों से घाटी में लाया गया है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि आरटीडीसी की यूनिटों को घाटे में लाने वाला कौन है. लेकिन आरटीडीसी का मैनेजमेंट ही नहीं चाहता कि आरटीडीसी लाभ में आए दोषियों के खिलाफ जांच भी नहीं कराना चाहता.

पढ़ेंः राजस्थान में कांग्रेस का 'फोकस' उपचुनाव से ज्यादा निकाय चुनावों पर

आरटीडीसी की बहरोड यूनिट जोकि लगातार लाभ में चल रही थी. जिसको वंहा पर फ्लाईओवर बनने के नाम पर बंद कर दिया गया था. फ्लाईंओवर को बने 15 साल हो गए लेकिन आरटीडीसी ने बहरोड यूनिट को चालू नहीं किया. आज बंद यूनिट जर्जर हालत में पड़ी है. यूनिट में रखा सामान बेकार भी होता जा रहा है. आरटीडीसी को इसको लेकर कोई फिक्र भी नहीं है.

पढ़ेंः मोदी सरकार की जल मिशन योजना लागू करेगी गहलोत सरकार

आरटीडीसी यूनियन द्वारा पिछले 10 महीने पहले यूनिटों को लाभ में लाने के लिए सुझाव दिए थे. लेकिन आरटीडीसी मैनेजमेंट के पास समय नहीं होने और बहाना करके ध्यान नहीं देने का आरोप भी लगाया जा रहा है. इन सुझावों को मुख्य सचिव डी बी गुप्ता और पर्यटन चेयरमैन श्रेया गुहा ने भी सहारा था, लेकिन आरटीडीसी मैनेजमेंट कर्मचारी यूनियन के सुझावों पर ध्यान ना देकर सरकार के रेवेन्यू को गिराने में लगा हुआ है.

पढ़ेंः जयपुर: अध्यापिका के ट्रांसफर पर छात्रों ने किया दिल्ली हाईवे जाम

पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह को भी कर्मचारी यूनियन ने सुझाव दिए थे, जिस पर एक कमेटी बनाई गई थी, उस कमेटी ने आज तक उन सुझावों पर कोई चर्चा नहीं की. कर्मचारी यूनियन राज्य सरकार से मांग करता है कि आरटीडीसी को बंद करने के षड्यंत्र के चलते जो नुकसान दिया जा रहा है, उन अधिकारियों पर जांच होनी चाहिए.


पिछले कई सालों से यह यूनिट चल रही घाटे में

  • होटल खादिम अजमेर-19.64 लाख
  • मोटल बार-24.71 लाख
  • होटल सरोवर पुष्कर-24.72 लाख
  • होटल धोलामरु बीकानेर-11.16 लाख
  • होटल सरस भरतपुर-21.13 लाख
  • होटल स्वागतम जयपुर-8.40लाख
  • होटल महुआ-19.62 लाख
  • विनायक सवाईमाधोपुर-19.10 लाख
  • होटल मीनल अलवर-26.65 लाख
  • होटल तीज जयपुर-21. 26 लाख

जयपुर. आरटीडीसी की प्रदेश भर में दो ही यूनिट है. जो कि अच्छा रेवेन्यू विभाग को दे रही है. एक नाहरगढ़ किले पर स्थित पड़ाव यूनिट दूसरी जोधपुर की घूमर यूनिट जो कि सबसे ज्यादा रेवेन्यू आरटीडीसी को हर साल दे रही है.

घाटे से बाहर नहीं निकल रहा राजस्थान पर्यटन विकास निगम

जिसमें जयपुर की नाहरगढ़ किले में स्थित पड़ाव यूनिट के प्रभारी भगत सिंह गुर्जर को 15 अगस्त पर राज्य स्तरीय पुरस्कार से मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित भी किया गया था. बता दें कि आरटीडीसी की अजमेर यूनिट जोकि लगाता वर्षों से लाभ में चल रही थी. जिसको पिछले 3 सालों से घाटी में लाया गया है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि आरटीडीसी की यूनिटों को घाटे में लाने वाला कौन है. लेकिन आरटीडीसी का मैनेजमेंट ही नहीं चाहता कि आरटीडीसी लाभ में आए दोषियों के खिलाफ जांच भी नहीं कराना चाहता.

