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जयपुर न्यायिक कर्मचारी संघ ने CJ को लिखा पत्र, कहा- न्यायिक अधिकारी कोर्ट का सामान ले जा रहे हैं घर - Rajasthan High Court Order

राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ की जिला शाखा जयपुर ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर निचली अदालतों के पीठासीन अधिकारियों पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं. पत्र में गुहार की गई है कि सभी पीठासीन अधिकारियों को निर्देश दिए जाए कि वह कोर्ट के सामान को घर ना लेकर जाए.

Jaipur Judicial Employees Union, Rajasthan High Court Order
राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : Oct 17, 2020, 9:05 PM IST

जयपुर. राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ की जिला शाखा जयपुर ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर निचली अदालतों के पीठासीन अधिकारियों पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं. कर्मचारी संघ का कहना है कि न्यायालय के उपयोग के लिए खरीदे गए सामान को पीठासीन अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग कर व्यक्तिगत उपयोग के लिए अपने घर ले जाते हैं.

मुख्य न्यायाधीश को भेजे पत्र में कहा गया है कि न्यायालय के प्रशासन की ओर से समय-समय पर सोफा, कूलर, अलमारियां, टेबल, कुर्सी और घड़ी आदि सामान कोर्ट के लिए खरीदे जाते हैं. इन सामान को अदालतों के पीठासीन अधिकारी अपने पद, प्रभाव और नियंत्रण की शक्तियों का दुरुपयोग कर अपने घर ले जाते हैं, जबकि उन्हें घर की साज-सज्जा और फर्नीचर के लिए हर पांच साल में एक लाख रुपए दिए जाते हैं.

पढ़ें- Dream 11 को हाईकोर्ट से मिली राहत, HC ने खारिज की जनहित याचिका

पत्र में कहा गया कि संबंधित पीठासीन अधिकारी का तबादला होने के बाद भी कोर्ट के इस सामान को लौटाया नहीं जाता, जिसके चलते स्टोर और स्टॉक रजिस्टर में इसकी हमेशा कमी पाई जाती है और बाद में कर्मचारियों से इसकी वसूली की जाती है. पत्र में गुहार की गई है कि सभी पीठासीन अधिकारियों को निर्देश दिए जाए कि वह कोर्ट के सामान को घर ना लेकर जाए. इसके अलावा जो अधिकारी अब तक सामान घर ले जा चुके हैं, उन्हें तुरंत लौटाए.

जयपुर. राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ की जिला शाखा जयपुर ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर निचली अदालतों के पीठासीन अधिकारियों पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं. कर्मचारी संघ का कहना है कि न्यायालय के उपयोग के लिए खरीदे गए सामान को पीठासीन अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग कर व्यक्तिगत उपयोग के लिए अपने घर ले जाते हैं.

मुख्य न्यायाधीश को भेजे पत्र में कहा गया है कि न्यायालय के प्रशासन की ओर से समय-समय पर सोफा, कूलर, अलमारियां, टेबल, कुर्सी और घड़ी आदि सामान कोर्ट के लिए खरीदे जाते हैं. इन सामान को अदालतों के पीठासीन अधिकारी अपने पद, प्रभाव और नियंत्रण की शक्तियों का दुरुपयोग कर अपने घर ले जाते हैं, जबकि उन्हें घर की साज-सज्जा और फर्नीचर के लिए हर पांच साल में एक लाख रुपए दिए जाते हैं.

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पत्र में कहा गया कि संबंधित पीठासीन अधिकारी का तबादला होने के बाद भी कोर्ट के इस सामान को लौटाया नहीं जाता, जिसके चलते स्टोर और स्टॉक रजिस्टर में इसकी हमेशा कमी पाई जाती है और बाद में कर्मचारियों से इसकी वसूली की जाती है. पत्र में गुहार की गई है कि सभी पीठासीन अधिकारियों को निर्देश दिए जाए कि वह कोर्ट के सामान को घर ना लेकर जाए. इसके अलावा जो अधिकारी अब तक सामान घर ले जा चुके हैं, उन्हें तुरंत लौटाए.

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