ETV Bharat / city

शनिवार के दिन करें शनि चालीसा का पाठ, मिलेगी इन दोषों से मुक्ति - Shanidev Worshiped On Saturday

शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा-आराधना और व्रत (Shanidev Worshiped On Saturday) किया जाता है. ऐसा करने से न्याय और कर्मफल दाता शनिदेव (Jai Shani Dev) महाराज प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को शनि दशा और शनिदोष से मुक्ति प्रदान करते हैं. शनिदेव की पूजा करने वाला जातक सभी प्रकार के दुखों से रहित रहता है.

Jai Shani Dev
शनिवार के दिन करें शनि चालीसा का पाठ
author img

By

Published : Mar 12, 2022, 6:45 AM IST

जयपुर. शनिवार के दिन विधिवत रूप से भगवान शनि की पूजा (Shanidev Worshiped On Saturday) की जाती है. उन्हें शनिवार का अधिष्ठाता देव माना गया है. सनातन धर्म में शनिदेव को न्याय का देवता कहा गया है जो कर्मों के अनुसार व्यक्ति को फल देते हैं. शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार के दिन व्रत करना सबसे लाभदायक माना गया है.

मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त शनिवार के दिन भगवान शनि देव की पूजा (Shani Dev Chalisa paath) करता है उसके जीवन में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है तथा वह हर एक प्रकार के कष्टों से दूर रहता है. जिस व्यक्ति के ऊपर शनि की महादशा होती है उसे भी इससे मुक्ति पाने के लिए शनिवार का व्रत (Fasting On Saturday) करना चाहिए.

अगर व्रत न कर पाएं तो!: अगर आप शनिवार के दिन व्रत आदि भी नहीं कर पाएं तो आप इस दिन शनिदेव भगवान को आरती और उनकी चालीसा पढ़कर भी प्रसन्न कर सकते हैं. इस दिन शनि चालीसा पढ़ने से आपको शनिवार व्रत के बराबर ही फल की प्राप्ति होती है.

पढ़ें- Horoscope Today 12 March 2022 राशिफल : मेष, मिथुन, सिंह, कन्या, धनु, मकर राशि वालों के लिए आज का दिन शुभ

कैसे करें शनिदेव की आराधना: शनिवार का व्रत रखने वाले लोगों को सुबह जल्दी उठकर नित्यकर्म और स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए. संकल्प लेने के बाद घर में शनिदेव की प्रतिमा (Shani Dev Chalisa paath) स्थापित कीजिए. अगर लोहे की प्रतिमा हो तो यह उत्तम माना जाता है. प्रतिमा स्थापित करने के बाद भगवान शनि को पंचामृत से स्नान करवाएं और चावलों से बनाए 24 दल के कमल पर इस मूर्ति को स्थापित करें.इसके बाद शनिदेव को काला वस्त्र, फूल, काला तिल, धूप आदि अर्पित करें फिर तेल का दीपक जलाकर उनकी पूजा करें. अंत में कथा का पाठ करके आरती करें.

दोषों से मिलती है मुक्ति: मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त शनिवार का व्रत रखते हैं उन्हें शनि ग्रह के दोष से मुक्ति मिलती है. शनिवार का व्रत रखने से जीवन में आने वाले प्रकोप से बचा जा सकता है. ऐसा कहा जाता है कि साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति पाने के लिए भी शनिवार का व्रत रखना चाहिए. शनिवार का व्रत रखने से नौकरी और व्यापार में भी सफलता मिलती है और जीवन में हमेशा सुख-समृद्धि और मान-सम्मान बना रहता है.

जयपुर. शनिवार के दिन विधिवत रूप से भगवान शनि की पूजा (Shanidev Worshiped On Saturday) की जाती है. उन्हें शनिवार का अधिष्ठाता देव माना गया है. सनातन धर्म में शनिदेव को न्याय का देवता कहा गया है जो कर्मों के अनुसार व्यक्ति को फल देते हैं. शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार के दिन व्रत करना सबसे लाभदायक माना गया है.

मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त शनिवार के दिन भगवान शनि देव की पूजा (Shani Dev Chalisa paath) करता है उसके जीवन में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है तथा वह हर एक प्रकार के कष्टों से दूर रहता है. जिस व्यक्ति के ऊपर शनि की महादशा होती है उसे भी इससे मुक्ति पाने के लिए शनिवार का व्रत (Fasting On Saturday) करना चाहिए.

अगर व्रत न कर पाएं तो!: अगर आप शनिवार के दिन व्रत आदि भी नहीं कर पाएं तो आप इस दिन शनिदेव भगवान को आरती और उनकी चालीसा पढ़कर भी प्रसन्न कर सकते हैं. इस दिन शनि चालीसा पढ़ने से आपको शनिवार व्रत के बराबर ही फल की प्राप्ति होती है.

पढ़ें- Horoscope Today 12 March 2022 राशिफल : मेष, मिथुन, सिंह, कन्या, धनु, मकर राशि वालों के लिए आज का दिन शुभ

कैसे करें शनिदेव की आराधना: शनिवार का व्रत रखने वाले लोगों को सुबह जल्दी उठकर नित्यकर्म और स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए. संकल्प लेने के बाद घर में शनिदेव की प्रतिमा (Shani Dev Chalisa paath) स्थापित कीजिए. अगर लोहे की प्रतिमा हो तो यह उत्तम माना जाता है. प्रतिमा स्थापित करने के बाद भगवान शनि को पंचामृत से स्नान करवाएं और चावलों से बनाए 24 दल के कमल पर इस मूर्ति को स्थापित करें.इसके बाद शनिदेव को काला वस्त्र, फूल, काला तिल, धूप आदि अर्पित करें फिर तेल का दीपक जलाकर उनकी पूजा करें. अंत में कथा का पाठ करके आरती करें.

दोषों से मिलती है मुक्ति: मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त शनिवार का व्रत रखते हैं उन्हें शनि ग्रह के दोष से मुक्ति मिलती है. शनिवार का व्रत रखने से जीवन में आने वाले प्रकोप से बचा जा सकता है. ऐसा कहा जाता है कि साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति पाने के लिए भी शनिवार का व्रत रखना चाहिए. शनिवार का व्रत रखने से नौकरी और व्यापार में भी सफलता मिलती है और जीवन में हमेशा सुख-समृद्धि और मान-सम्मान बना रहता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.