पढ़ेंः राजस्थान में कांग्रेस का 'फोकस' उपचुनाव से ज्यादा निकाय चुनावों पर

आरटीडीसी की बहरोड यूनिट जोकि लगातार लाभ में चल रही थी. जिसको वंहा पर फ्लाईओवर बनने के नाम पर बंद कर दिया गया था. फ्लाईंओवर को बने 15 साल हो गए लेकिन आरटीडीसी ने बहरोड यूनिट को चालू नहीं किया. आज बंद यूनिट जर्जर हालत में पड़ी है. यूनिट में रखा सामान बेकार भी होता जा रहा है. आरटीडीसी को इसको लेकर कोई फिक्र भी नहीं है.

पढ़ेंः मोदी सरकार की जल मिशन योजना लागू करेगी गहलोत सरकार

आरटीडीसी यूनियन द्वारा पिछले 10 महीने पहले यूनिटों को लाभ में लाने के लिए सुझाव दिए थे. लेकिन आरटीडीसी मैनेजमेंट के पास समय नहीं होने और बहाना करके ध्यान नहीं देने का आरोप भी लगाया जा रहा है. इन सुझावों को मुख्य सचिव डी बी गुप्ता और पर्यटन चेयरमैन श्रेया गुहा ने भी सहारा था, लेकिन आरटीडीसी मैनेजमेंट कर्मचारी यूनियन के सुझावों पर ध्यान ना देकर सरकार के रेवेन्यू को गिराने में लगा हुआ है.

पढ़ेंः जयपुर: अध्यापिका के ट्रांसफर पर छात्रों ने किया दिल्ली हाईवे जाम

पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह को भी कर्मचारी यूनियन ने सुझाव दिए थे, जिस पर एक कमेटी बनाई गई थी, उस कमेटी ने आज तक उन सुझावों पर कोई चर्चा नहीं की. कर्मचारी यूनियन राज्य सरकार से मांग करता है कि आरटीडीसी को बंद करने के षड्यंत्र के चलते जो नुकसान दिया जा रहा है, उन अधिकारियों पर जांच होनी चाहिए.


पिछले कई सालों से यह यूनिट चल रही घाटे में

  • होटल खादिम अजमेर-19.64 लाख
  • मोटल बार-24.71 लाख
  • होटल सरोवर पुष्कर-24.72 लाख
  • होटल धोलामरु बीकानेर-11.16 लाख
  • होटल सरस भरतपुर-21.13 लाख
  • होटल स्वागतम जयपुर-8.40लाख
  • होटल महुआ-19.62 लाख
  • विनायक सवाईमाधोपुर-19.10 लाख
  • होटल मीनल अलवर-26.65 लाख
  • होटल तीज जयपुर-21. 26 लाख
Intro:जयपुर एंकर-- राजस्थान पर्यटन विकास निगम कभी घाटे का यूनिट नहीं रहा है ,,,,,लेकिन सही मायने में आरटीडीसी को घाटे में लाया गया है ,,,,,आरटीडीसी को घाटे से उबारने के लिए 500 कर्मचारियों को रेवो डेपुटेशन पर भेजने का काम किया गया है,,,, वर्ष 2015 16 में आरटीडीसी 15 से 16 करोड़ घाटे में आ गया था,,,, लेकिन उसके बाद भी आज आरटीडीसी 15 से 16 करोड़ के घाटे में ही चल रहा है ,,,,सरकार ने आरटीडीसी के आय-व्यय के स्रोतों को बंद कर दिया ,,,,,जिसके कारण आरटीडीसी की यूनिटों में होटलों की हालत खराब होते गई,,,, गए जिसके चलते आज कर्मचारियों को भी समय पर वेतन नहीं मिल रहा,,,,


Body:जयपुर--

वीओ 01- आरटीडीसी की प्रदेश भर में दो ही यूनिट है,,, जो कि अच्छा रेवेन्यू विभाग को दे रही है,,,, एक नाहरगढ़ किले पर स्थित पड़ाव यूनिट दूसरी जोधपुर की घूमर यूनिट जो कि सबसे ज्यादा रेवेन्यू आरटीडीसी को हर साल दे रही है,,, जिसमें जयपुर की नाहरगढ़ किले में स्थित पड़ाव यूनिट के प्रभारी भगत सिंह गुर्जर को 15 अगस्त पर राज्य स्तरीय पुरस्कार से मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित भी किया गया था,,,, आपको बता दें कि आरटीडीसी की अजमेर यूनिट जोकि लगाता वर्षों से लाभ में चल रही थी,,,, जिसको पिछले 3 सालों से घाटी में लाया गया है,,, ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि आरटीडीसी की यूनिटों को घाटे में लाने वाला कौन है,,,, लेकिन आरटीडीसी का मैनेजमेंट ही नहीं चाहता कि आरटीडीसी लाभ में आए दोषियों के खिलाफ जांच भी नहीं कराना चाहता,,, आरटीडीसी को घाटे में दिखाकर बंद करने का कामकाज भी अब जोरों पर चल रहा है,,,, जिसको लेकर कर्मचारी यूनिट में भी काफी रोष देखने को मिल रहा है,,,,

