जयपुर. मुख्यमंत्री आशोक गहलोत की अध्यक्षता में श्रम विभाग और कौशल विकास की योजनाओं की समीक्षा बैठक हुई. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अधिकाधिक अवसर मिल सके. इसके लिए राज्य में कौशल विकास को बेहतर बनाया जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि समय के अनुसार उद्योगों की मांग बदली है. ऐसे में उनकी आवश्यकता के अनुरूप कौशल विकास के नए प्रशिक्षण कार्यक्रम बनाया जाए.
बता दें कि मुख्यमंत्री ने इस दौरान ये भी कहा कि ऐसा वेब पोर्टल तैयार किया जाए, जो उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप कुशल श्रमिकों की मांग पूरी करने में सहायक हो. उन्होंने कहा कि केवल परम्परागत पाठ्यक्रमों के आधार पर बाजार की मांग को पूरा नहीं किया जा सकता. हमें उद्यमियों के साथ समन्वय कर ऐसे स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करने होंगे, जो युवाओं का कौशल विकास कर उन्हें रोजगार के लिए तैयार कर सके.
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समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में संचालित ऐसे निजी क्षेत्र के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) जो मापदण्डों को पूरा नहीं करते. उसे चिह्नित कर उनके विरूद्ध आवश्यक कार्रवाई की जाए, ताकि विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं हो. उन्होंने कहा कि शिक्षकों और विद्यार्थियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए सरकारी आईटीआई के साथ-साथ निजी क्षेत्र के आईटीआई में भी बायोमैट्रिक व्यवस्था और सीसीटीवी कैमरों को अनिवार्य करने पर विचार किया जाए.
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जानकारी के अनुसार श्रम विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए गहलोत ने भवन और अन्य संनिर्माण श्रमिक अधिनियम के तहत श्रमिकों के कल्याण के लिए संचालित योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक पहुंचाने के निर्देश दिए है. उन्होंने कहा कि इन योजनाओं को बेहतर बनाया जाए ताकि, जरूरतमंदों को समय पर इन योजनाओं का लाभ मिल सके.