जयपुर. दिनेश कुमार यादव जयपुर संभाग का पदभार संभाल लिया है और अपनी पहली प्राथमिकता गिनाते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोरोना संकट से निपटना और ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड को लेकर जागरूकता फैलाना उनकी पहली प्राथमिकता रहेगी. उन्होंने कहा कि इस संकट की घड़ी में ऑक्सीजन की सप्लाई निर्बाध रूप से होनी चाहिए और अधिकारियों को इसके लिए निर्देश दिए गए हैं. दिनेश कुमार यादव ने कहा कि कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है और आज विकट परिस्थितियां है. कोरोना संकट से निपटने के लिए लगातार प्रशासनिक बैठकों का दौर चल रहा है. कोरोना संक्रमण कम हो और पॉजिटिव मरीजों को मेडिकल की सुविधाएं आसानी से मिले, इस पर मंथन चल रहा है.
दिनेश कुमार यादव ने कहा कि बुधवार को पदभार संभालने के बाद सभी जिलों के कलेक्टर और पुलिस अधिकारियों से कोरोना के संक्रमण को कम करने को लेकर चर्चा भी की. यह प्रयास भी किया जा रहा है कि कोविड-19 मरीजों के लिए कोविड-19 सेंटर बनाए जाए, जहां एसिंप्टोमेटिक मरीजों को रखा जाए. कोविड संक्रमित मरीजों को ऑक्सीजन निर्बाध रूप से मिले, इसके भी प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि फिलहाल संभाग के 4 जिलों सीकर, झुंझुनू, अलवर और दौसा में ऑक्सीजन को लेकर स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन जयपुर जिले में इसे लेकर संकट हो सकता है. इस समस्या से निपटने के लिए सीनियर आईएएस अधिकारियों को लगाया गया है.
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शादियों में कोरोना प्रोटोकॉल को लेकर दिनेश कुमार यादव ने कहा कि शहरी क्षेत्र में लोग जागरूक हैं और शादियों में कोविड-19 प्रोटोकॉल की पालना कर रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति ठीक नहीं है. वहां शादियों में अधिक भीड़ आ रही है. ग्रामीण क्षेत्र में कोविड प्रोटोकॉल के लिए लोगों को जागरूक करना आवश्यक है और इसके लिए जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से चर्चा भी की गई है. उन्हें कहा गया है कि वह पंचायत स्तर पर लोगों को कोविड प्रोटोकॉल की पालना के लिए जागरूक करें. रेमडेसिविर इंजेक्शन कोविड-19 मरीजों के लिए महत्वपूर्ण है और इसकी कालाबाजारी को लेकर दिनेश कुमार यादव ने कहा कि इंजेक्शन की कालाबाजारी को रोकने के लिए मेडिकल और प्रशासनिक टीमें बनाई गई है. पुलिस भी इसमें अच्छा काम कर रही हैय कुछ मामलों में कार्रवाई भी की गई है और यदि भविष्य में इस तरह के मामले आते हैं, तो निश्चित तौर पर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.