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LOCKDOWN: जयपुर प्रशासन ने शुरू की निशुल्क हेल्पलाइन सेवा 'शेयरिंग केयरिंग'

कोरोना संक्रमण से हर कोई जूझ रहा है, ऐसे में जयपुर के जिला प्रशासन ने एक सराहनीय कदम उठाते हुए एक निशुल्क हेल्पलाइन सेवा 'शेयरिंग केयरिंग' की शुरुआत की है, इससे वरिष्ठ नागरिकों को सहायता मिलेगी. इसकी शुरुआत शुक्रवार को जिला कलेक्टर डाॅ. जोगाराम ने शुक्रवार को कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की.

जयपुर की खबर, jaipur news
निशुल्क हेल्पलाइन सेवा 'शेयरिंग केयरिंग' की शुरुआत
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Published : Apr 18, 2020, 3:57 PM IST

जयपुर. जिला प्रशासन ने शुक्रवार से वरिष्ठ नागरिकों को समर्पित निशुल्क हेल्पलाइन सेवा 'शेयरिंग केयरिंग’ की शुरुआत की है, जिसका हेल्पलाइन नं.- 7428518030 पर उपलब्ध रहेगी. यह सेवा जेके लक्ष्मीपत विश्वविद्यालय अजमेर रोड की फैकल्टी, एडमिनिस्ट्रेटिव और विद्यार्थियों के सहयोग से शुरू किया गया है.

यह शहर के ऐसे वरिष्ठ नागरिकों का सहारा बनेगी, जिन्हें इन दिनों शारीरिक अक्षमताओं, संक्रमण के भय, सोशल आइसोलेशन के कारण मनोवैज्ञानिक रूप से भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बुजुर्गों के हित में कार्य करने वाली विभिन्न प्रोफेशनल संस्थाओं का भी इसमें सहयोग लिया जा रहा है. कलेक्टर डाॅ. जोगाराम ने शुक्रवार को कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस हेल्पलाइन सेवा का शुभारम्भ किया.

निशुल्क हेल्पलाइन सेवा 'शेयरिंग केयरिंग' की शुरुआत

कलेक्टर ने बताया कि प्रतिदिन सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक फैकल्टी, स्टाफ, सीनियर छात्र और वॉलेंटियर्स की ओर से संचालित की जाने वाली इस हेल्पलाइन पर न केवल बुजुर्गों की काउंसलिंग की जाएगी, बल्कि उनकी दवा, चिकित्सा, किराना सम्बन्धी आवश्यकताओं को पूरा करवाने का काम किया जाएगा. यह सेवा जिला प्रशासन और समाज की विभिन्न एजेंसियों, आवश्यक सुविधाएं देने वाले व्यवसायिओं और स्वयंसेवी कार्यकर्ताओं के सहयोग से वरिष्ठ नागरिकों के जीवन में आई इस कठिनाई को कम करने में कारगर होगी.

पढ़ें- दर्द ही दर्द...! बेबस पाक विस्थापित फाकाकशी में दिन गुजारने को मजबूर

वहीं, जेके लक्ष्मीपत यूनिवर्सिटी जयपुर के कुलपति डाॅ. रोशन लाल रैना ने बताया कि यह सेवा बिल्कुल निशुल्क है. उन्होंने बताया कि हाल ही में कुछ राज्यों जैसे कि तेलंगाना और महाराष्ट्र ने भी अपने यहां साझेदारी में ऐसी हेल्पलाइन लाॅन्च की हैं. रैना ने बताया कि हेल्पलाइन में भारत में बुजुर्गों के लिए काम करने वाली राष्ट्रव्यापी संस्था 'समर्थ कम्यूनिटी' का भी सहयोग लिया गया है, जो कुल 110 शहरों में जानकारी, मार्गदर्शन और कॉल पर बुजुर्गों की सेवा और सहयोग कर रही है.

हेल्पलाइन से किए जाने वाले प्रमुख कार्य

  • आइसोलेशन के शिकार बुजुर्गों को धैर्यपूर्वक सुनना और वरिष्ठ नागरिकों से सार्थक संवाद करना
  • आवश्यकता होने पर विशेषज्ञों की ओर से परामर्श की व्यवस्था
  • किसी दवाई, रोजमर्रा की जरूरी चीजों की आवश्यकता होने पर प्रशासन की ओर से स्थापित सहायता केन्द्रों अथवा उनके निकटतम मेडिकल स्टोर, किराना स्टोर के माध्यम से पूर्ति करवाना

किस तरह कार्य करेगी हेल्पलाइन 'शेयरिंग केयरिंग'

