जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस की आपसी फूट कोई नई नहीं है. चाहे सरकार बनने से पहले की बात हो या फिर हालिया सियासी घटनाक्रम. कांग्रेस जैसी सबसे पुरानी पार्टी के राजस्थान इकाई के वरिष्ठ नेताओं और युवा नेताओं के ऊपर सियासी बादल क्यों मंडरा जाते हैं, इसका जवाब शायद किसी के पास नहीं है. लेकिन इसका सबसे बड़ा कारण प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के बाहर और मुख्य गेट पर लगे लोहे के होर्डिंग को माना जा रहा है.
काफी हद तक यही हकीकत है. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि आज तक जब भी प्रदेश में कोई संकट आया, चाहे वह प्राकृतिक आपदा हो या फिर किसान आंदोलन. यहां तक की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की आपसी तकरार, उन सबका अगर कोई सबसे बड़ा कारण रहा है तो वह सत्तारूढ़ पार्टी के पार्टी मुख्यालय का वास्तु दोष.
पढ़ें- राजस्थान का सियासी घमासानः राजनीतिक उठापटक के बीच क्या रहा दिनभर का घटनाक्रम, जानें एक क्लिक में..
वर्तमान में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और इनके पार्टी मुख्यालय की ईशान दिशा में एक बहुत ऊंचा होर्डिंग लगा हुआ था, जिसको सचिन पायलट की बगावत के साथ ही उतार दिया. लेकिन फिर भी लोहे का भारी भरकम फ्रेम ज्यों का त्यों लगा हुआ देख पार्टी पदाधिकारियों ने फैसला लिया कि इसको भी उखाड़ दो. ऐसे में अब लोहे के फ्रेम को मजदूरों की मदद से नीचे पटक कर कबाड़ में डाल दिया गया.
ज्योतिषी एसके महेता के अनुसार इस लोहे के होर्डिंग को लेकर उन्होंने कही बार पार्टी नेताओं को अवगत भी करवाया, लेकिन तब सिर्फ होर्डिंग हटाए गए. उन्होंने कहा कि लोहे का बड़ा फ्रेम नहीं हटवाया गया, जबकि यही फ्रेम पार्टी मुख्यालय के गंभीर वास्तु दोष की वजह बना हुआ था. लेकिन अब जिस तरह से पार्टी नेताओं की आपसी कलह खुलेआम हो गई है और अस्थिर सरकार के खिलाफ आक्रोश बढ़ा है तो आनन फानन में इस फ्रेम को भी हटवा दिया गया है.
पढ़ें- सियासी संकट LIVE : राजस्थान में बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के हर पल की अपडेट यहां देखें
महेता ने बताया कि सन 1997 में भाजपा ने अपने प्रदेश पार्टी मुख्यालय की दक्षिणी नैऋत्य दिशा में एक पानी का टैंक बना लिया था, जिस गंभीर वास्तु दोष की वजह से प्याज के दाम इतने बढ़ गए थे की सरकार ही चली गई. ठीक इसी तरह कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में भी ये लोहे का होर्डिंग वास्तु दोष बना हुआ था, जिसकी वजह से ही पार्टी की लोकसभा चुनावों में एक भी सीट नहीं आई और अब प्रदेश सरकार और कांग्रेस का हालिया घटनाक्रम सबके सामने है.