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जिला कलेक्टर द्वारा नगर निगम को दिया गया निर्देश

नगर निगम के बाढ़ नियंत्रण कक्ष में मिट्टी के कट्टों को लेकर चल रही गड़बड़ियों को लेकर जिला प्रशासन अब सख्त हो गया है. जिला प्रशासन ने नगर निगम से ढाई लाख मिट्टी के कट्टों के उपयोग के बारे में पूरी जानकारी मांगी है. साथ ही जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने गड़बड़ियों को लेकर नगर निगम निर्देश दिए हैं कि कट्टों में पर्याप्त मात्रा में मिट्टी भरी जाए, उसमें मलबा न हो.

Collector instructions to Municipal Corporation, Review meeting at Jaipur Collectorate
जयपुर कलेक्टर ने नगर निगम को दिए निर्देश
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Published : Aug 25, 2020, 6:34 PM IST

जयपुर. जिला कलेक्ट्रेट में सोमवार को हुई समीक्षा बैठक में मिट्टी के कट्टों का मुद्दा छाया रहा. नगर निगम का दावा है कि जयपुर शहर में हुई बारिश के दौरान ढाई लाख मिट्टी के कट्टों का उपयोग किया गया. इस पर जिला कलेक्टर ने निगम अधिकारियों से ढाई लाख कट्टों की पूरी जानकारी मांगी है. उन्होंने कहा कि ढाई लाख कट्टों का उपयोग कहां-कहां और किस तरह किया गया, इसकी पूरी जानकारी जिला प्रशासन को दी जाए.

जयपुर कलेक्टर ने निगम को दिए निर्देश

जिला प्रशासन के कंट्रोल रूम में इस तरह की शिकायतें भी आई थी कि लोगों के पास जो मिट्टी के कट्टे पहुंच रहे हैं, उनमें गड़बड़ी की जा रही है. कट्टों में मिट्टी के बजाय मलबा भेजा जा रहा है. जिला प्रशासन का कहना है कि जहां मिट्टी के कट्टे पहुंचने चाहिए थे, वहां पहुंचे ही नहीं. यही मामला जिला कलेक्टर ने बैठक में उठाया था.

पढ़ें- सभी धड़ों को साधते हुए बनानी होगी डोटासरा को नई कार्यकारिणी, कार्यकारी अध्यक्ष का फार्मूला भी हो सकता है लागू

जयपुर शहर में हुई तेज बारिश के बाद मिट्टी के कट्टों की डिमांड भी बढ़ गई. ऐसे में ठेकेदारों ने मिट्टी के कट्टों में घपला करना शुरू कर दिया. कट्टों में मलबा भरकर भेजा जा रहा है, कट्टों में आधी मिट्टी भरी जा रही है. सोमवार को समीक्षा बैठक में नगर निगम के अधिकारियों ने जिला कलेक्टर को बताया कि जयपुर शहर में भारी बारिश के चलते ढाई लाख कट्टे लोगों की सहायता के लिए भेजे गए हैं. जिला कलेक्टर ने बैठक में कहा कि आम जनता की सहायता के लिए कट्टे भेज रहे हैं, तो लोगों तक यह कट्टे पहुंचे क्यों नहीं रहे.

पढ़ें- भरतपुर में नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म, रिश्तेदार ने साथियों के साथ मिलकर की हैवानियत

कलेक्टर अंतर सिंह ने कहा कि निगम अधिकारियों से वर्तमान में कट्टों की स्थिति भी मांगी गई है, ताकि अगर जयपुर में भारी बारिश हो तो इसका उपयोग किया जा सके. जिला कलेक्टर ने कहा कि कट्टों में मिट्टी की बजाए मलबा भरने की शिकायत अभी तक मेरे पास नहीं आई है.

इसके लिए नगर निगम सीईओ को कहा गया है कि कट्टों में पर्याप्त मिट्टी भरी जाए, उसमें मलबा नहीं हो. वहीं, कार्रवाई को लेकर उन्होंने कहा कि इस संबंध में कार्रवाई नगर निगम को ही करनी है, क्योंकि निगम ही उसका भुगतान करता है. हम इसकी सूचना नगर निगम को दे देंगे और वे ही जांच कर कार्रवाई करेंगे.

जयपुर. जिला कलेक्ट्रेट में सोमवार को हुई समीक्षा बैठक में मिट्टी के कट्टों का मुद्दा छाया रहा. नगर निगम का दावा है कि जयपुर शहर में हुई बारिश के दौरान ढाई लाख मिट्टी के कट्टों का उपयोग किया गया. इस पर जिला कलेक्टर ने निगम अधिकारियों से ढाई लाख कट्टों की पूरी जानकारी मांगी है. उन्होंने कहा कि ढाई लाख कट्टों का उपयोग कहां-कहां और किस तरह किया गया, इसकी पूरी जानकारी जिला प्रशासन को दी जाए.

जयपुर कलेक्टर ने निगम को दिए निर्देश

जिला प्रशासन के कंट्रोल रूम में इस तरह की शिकायतें भी आई थी कि लोगों के पास जो मिट्टी के कट्टे पहुंच रहे हैं, उनमें गड़बड़ी की जा रही है. कट्टों में मिट्टी के बजाय मलबा भेजा जा रहा है. जिला प्रशासन का कहना है कि जहां मिट्टी के कट्टे पहुंचने चाहिए थे, वहां पहुंचे ही नहीं. यही मामला जिला कलेक्टर ने बैठक में उठाया था.

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जयपुर शहर में हुई तेज बारिश के बाद मिट्टी के कट्टों की डिमांड भी बढ़ गई. ऐसे में ठेकेदारों ने मिट्टी के कट्टों में घपला करना शुरू कर दिया. कट्टों में मलबा भरकर भेजा जा रहा है, कट्टों में आधी मिट्टी भरी जा रही है. सोमवार को समीक्षा बैठक में नगर निगम के अधिकारियों ने जिला कलेक्टर को बताया कि जयपुर शहर में भारी बारिश के चलते ढाई लाख कट्टे लोगों की सहायता के लिए भेजे गए हैं. जिला कलेक्टर ने बैठक में कहा कि आम जनता की सहायता के लिए कट्टे भेज रहे हैं, तो लोगों तक यह कट्टे पहुंचे क्यों नहीं रहे.

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कलेक्टर अंतर सिंह ने कहा कि निगम अधिकारियों से वर्तमान में कट्टों की स्थिति भी मांगी गई है, ताकि अगर जयपुर में भारी बारिश हो तो इसका उपयोग किया जा सके. जिला कलेक्टर ने कहा कि कट्टों में मिट्टी की बजाए मलबा भरने की शिकायत अभी तक मेरे पास नहीं आई है.

इसके लिए नगर निगम सीईओ को कहा गया है कि कट्टों में पर्याप्त मिट्टी भरी जाए, उसमें मलबा नहीं हो. वहीं, कार्रवाई को लेकर उन्होंने कहा कि इस संबंध में कार्रवाई नगर निगम को ही करनी है, क्योंकि निगम ही उसका भुगतान करता है. हम इसकी सूचना नगर निगम को दे देंगे और वे ही जांच कर कार्रवाई करेंगे.

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