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गोविन्द देव जी मंदिर के महंत और उनके पुत्र के खिलाफ जांच के आदेश

जयपुर के अराध्य माने जाने वाले गोविंद देव जी मंदिर के महंत अंजन कुमार गोस्वामी और उनके पुत्र मानस के खिलाफ जयपुर के मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट ने जांच के आदेश दिए हैं. पढ़ें विस्तृत खबर...

Mahant Anjan kumar, गोविंद देवजी मंदिर
inquiry against Mahant and his son of Govind Dev ji temple
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Published : Jan 30, 2020, 9:03 PM IST

जयपुर. मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट ने कूटरचित दस्तावेज बनाने को लेकर गोविन्ददेव मंदिर के महंत अंजन कुमार गोस्वामी और उनके पुत्र मानस कुमार गोस्वामी के खिलाफ माणक चौक थाना पुलिस को जांच कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है. अदालत ने यह आदेश ओथेश कुमार गोस्वामी के परिवाद पर दिए.

परिवादी ओथेश कुमार गोस्वामी

परिवाद में कहा गया कि उनके भाई अंजन कुमार ने अपने आप को मंदिर का एकल प्रन्यासी घोषित करवाने के लिए अदालत में प्रार्थना पत्र पेश कर रखा है. जो अभी विचाराधीन चल रहा है. इसके अलावा अदालत या देवस्थान विभाग ने उन्हें एकल प्रन्यासी घोषित नहीं है. इसलिए अंजन कुमार और परिवादी मंदिर सेवारत के पद पर बराबर हक रखते हैं और समान रूप से सेवादार हैं.

पढ़ेंः राजस्थान रॉयल्स के मैच बाहर कराने का मामला, हाईकोर्ट की टिप्पणी- IPL केवल पैसे कमाने के लिए नहीं...

इसके बावजूद अंजन कुमार ने आमजन को ठगने के लिए अपने आप को एकल प्रन्यासी बता रखा है और अपने पुत्र मानस के साथ मिलकर फर्जी तरीके से मोहर, लेटरपेड और अन्य प्रचार सामग्री बनवा रखी है. इसके अलावा फर्जी तरीके से मानस को अपना उत्तराधिकारी व मंदिर का प्रबंधक नियुक्त कर रखा है.

पढ़ेंः धौलपुर में बजरी माफिया और पुलिस के बीच मुठभेड़, गोली लगने से 14 साल के किशोर की मौत

परिवाद में कहा गया कि मंदिर में आने वाले करोड़ों रुपए के दान और चढ़ावे को हड़पने की नियत से दोनों पिता-पुत्र ने यह कार्रवाई की है. उनकी ओर से अदालत और देवस्थान में भी कूटरचित दस्तावेज पेश किए गए हैं. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने माणक चौक थाना पुलिस को जांच के आदेश दिए हैं.

जयपुर. मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट ने कूटरचित दस्तावेज बनाने को लेकर गोविन्ददेव मंदिर के महंत अंजन कुमार गोस्वामी और उनके पुत्र मानस कुमार गोस्वामी के खिलाफ माणक चौक थाना पुलिस को जांच कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है. अदालत ने यह आदेश ओथेश कुमार गोस्वामी के परिवाद पर दिए.

परिवादी ओथेश कुमार गोस्वामी

परिवाद में कहा गया कि उनके भाई अंजन कुमार ने अपने आप को मंदिर का एकल प्रन्यासी घोषित करवाने के लिए अदालत में प्रार्थना पत्र पेश कर रखा है. जो अभी विचाराधीन चल रहा है. इसके अलावा अदालत या देवस्थान विभाग ने उन्हें एकल प्रन्यासी घोषित नहीं है. इसलिए अंजन कुमार और परिवादी मंदिर सेवारत के पद पर बराबर हक रखते हैं और समान रूप से सेवादार हैं.

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इसके बावजूद अंजन कुमार ने आमजन को ठगने के लिए अपने आप को एकल प्रन्यासी बता रखा है और अपने पुत्र मानस के साथ मिलकर फर्जी तरीके से मोहर, लेटरपेड और अन्य प्रचार सामग्री बनवा रखी है. इसके अलावा फर्जी तरीके से मानस को अपना उत्तराधिकारी व मंदिर का प्रबंधक नियुक्त कर रखा है.

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परिवाद में कहा गया कि मंदिर में आने वाले करोड़ों रुपए के दान और चढ़ावे को हड़पने की नियत से दोनों पिता-पुत्र ने यह कार्रवाई की है. उनकी ओर से अदालत और देवस्थान में भी कूटरचित दस्तावेज पेश किए गए हैं. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने माणक चौक थाना पुलिस को जांच के आदेश दिए हैं.

Intro:बाईट - परिवादी ओथेश कुमार गोस्वामी

जयपुर। मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट ने कूटरचित दस्तावेज बनाने को लेकर गोविन्ददेव मंदिर के महंत अंजन कुमार गोस्वामी और उनके पुत्र मानस कुमार गोस्वामी के खिलाफ माणक चौक थाना पुलिस को जांच कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है। अदालत ने यह आदेश ओथेश कुमार गोस्वामी के परिवाद पर दिए।Body:परिवाद में कहा गया कि उनके भाई अंजन कुमार ने अपने आप को मंदिर का एकल प्रन्यासी घोषित करवाने के लिए अदालत में प्रार्थना पत्र पेश कर रखा है। जो अभी विचाराधीन चल रहा है। इसके अलावा अदालत या देवस्थान विभाग ने उन्हें एकल प्रन्यासी घोषित नहीं है। इसलिए अंजन कुमार और परिवादी मंदिर सेवारत के पद पर बराबर हक रखते हैं और समान रूप से सेवादार हैं। इसके बावजूद अंजन कुमार ने आमजन को ठगने के लिए अपने आप को एकल प्रन्यासी बता रखा है और अपने पुत्र मानस के साथ मिलकर फर्जी तरीके से मोहर, लेटरपेड और अन्य प्रचार सामग्री बनवा रखी है। इसके अलावा फर्जी तरीके से मानस को अपना उत्तराधिकारी व मंदिर का प्रबंधक नियुक्त कर रखा है। परिवाद में कहा गया कि मंदिर में आने वाले करोडों रुपए के दान और चढ़ावे को हडपने की नियत से दोनों पिता-पुत्र ने यह कार्रवाई की है। उनकी ओर से अदालत और देवस्थान में भी कूटरचित दस्तावेज पेश किए गए हैं। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने माणक चौक थाना पुलिस को जांच के आदेश दिए हैं। Conclusion:
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