वीओ 02-- आरटीडीसी की बहरोड यूनिट जोकि लगातार लाभ में चल रही थी,,,, जिसको वंहा पर फ्लाईओवर बनने के नाम पर बंद कर दिया गया था,,,,, फ्लाईओवर को बने 15 साल हो गए,,,, लेकिन आरटीडीसी ने बहरोड यूनिट को चालू नहीं किया ,,,,आज बंद यूनिट जर्जर हालत में पड़ी है,,,, यूनिट में रखा सामान बेकार भी होता जा रहा है ,,,आरटीडीसी को इसको लेकर कोई फिक्र भी नहीं है ,,,,जो विभाग को लाभ देने वाली यूनिट है उनको चला कर बंद किया जा रहा है ,,,,,,उन्हें घाटेमें भी दिखाया जा रहा है ,,,,घाटे का मूल कारण रोडवेज बसों को बंद करना है,,,

वीओ 03-- आरटीडीसी यूनियन द्वारा पिछले 10 महीने पहले यूनिटों को लाभ में लाने के लिए सुझाव दिए थे,,,, लेकिन आरटीडीसी मैनेजमेंट के पास समय नहीं होने और बहाना करके ध्यान नहीं देने का आरोप भी लगाया जा रहा है,,,, इन सुझावों को मुख्य सचिव डी बी गुप्ता और पर्यटन चेयरमैन श्रेया गुहा ने भी सहारा था ,,,,लेकिन आरटीडीसी मैनेजमेंट कर्मचारी यूनियन के सुझावों पर ध्यान ना देकर सरकार के रेवेन्यू को गिराने में लगा हुआ है ,,,,,पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह को भी कर्मचारी यूनियन ने सुझाव दिए थे ,,,,,जिस पर एक कमेटी बनाई गई थी उस कमेटी ने आज तक उन सुझावों पर कोई चर्चा नहीं की,,,,, कर्मचारी यूनियन राज्य सरकार से मांग करता है ,,,,कि आरटीडीसी को बंद करने के षड्यंत्र के चलते जो नुकसान दिया जा रहा है ,,,,,उन अधिकारियों पर जांच होनी चाहिए और उन्हें सजा भी दी जानी चाहिए ,,,,,जिससे आरटीडीसी को लाभ में चलाने का काम किया जा सकेगा,,,,

-पिछले कई सालों से यह यूनिट चल रही घाटे में (2018-19)

होटल खादिम अजमेर-- 19.64 लाख

मोटल बार --- 24.71 लाख

होटल सरोवर पुष्कर - 24.72 लाख

होटल धोलामरु बीकानेर-11.16 लाख

होटल सरस भरतपुर -- 21.13 लाख

होटल स्वागतम जयपुर-- 8.40लाख

होटल महुआ -- 19.62 लाख

विनायक सवाईमाधोपुर -19.10 लाख

होटल मीनल अलवर - 26.65 लाख

होटल तीज जयपुर-- 21. 26 लाख

टाइगर डेन सरिस्का - 11.21लाख

होटल गोकुल नाथद्वारा- 12.23 लाख

होटल गवरी तालाब झालावाड़ - 1.72 लाख

फॉरेस्ट लॉज भरतपुर-28.65 लाख

शिल्पी रणकपुर- 11. 85 लाख

वीओ 04-- आरटीडीसी की 15 यूनिट कुछ अंशों में लाभ में चल रही है,,,,, जिनमें दो यूनिट सबसे ज्यादा रेवेन्यू आरटीडीसी को दे रही है ,,,,,वह जयपुर की नाहरगढ़ किले में पड़ाव यूनिट और जोधपुर की घूमर यूनिट है,,,,, आरटीडीसी विभाग की अनदेखी के चलते प्रदेशभर में करीब 45 यूनिटें बंद पड़ी है,,,,, जिनमें रखा लाखों और करोड़ों का सामान भी धूल फांक रहा है,,,,



बाइट;- तेज सिंह राठौड़ प्रदेश अध्यक्ष कर्मचारी यूनियन आरटीडीसी







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