जयपुर. कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए देश में लॉकडाउन कर रखा है. हालांकि कुछ क्षेत्र ऐसे हैं, जहां आज से मॉडिफाइड लॉकडाउन लागू हुआ है, तो वहीं कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां कर्फ्यू लगा हुआ है. इस लॉकडाउन और कर्फ्यू के बीच शहरवासियों की जिंदगी भी पूरी तरह बदल सी गई है. जो लोग काम के सिलसिले और घूमने-फिरने में अमूमन घर से बाहर रहा करते थे, वो पूरी तरह घरों में कैद हो गए हैं. ऐसे में घरों में रहने वाले लोगों की आम दिनचर्या में भी कई बदलाव आए हैं. इन्हीं बदलाव में शामिल है उनका मोबाइल, गैजेट्स और टेलीविजन से ऊब जाना.
बच्चे भूले गैजेट की दुनिया
राजधानी जयपुर में कई परिवार ऐसे हैं, जहां बच्चों ने गैजेट की दुनिया से बाहर निकल कर पुराने खेलों का रुख किया है. ईटीवी भारत कंवर नगर में रहने वाले एक परिवार के पास पहुंचा. जहां बच्चे मोबाइल गेम्स और वीडियो गेम्स छोड़कर लूडो, कैरम, बैडमिंटन और शतरंज जैसे गेम खेलते दिखे. इस संबंध में जब उनसे पूछा तो उन्होंने बताया कि अब मोबाइल गेम्स से बोरियत होने लगी है. ऐसे में घर के दूसरे बच्चों के साथ मम्मी-पापा के जमाने के गेम्स खेल रहे हैं. यही नहीं घर के बड़े भी अपने रोजमर्रा का काम खत्म कर बच्चों के साथ खेलकर समय बिता रहे हैं.
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जो आनंद शतरंज में है वो गैजेट्स में नहीं
घर के बड़े सदस्यों ने बताया कि लॉकडाउन में पूरे दिन घर पर ही रहना होता है. ऐसे में उन्होंने भी अपनी पुरानी शतरंज को निकालकर खेलना शुरू कर दिया है. वाकई, संकट की इस घड़ी में लोगों को भी ये समझ में आ रहा है कि घंटों मोबाइल पर समय बिताने में भी वो मजा नहीं है, जो पुराने खेलों में था. यही वजह है कि अब घर के बच्चे हो या बड़े सभी परिवार के साथ रहकर और उनके साथ खेलकर एंजॉय कर रहे हैं.