जयपुर. जन अनुशासन पखवाड़े के दौरान जिले में भीड़-भाड़ वाले किसी भी प्रकार के आयोजन पर पूर्णतया रोक है. इसी को लेकर जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने दिशा-निर्देशों की शत प्रतिशत पालना करने के आदेश दिए हैं. नेहरा ने जन अनुशासन पखवाड़ा की गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर IPC की धारा में कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.
पुलिस, राजस्व एवं पंचायती राज अधिकारियों को संबोधित करते हुए आदेश में नेहरा ने कहा है कि कोरोना के संक्रमण की वर्तमान स्थितियों को देखते हुए विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र में सार्वजनिक, सामूहिक, व्यक्तिगत स्तर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम जैसे प्रसादी, मेला, सवामणी, धार्मिक उत्सव, भजन संध्या, जन्म दिवस पार्टी इत्यादि के आयोजन नहीं होने पाएं. प्रदेश और जिले में ऐसे सभी आयोजनों पर पूर्णतया रोक है. उन्होंने इन कार्यक्रमों के आयोजनों की पूर्व सूचना के लिए सूचना तंत्र को मजबूत करने के निर्देश दिए और इसके लिए ग्राम पंचायत स्तर पर गठित ‘कोर ग्रुप' से सहयोग लेने को कहा है.
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इस कोर ग्रुप में स्थानीय प्रधानाध्यापक, पटवारी, ग्राम सेवक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शामिल हैं. साथ ही आशा सहयोगिनी, एएनएम आदि सदस्यों को सक्रिय करने के लिए निर्देश दिए. उन्होंने क्षेत्र विशेष में भीड़ एकत्रित होने वाले संभावित कार्यक्रमों के संबंध में उस क्षेत्र में निवास करने वाले सरकारी कर्मचारी, क्षेत्रीय हलका पटवारी और ग्राम सेवक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी, एनएनएम आदि सदस्यों को आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की सूचना समय पूर्व संबंधित उपखंड अधिकारी और थानाधिकारी को देने के निर्देश दिए हैं. नेहरा ने चेताया कि यदि ऐसे भीड़-भाड़ वाले कार्यक्रमों की सूचना इन कार्मिकों की ओर से समय पूर्व नहीं दी जाएगी और कोई बड़ा आयोजन हो जाता है तो उनके विरूद्ध अनुशाासनात्मक कार्रवाई को अमल में लाई जाएगी.
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जिला कलेक्टर ने निर्देश दिया कि कोर ग्रुप की ओर से भीड़ जमा वाले संभावित कार्यक्रम की सूचना संबंधित उपखंड अधिकारी और थानाधिकारी को दिए जाने के साथ ही कार्यक्रम आयोजकों को समझाइश कर ऐसे कार्यक्रमों को आयोजित नहीं होने दिया जाए. साथ ही 'नो मास्क नो मूवमेंट' की सख्ती से पालना की जाए और इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन की सख्त अनुपालना करवाई जाए. नेहरा ने जन अनुशासन पखवाड़ा की गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर आईपीसी की धारा 188, आपदा प्रबन्धन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60 और राजस्थान महामारी अधिनियम 2020 के अंतर्गत कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.