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कोरोना काल में भी कम नहीं हुआ रेलवे का राजस्व, 8 महीने में 385 करोड़ का Revenue प्राप्त

कोरोना काल में भी उत्तर-पश्चिम रेलवे के जयपुर मंडल ने राजस्व (Revenue) प्राप्ति में उपलब्धि हासिल की है. पिछले साल की तुलना में इस साल साढे 8 महीने में 385 करोड़ का रेवेन्यू प्राप्त किया है.

North Western Railway, Jaipur news
जयपुर मंडल ने राजस्व प्राप्ति में उपलब्धि
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Published : Dec 20, 2020, 8:37 PM IST

जयपुर. कोरोना के चलते देशभर में सभी उद्योग-धंधे प्रभावित हुए. सरकारी विभागों में भी राजस्व के लक्ष्य प्राप्त नहीं हो पाए, लेकिन कोरोना काल मे उत्तर पश्चिम रेलवे का राजस्व कम नहीं हुआ. उत्तर-पश्चिम रेलवे के जयपुर मंडल ने पिछले साल की तुलना में इस बार साढ़े 8 महीने में ही 385 करोड़ रुपए की आय प्राप्त की है. ये जयपुर मंडल रेलवे ने कोरोना काल में एक विशेष उपलब्धि प्राप्त की है.

जयपुर मंडल ने राजस्व प्राप्ति में उपलब्धि

कोरोना महामारी के चलते यात्रियों की संख्या कम देखी जाने लगी. ऐसे में रेलवे के सामने रेवेन्यू जेनरेट करना एक चुनौती बन गया था. जयपुर रेलवे प्रशासन ने माल भाड़ा ट्रेनों की स्पीड बढ़ाकर ट्रेनों की संख्या भी बढाई है. जिससे जयपुर से मालभाड़ा का आवागमन ज्यादा से ज्यादा कर पिछले साल की तुलना में इस साल साढ़े 8 महीने में 385 करोड़ का रेवेन्यू प्राप्त किया है, जो कि पिछले साल की तुलना में ज्यादा है. इसके लिए जयपुर मंडल डीआरएम ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी है.

रेलवे के अधिकारियों की मानें तो जयपुर मंडल डीआरएम मंजूषा जैन के नेतृत्व में ये उपलब्धि प्राप्त की गई है. उत्तर-पश्चिम रेलवे के जयपुर मंडल रेलवे ने पिछले साल की तुलना में इस साल रेवेन्यू साढ़े 8 महीने में पूरा कर उपलब्धि प्राप्त की है. माल भाड़ा में जयपुर मंडल ने पिछले साल साढे 8 महीने में 275 करोड़ रुपए की आय प्राप्त की थी, लेकिन इस साल वैश्विक महामारी कोरोना के चलते भी जयपुर रेलवे ने इस साल में साढ़े 8 महीने में 385 करोड़ रुपए की आय प्राप्त की है.

पिछले पूरे साल 378 करोड़ रुपए आय प्राप्त हुई थी, जबकि कुल आय की बात की जाए तो इसमें अभी पीछे हैं. जयपुर मंडल पर 70 से 75 प्रतिशत हिस्सा आय कोच ट्रेनों के चलने से होती है. कोच ट्रेने लाॅकडाउन में बंद होने के कारण अनलाॅकडाउन में धीरे-धीरे ट्रेनों की संख्या बढाने लगे. जयपुर स्टेशन पर प्रतिदिन 80 ट्रेनों का संचालन होने लगा है. पूरा कैटरिंग स्टाॅल्स, पूरी पैसेंजर के आवागमन भी खोल दिया गया है. पहले की तरह जयपुर रेलवे स्टेशन पर माहौल बनने लगा है. स्टेशन पर यात्रियों को कोरोना गाइडलाइन की पालना में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के साथ प्रवेश दिया जा रहा है. अब स्टेशन पर भीड़ बढने लगी है. आने वाले नए साल में भी कुछ और नई ट्रेने चलाई जा सकती है. जो कि यात्रियों की स्ट्रेंथ देखकर बढाया जाएगा.

यह भी पढ़ें. क्रिसमस और नववर्ष पर गोवा जाना जेब पर पड़ेगा भारी, जैसलमेर के लिए सीधी फ्लाइट नहीं

अब जयपुर रेलवे स्टेशन पर 80 ट्रेनों का आवागमन होने से कुछ ऐसी शिकायतें भी मिल रही है कि कुछ युवा वर्ग में सीनियर सिटीजन की टिकट लेकर ट्रेनों में यात्रा कर रहे है. ऐसी शिकयते मिलने से जयपुर मंडल की वाणिज्य शाखा ने सुपरवाइजर और अधिकारियों की विशेष टीम गठित की है. ये टीम जयपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों और सेक्शन में जाकर टिकट चेकिंग कर रही है. जिससे ये पता चल सके, किस ट्रेन में ऐसी गतिविधिया चल रही या नहीं. जिससे रेलवे को घाटा होने से बचाया जा सके.