विश्वविद्यालय में इस हेल्पलाइन के प्रभारी प्रोफेसर डॉ. उमेश गुप्ता ने बताया कि इसमें दो तरह की टीमें संयुक्त रूप से कार्य करेंगी. पहली टीम 'कॉल टीम' होगी, जो दिए गए हेल्पलाइन नं. पर कॉल प्राप्त करेगी, वरिष्ठ नागरिकों की जरूरत या समस्या को समझेगी, उनके साथ संवाद और काउन्सलिंग करेगी और प्रमाणिक स्रोतों से वांछित जानकारी देगी. यदि उन्हें यदि किसी आवश्यक सेवा जैसे दवाइयां, भोजन, चिकित्सक परामर्श की आवश्यकता या तत्काल सहायता चाहिए अधिकृत एजेन्सी को सूचित करेगी.

पढ़ें- VIRAL VIDEO: डॉक्टरों से उलझे नेताजी, थाने में पहुंचा मामला

वहीं, दूसरी टीम 'सेवा प्रदाता टीम' होगी, जो आवश्यक सेवाएं प्रदान करने के लिए अधिकृत सरकारी, निजी एजेंसियों और संस्थानों (प्रशासन की ओर से स्थापित सहायता केंद्र, फार्मेसी, किराने की डिलीवरी, डॉक्टर, परामर्शदाता और ऑनलाइन परामर्श प्रदान करने वाले मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ) के साथ ही ऑनलाइन, ऐप आधारित सेवा प्रदाताओं और स्थानीय दुकानदारों के साथ समन्वय स्थापित करेगी. इसके बाद वह सेवा या सामग्री निशुल्क अथवा निर्धारित दरों पर (स:शुल्क होने की स्थिति में) इन सेवा प्रदाताओं की ओर से बुजुर्गों तक पहुंचा दी जाएगी. साथ ही अधिकृत एजेंसी के साथ फॉलो-अप करना, वरिष्ठ नागरिक को जानकारी देने जैसे कार्य करेगी.

वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से हुई हेल्पलाइन की लांचिंग

हेल्पलाइन के समन्वयक डॉ. उमेश गुप्ता ने जिला कलक्ट्रेट में हेल्पलाइन की शुभारम्भ के कार्यक्रम का आयोजन किया. यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. आरएल रैना, प्रो. आशीष गुप्ता (वीसी), समर्थ संस्थान के सीईओ गौरव अग्रवाल, फैकल्टी स्टाफ कॉन्फ्रेसिंग के जरिए इस कार्यक्रम से जुडे़. इस मौके पर अतिरिक्त जिला कलक्टर द्वितीय और जिला हैल्पलाइन के नोडल अधिकारी पुरूषोत्तम शर्मा भी शामिल हुए.

जयपुर. जिला प्रशासन ने शुक्रवार से वरिष्ठ नागरिकों को समर्पित निशुल्क हेल्पलाइन सेवा 'शेयरिंग केयरिंग’ की शुरुआत की है, जिसका हेल्पलाइन नं.- 7428518030 पर उपलब्ध रहेगी. यह सेवा जेके लक्ष्मीपत विश्वविद्यालय अजमेर रोड की फैकल्टी, एडमिनिस्ट्रेटिव और विद्यार्थियों के सहयोग से शुरू किया गया है.

यह शहर के ऐसे वरिष्ठ नागरिकों का सहारा बनेगी, जिन्हें इन दिनों शारीरिक अक्षमताओं, संक्रमण के भय, सोशल आइसोलेशन के कारण मनोवैज्ञानिक रूप से भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बुजुर्गों के हित में कार्य करने वाली विभिन्न प्रोफेशनल संस्थाओं का भी इसमें सहयोग लिया जा रहा है. कलेक्टर डाॅ. जोगाराम ने शुक्रवार को कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस हेल्पलाइन सेवा का शुभारम्भ किया.

निशुल्क हेल्पलाइन सेवा 'शेयरिंग केयरिंग' की शुरुआत

कलेक्टर ने बताया कि प्रतिदिन सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक फैकल्टी, स्टाफ, सीनियर छात्र और वॉलेंटियर्स की ओर से संचालित की जाने वाली इस हेल्पलाइन पर न केवल बुजुर्गों की काउंसलिंग की जाएगी, बल्कि उनकी दवा, चिकित्सा, किराना सम्बन्धी आवश्यकताओं को पूरा करवाने का काम किया जाएगा. यह सेवा जिला प्रशासन और समाज की विभिन्न एजेंसियों, आवश्यक सुविधाएं देने वाले व्यवसायिओं और स्वयंसेवी कार्यकर्ताओं के सहयोग से वरिष्ठ नागरिकों के जीवन में आई इस कठिनाई को कम करने में कारगर होगी.

