जयपुर. देश भर में कोरोना का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. कोरोना के इस कहर के बीच प्रदेश में उद्योगों को पटरी पर लाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. वहीं, उद्योग और राजकीय उपक्रम मंत्री परसादी लाल मीणा ने सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योगों को देश के आर्थिक विकास का ग्रोथ इंजन बताया है. साथ ही कहा कि, प्रदेश के औद्योगिक विकास में एमएसएमई सेक्टर की भूमिका को रेखांकित किया है और राज्य सरकार एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबंध है.
मीणा ने कहा कि, कृषि के बाद एमएसएमई सेक्टर सबसे अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराता है. कोविड-19 के दौर में एमएसएमई सेक्टर ने नए विचारों को अपनाते हुए नए सिरे से अपनी भूमिका तय की है. ऐसे में इस सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए राज्य में नए एमएसएमई उद्योग की स्थापना को आसान करते हुए 3 साल तक आवश्यक विभागीय अनुमति और निरीक्षण से मुक्त किया है. वहीं, प्रदेश में 5 हजार से ज्यादा लोगों ने राज उद्योग मित्र पोर्टल से मात्र 2 मिनट से भी कम समय में एंक्लोजमेंट सुविधाओं का लाभ उठाया है. इसके अलावा राज्य सरकार ने वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए लघु उद्योगों प्रोत्साहन योजना शुरू की है. जिसमे अधिकतम 8 प्रतिशत का ब्याज अनुदान किया जा रहा है.
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अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि, कोरोना वायरस में लॉकडाउन के कारण बंद उद्योगों ने राज्य सरकार के समन्वित प्रयासों से विविधीकरण अपनाते हुए देश और प्रदेश में पीपीई किट की मांग और घर-घर की जरूरत बने सैनिटाइजर और मास्क बनाने के काम किए. इंटरनेशनल स्तर की डूंगरपुर की इंडस्ट्री, फालना पाली की अंब्रेला इंडस्ट्रीज, जयपुर की परफ्यूम बनाने वाली पद्मावती इंडस्ट्रीज और खादी संस्थाओं आदि ने समय की मांग को देखते हुए नवाचार अपनाया है. रेनवेयर बनाने वाली डूंगरपुर की इंडस्ट्री ने 1 लाख 10 हजार से ज्यादा पीपीई किट उपलब्ध कराए हैं. वहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुके उद्योगों के साथ मिलकर कोरोना वायरस के उपयोग के हजारों की संख्या में मास्क और सैनिटाइजर उपलब्ध कराएं है.