जयपुर. मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट ने कूटरचित दस्तावेज बनाने को लेकर गोविन्ददेव मंदिर के महंत अंजन कुमार गोस्वामी और उनके पुत्र मानस कुमार गोस्वामी के खिलाफ माणक चौक थाना पुलिस को जांच कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है. अदालत ने यह आदेश ओथेश कुमार गोस्वामी के परिवाद पर दिए.
परिवाद में कहा गया कि उनके भाई अंजन कुमार ने अपने आप को मंदिर का एकल प्रन्यासी घोषित करवाने के लिए अदालत में प्रार्थना पत्र पेश कर रखा है. जो अभी विचाराधीन चल रहा है. इसके अलावा अदालत या देवस्थान विभाग ने उन्हें एकल प्रन्यासी घोषित नहीं है. इसलिए अंजन कुमार और परिवादी मंदिर सेवारत के पद पर बराबर हक रखते हैं और समान रूप से सेवादार हैं.
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इसके बावजूद अंजन कुमार ने आमजन को ठगने के लिए अपने आप को एकल प्रन्यासी बता रखा है और अपने पुत्र मानस के साथ मिलकर फर्जी तरीके से मोहर, लेटरपेड और अन्य प्रचार सामग्री बनवा रखी है. इसके अलावा फर्जी तरीके से मानस को अपना उत्तराधिकारी व मंदिर का प्रबंधक नियुक्त कर रखा है.
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परिवाद में कहा गया कि मंदिर में आने वाले करोड़ों रुपए के दान और चढ़ावे को हड़पने की नियत से दोनों पिता-पुत्र ने यह कार्रवाई की है. उनकी ओर से अदालत और देवस्थान में भी कूटरचित दस्तावेज पेश किए गए हैं. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने माणक चौक थाना पुलिस को जांच के आदेश दिए हैं.