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जयपुर: शहर के नालों को चौड़ा, कवर और पक्का करने की कवायद तेज

जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से जलभराव की समस्या से निजात के लिए अब 2.8 किलोमीटर लंबे पक्के कवर नाले का कार्यादेश जारी किया गया है. वहीं, करतारपुरा नाले की चौड़ाई और एलाइनमेंट नए सिरे से तय कर नाले को पक्का करने का प्रपोजल भी तैयार किया जा रहा है.

Jaipur Development Authority,  cover and strengthen jaipur drains
शहर के नालों को चौड़ा, कवर और पक्का करने की कवायद तेज
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Published : Sep 11, 2020, 10:55 PM IST

जयपुर. आमजन को वर्षा से होने वाले जलभराव की समस्या से निजात के लिए अब 2.8 किलोमीटर लंबे पक्के कवर नाले का कार्यादेश जारी किया गया है. वहीं, करतारपुरा नाले की चौड़ाई और एलाइनमेंट नए सिरे से तय कर नाले को पक्का करने का प्रपोजल भी तैयार किया जा रहा है.

जेडीए शहर के ड्रेनेज सिस्टम के सुधार के लिए कई प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहा है

जेडीए शहर के ड्रेनेज सिस्टम के सुधार के लिए कई प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहा है. जिसमें करतारपुरा नाले को प्राथमिकता दी जाएगी. यहां हर साल मानसून में होने वाले नुकसान को मद्देनजर रखते हुए, अब इसे पक्का करने का फैसला लिया गया है. जेडीए इस प्रोजेक्ट को लेकर राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजेगा. जिसमें नाले की चौड़ाई और एलाइनमेंट नए सिरे से तय की जाएगी. सरकार के निर्देशों के बाद नाले को पक्का करने का कार्य शुरू किया जाएगा. इसके साथ ही अजमेर रोड से पंडित पैराडाइज होते हुए 200 फीट मांग्यावास रोड पर पक्के कवर नाले का निर्माण भी किया जाएगा. साथ ही 200 फीट मांग्यावास रोड से ग्राम नेवटा तक भी इसी तरह नाले का निर्माण कार्य करवाया जाएगा. जिसकी लंबाई 2.8 किलोमीटर है, और लागत 6.13 करोड़ रुपए है.

पढ़ें: कृषि के क्षेत्र में काफी कुछ किया गया है और काफी कुछ किया जाना बाकी हैः राज्यपाल मिश्र

जेडीसी गौरव गोयल ने बताया कि करतारपुरा नाले की चौड़ाई बढ़ाने और पक्का करने के लिए एक प्रपोजल बनाया जा रहा है. चूंकि करतारपुरा नाला का कुछ हिस्सा जेडीए कुछ निगम तो कुछ हिस्सा रेवेन्यू और वाटर रिसोर्सेज के अंतर्गत आता है. ऐसे में निचले हिस्से को पक्का करने और चौड़ाई निर्धारित करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेजा जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके अलावा बारिश के दिनों में जहां-जहां जलभराव की स्थिति बनी, उन सभी जगह भविष्य में बारिश की वजह से कोई परेशानी ना हो. उसके समाधान का भी सभी जोन उपायुक्तों को टारगेट दिया गया है.

बहरहाल, जेडीए प्रशासन अब ड्रेनेज समाधान में जुट गया है। इसके लिए विभिन्न जोन उपायुक्तों के द्वारा प्रपोजल भी भेजे जा चुके हैं। वहीं कुछ का कार्यादेश भी जारी कर दिया गया है। जेडीए की कोशिश यही है कि जो नुकसान इस बार मानसून में हुआ वो आगामी समय में ना हो।

जयपुर. आमजन को वर्षा से होने वाले जलभराव की समस्या से निजात के लिए अब 2.8 किलोमीटर लंबे पक्के कवर नाले का कार्यादेश जारी किया गया है. वहीं, करतारपुरा नाले की चौड़ाई और एलाइनमेंट नए सिरे से तय कर नाले को पक्का करने का प्रपोजल भी तैयार किया जा रहा है.

जेडीए शहर के ड्रेनेज सिस्टम के सुधार के लिए कई प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहा है

जेडीए शहर के ड्रेनेज सिस्टम के सुधार के लिए कई प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहा है. जिसमें करतारपुरा नाले को प्राथमिकता दी जाएगी. यहां हर साल मानसून में होने वाले नुकसान को मद्देनजर रखते हुए, अब इसे पक्का करने का फैसला लिया गया है. जेडीए इस प्रोजेक्ट को लेकर राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजेगा. जिसमें नाले की चौड़ाई और एलाइनमेंट नए सिरे से तय की जाएगी. सरकार के निर्देशों के बाद नाले को पक्का करने का कार्य शुरू किया जाएगा. इसके साथ ही अजमेर रोड से पंडित पैराडाइज होते हुए 200 फीट मांग्यावास रोड पर पक्के कवर नाले का निर्माण भी किया जाएगा. साथ ही 200 फीट मांग्यावास रोड से ग्राम नेवटा तक भी इसी तरह नाले का निर्माण कार्य करवाया जाएगा. जिसकी लंबाई 2.8 किलोमीटर है, और लागत 6.13 करोड़ रुपए है.

पढ़ें: कृषि के क्षेत्र में काफी कुछ किया गया है और काफी कुछ किया जाना बाकी हैः राज्यपाल मिश्र

जेडीसी गौरव गोयल ने बताया कि करतारपुरा नाले की चौड़ाई बढ़ाने और पक्का करने के लिए एक प्रपोजल बनाया जा रहा है. चूंकि करतारपुरा नाला का कुछ हिस्सा जेडीए कुछ निगम तो कुछ हिस्सा रेवेन्यू और वाटर रिसोर्सेज के अंतर्गत आता है. ऐसे में निचले हिस्से को पक्का करने और चौड़ाई निर्धारित करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेजा जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके अलावा बारिश के दिनों में जहां-जहां जलभराव की स्थिति बनी, उन सभी जगह भविष्य में बारिश की वजह से कोई परेशानी ना हो. उसके समाधान का भी सभी जोन उपायुक्तों को टारगेट दिया गया है.

बहरहाल, जेडीए प्रशासन अब ड्रेनेज समाधान में जुट गया है। इसके लिए विभिन्न जोन उपायुक्तों के द्वारा प्रपोजल भी भेजे जा चुके हैं। वहीं कुछ का कार्यादेश भी जारी कर दिया गया है। जेडीए की कोशिश यही है कि जो नुकसान इस बार मानसून में हुआ वो आगामी समय में ना हो।

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