पढ़ें- दर्द ही दर्द...! बेबस पाक विस्थापित फाकाकशी में दिन गुजारने को मजबूर

वहीं, जेके लक्ष्मीपत यूनिवर्सिटी जयपुर के कुलपति डाॅ. रोशन लाल रैना ने बताया कि यह सेवा बिल्कुल निशुल्क है. उन्होंने बताया कि हाल ही में कुछ राज्यों जैसे कि तेलंगाना और महाराष्ट्र ने भी अपने यहां साझेदारी में ऐसी हेल्पलाइन लाॅन्च की हैं. रैना ने बताया कि हेल्पलाइन में भारत में बुजुर्गों के लिए काम करने वाली राष्ट्रव्यापी संस्था 'समर्थ कम्यूनिटी' का भी सहयोग लिया गया है, जो कुल 110 शहरों में जानकारी, मार्गदर्शन और कॉल पर बुजुर्गों की सेवा और सहयोग कर रही है.

हेल्पलाइन से किए जाने वाले प्रमुख कार्य

  • आइसोलेशन के शिकार बुजुर्गों को धैर्यपूर्वक सुनना और वरिष्ठ नागरिकों से सार्थक संवाद करना
  • आवश्यकता होने पर विशेषज्ञों की ओर से परामर्श की व्यवस्था
  • किसी दवाई, रोजमर्रा की जरूरी चीजों की आवश्यकता होने पर प्रशासन की ओर से स्थापित सहायता केन्द्रों अथवा उनके निकटतम मेडिकल स्टोर, किराना स्टोर के माध्यम से पूर्ति करवाना

किस तरह कार्य करेगी हेल्पलाइन 'शेयरिंग केयरिंग'

विश्वविद्यालय में इस हेल्पलाइन के प्रभारी प्रोफेसर डॉ. उमेश गुप्ता ने बताया कि इसमें दो तरह की टीमें संयुक्त रूप से कार्य करेंगी. पहली टीम 'कॉल टीम' होगी, जो दिए गए हेल्पलाइन नं. पर कॉल प्राप्त करेगी, वरिष्ठ नागरिकों की जरूरत या समस्या को समझेगी, उनके साथ संवाद और काउन्सलिंग करेगी और प्रमाणिक स्रोतों से वांछित जानकारी देगी. यदि उन्हें यदि किसी आवश्यक सेवा जैसे दवाइयां, भोजन, चिकित्सक परामर्श की आवश्यकता या तत्काल सहायता चाहिए अधिकृत एजेन्सी को सूचित करेगी.

पढ़ें- VIRAL VIDEO: डॉक्टरों से उलझे नेताजी, थाने में पहुंचा मामला

वहीं, दूसरी टीम 'सेवा प्रदाता टीम' होगी, जो आवश्यक सेवाएं प्रदान करने के लिए अधिकृत सरकारी, निजी एजेंसियों और संस्थानों (प्रशासन की ओर से स्थापित सहायता केंद्र, फार्मेसी, किराने की डिलीवरी, डॉक्टर, परामर्शदाता और ऑनलाइन परामर्श प्रदान करने वाले मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ) के साथ ही ऑनलाइन, ऐप आधारित सेवा प्रदाताओं और स्थानीय दुकानदारों के साथ समन्वय स्थापित करेगी. इसके बाद वह सेवा या सामग्री निशुल्क अथवा निर्धारित दरों पर (स:शुल्क होने की स्थिति में) इन सेवा प्रदाताओं की ओर से बुजुर्गों तक पहुंचा दी जाएगी. साथ ही अधिकृत एजेंसी के साथ फॉलो-अप करना, वरिष्ठ नागरिक को जानकारी देने जैसे कार्य करेगी.

वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से हुई हेल्पलाइन की लांचिंग

हेल्पलाइन के समन्वयक डॉ. उमेश गुप्ता ने जिला कलक्ट्रेट में हेल्पलाइन की शुभारम्भ के कार्यक्रम का आयोजन किया. यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. आरएल रैना, प्रो. आशीष गुप्ता (वीसी), समर्थ संस्थान के सीईओ गौरव अग्रवाल, फैकल्टी स्टाफ कॉन्फ्रेसिंग के जरिए इस कार्यक्रम से जुडे़. इस मौके पर अतिरिक्त जिला कलक्टर द्वितीय और जिला हैल्पलाइन के नोडल अधिकारी पुरूषोत्तम शर्मा भी शामिल हुए.

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