कुछ स्टेशनों पर ट्रेनों के ठहराव नहीं होने से चेन पुलिंग होने की घटना भी सामने आ रही है. इसको रोकने के लिए भी रेलवे सुरक्षा बल के साथ मिलकर एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है. जिससे ट्रेनों में चेन पुलिंग होने से रोका जा सके.

जयपुर. कोरोना के चलते देशभर में सभी उद्योग-धंधे प्रभावित हुए. सरकारी विभागों में भी राजस्व के लक्ष्य प्राप्त नहीं हो पाए, लेकिन कोरोना काल मे उत्तर पश्चिम रेलवे का राजस्व कम नहीं हुआ. उत्तर-पश्चिम रेलवे के जयपुर मंडल ने पिछले साल की तुलना में इस बार साढ़े 8 महीने में ही 385 करोड़ रुपए की आय प्राप्त की है. ये जयपुर मंडल रेलवे ने कोरोना काल में एक विशेष उपलब्धि प्राप्त की है.

जयपुर मंडल ने राजस्व प्राप्ति में उपलब्धि

कोरोना महामारी के चलते यात्रियों की संख्या कम देखी जाने लगी. ऐसे में रेलवे के सामने रेवेन्यू जेनरेट करना एक चुनौती बन गया था. जयपुर रेलवे प्रशासन ने माल भाड़ा ट्रेनों की स्पीड बढ़ाकर ट्रेनों की संख्या भी बढाई है. जिससे जयपुर से मालभाड़ा का आवागमन ज्यादा से ज्यादा कर पिछले साल की तुलना में इस साल साढ़े 8 महीने में 385 करोड़ का रेवेन्यू प्राप्त किया है, जो कि पिछले साल की तुलना में ज्यादा है. इसके लिए जयपुर मंडल डीआरएम ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी है.

रेलवे के अधिकारियों की मानें तो जयपुर मंडल डीआरएम मंजूषा जैन के नेतृत्व में ये उपलब्धि प्राप्त की गई है. उत्तर-पश्चिम रेलवे के जयपुर मंडल रेलवे ने पिछले साल की तुलना में इस साल रेवेन्यू साढ़े 8 महीने में पूरा कर उपलब्धि प्राप्त की है. माल भाड़ा में जयपुर मंडल ने पिछले साल साढे 8 महीने में 275 करोड़ रुपए की आय प्राप्त की थी, लेकिन इस साल वैश्विक महामारी कोरोना के चलते भी जयपुर रेलवे ने इस साल में साढ़े 8 महीने में 385 करोड़ रुपए की आय प्राप्त की है.

पिछले पूरे साल 378 करोड़ रुपए आय प्राप्त हुई थी, जबकि कुल आय की बात की जाए तो इसमें अभी पीछे हैं. जयपुर मंडल पर 70 से 75 प्रतिशत हिस्सा आय कोच ट्रेनों के चलने से होती है. कोच ट्रेने लाॅकडाउन में बंद होने के कारण अनलाॅकडाउन में धीरे-धीरे ट्रेनों की संख्या बढाने लगे. जयपुर स्टेशन पर प्रतिदिन 80 ट्रेनों का संचालन होने लगा है. पूरा कैटरिंग स्टाॅल्स, पूरी पैसेंजर के आवागमन भी खोल दिया गया है. पहले की तरह जयपुर रेलवे स्टेशन पर माहौल बनने लगा है. स्टेशन पर यात्रियों को कोरोना गाइडलाइन की पालना में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के साथ प्रवेश दिया जा रहा है. अब स्टेशन पर भीड़ बढने लगी है. आने वाले नए साल में भी कुछ और नई ट्रेने चलाई जा सकती है. जो कि यात्रियों की स्ट्रेंथ देखकर बढाया जाएगा.

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अब जयपुर रेलवे स्टेशन पर 80 ट्रेनों का आवागमन होने से कुछ ऐसी शिकायतें भी मिल रही है कि कुछ युवा वर्ग में सीनियर सिटीजन की टिकट लेकर ट्रेनों में यात्रा कर रहे है. ऐसी शिकयते मिलने से जयपुर मंडल की वाणिज्य शाखा ने सुपरवाइजर और अधिकारियों की विशेष टीम गठित की है. ये टीम जयपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों और सेक्शन में जाकर टिकट चेकिंग कर रही है. जिससे ये पता चल सके, किस ट्रेन में ऐसी गतिविधिया चल रही या नहीं. जिससे रेलवे को घाटा होने से बचाया जा सके.

कुछ स्टेशनों पर ट्रेनों के ठहराव नहीं होने से चेन पुलिंग होने की घटना भी सामने आ रही है. इसको रोकने के लिए भी रेलवे सुरक्षा बल के साथ मिलकर एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है. जिससे ट्रेनों में चेन पुलिंग होने से रोका जा सके.

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